क्या डोनाल्ड ट्रंप भारत पर भी लगाएंगे टैरिफ और केंद्र सरकार की क्या है तैयारी?
क्या है खबर?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता पर काबिज होते ही 3 प्रमुख व्यापारिक साझेदारों (कनाडा, चीन और मेक्सिको) के उत्पादों पर टैरिफ लगा दिया है, जिससे एक तरह का व्यापार युद्ध छिड़ गया है।
यह टैरिफ 1 फरवरी से लागू हो गया है। इसमें कनाडा और मेक्सिको से आने वाले सामानों पर 25 प्रतिशत और चीन पर 10 प्रतिशत टैरिफ लगाया है।
आइए जानते हैं कि क्या अब राष्ट्रपति ट्रंप भारत पर भी टैरिफ लगाएंगे या यह टल गया।
हालात
तीनों देशों पर टैरिफ लगाने से बिगड़ सकते हैं हालात
राष्ट्रपति ट्रंप ने टैरिफ आदेश पर कहा कि इससे अमेरिकियों को आर्थिक परेशानी हो सकती है, लेकिन अमेरिकी हितों की सुरक्षा के लिए यह 'कीमत वसूल' निर्णय रहेगा। वह अमेरिका को फिर से महान बनाएंगे।
अमेरिका के इस निर्णय के बाद कनाडा, चीन और मेक्सिको ने भी जवाबी टैरिफ लगाने का निर्णय किया है।
कनाडा ने मंगलवार से अमेरिकी आयातों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का आदेश दिया है और मेक्सिको ने भी ऐसा कदम उठाने का आदेश दिया है।
कार्रवाई
कनाडा ने क्या की है जवाबी कार्रवाई?
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि मंगलवार से 1.77 लाख करोड़ रुपये मूल्य की अमेरिकी शराब, फल, सौंदर्य प्रसाधन और कागज उत्पाद पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा।
इसी तरह 125 अरब कनाडाई डॉलर (करीब 7.37 लाख करोड़ रुपये) कीमत के यात्री वाहन, ट्रक, स्टील और एल्युमीनियम उत्पादों पर भी जल्द ही 25 प्रतिशत टैरिफ शुरू किया जाएगा।
मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम और चीन ने भी ऐसा ही कदम उठाने का आदेश दिया है।
राहत
राष्ट्रपति ट्रंप ने टैरिफ के मामले में फिलहाल भारत को बख्शा
हालांकि, राष्ट्रपति ट्रंप ने टैरिफ युद्ध से फिलहाल के लिए भारत को अलग कर दिया। हालांकि, भविष्य में भारत पर टैरिफ लगाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
इसका कारण है कि ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान के दौरान भारत के टैरिफ ढांचे की आलोचना करते हुए आयात शुल्क के मामले में उसे बहुत बड़ा दुर्व्यवहार करने वाला देश बताया था।
उन्होंने कहा था कि भारत बहुत चतुर है और अपना हित देखने में बिल्कुल पीछे नहीं हैं।
पृष्ठभूमि
भारत को 'टैरिफ किंग' करार दे चुके हैं ट्रंप
ट्रंप 2019 में भी भारत को 'टैरिफ किंग' करार दे चुके हैं। उन्होंने कहा था, "भारत दुनिया में सबसे ज्यादा टैक्स लगाने वाले देशों में से एक हैं। उन्होंने हम पर 100 प्रतिशत टैक्स लगाया है। वो हमारे सामानों पर 100 प्रतिशत टैरिफ वसूलते हैं और हम उनसे कुछ भी नहीं लेते। हम भारत को हार्ले डेविडसन भेजते हैं और वे हमसे 100 प्रतिशत लेते हैं।"
ऐसे में पूरी उम्मीद है कि वह भारत पर भी टैरिफ लगाएंगे।
कदम
भारत ने टैरिफ से बचने के लिए उठाया बड़ा कदम
हालांकि, भारत ने व्यापार युद्ध से बचने के लिए बड़ा कदम उठाया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को अपने बजट भाषण में हाई-एंड मोटरसाइकिल, कार और स्मार्टफोन पार्ट्स पर सीमा शुल्क में कटौती की घोषणा की है।
इस घोषणा से हार्ले-डेविडसन, टेस्ला और ऐपल जैसी अमेरिकी कंपनियों को बड़ी राहत मिलेगी।
ऐसे में माना जा रहा है कि भारत ने अमेरिका के कदम को देखते हुए पहले ही उसे शांत करने का रास्ता तैयार कर दिया।
कटौती
भारत ने इन कटौतियों की भी की है घोषणा
वित्त मंत्री ने बजट भाषण में 1600 सीसी से कम इंजन क्षमता वाली मोटरसाइकिलों के लिए पूरी तरह निर्मित (CBU) पर शुल्क 50 प्रतिशत से घटाकर 40 प्रतिशत कर दिया है।
इसके अतिरिक्त, 40,000 डॉलर (34 लाख रुपये) से अधिक कीमत वाली लक्जरी कारों पर टैरिफ दर को 125 प्रतिशत से घटाकर 70 प्रतिशत कर दिया।
माना जा रहा है कि भारत के इस कदम से अमेरिका सहित अन्य व्यापारिक साझेदारों को बड़ा फायदा होगा।
बयान
भारत का औसत टैरिफ 10.6 प्रतिशत पर आया- वित्त सचिव
भारत के वित्त सचिव तुहिन कांत पांडे ने भी द हिंदू से कहा, "हमने 150 प्रतिशत, 125 प्रतिशत, 100 प्रतिशत, 40 प्रतिशत, 35 प्रतिशत, 30 प्रतिशत, 25 प्रतिशत की उच्चतम टैरिफ दरों को समाप्त कर दिया है। वे दर स्लैब समाप्त हो गए हैं। यह हमारे उद्योग के साथ-साथ दुनिया के लिए भी एक संकेत है कि हम उच्च टैरिफ वाले देश नहीं हैं। हमारा औसत टैरिफ अब 10.6 प्रतिशत पर आ गया, जो पहले 11.55 प्रतिशत पर था।"
तैयारी
भारत टैरिफ से बचने की कर रहा तैयारी
भारत ने अमेरिकी टैरिफ से बचने की और भी तैयारी की है।
वित्त सचिव पांडे ने बताया कि भारत सरकार आने वाले महीनों में अमेरिकी सरकार के फैसलों के आधार पर एक पूर्ण प्रतिक्रिया योजना शुरू कर सकती है। अमेरिकी टैरिफ को आकर्षित करने वाले सामानों की सूची तैयार करने के लिए अंतर-मंत्रालयी चर्चा चल रही है। हालांकि, अमेरिका के टैरिफ लगाने या न लगाने पर अभी भी कुछ कहा नहीं जा सकता है।