केंद्रीय बजट की तारीख क्यों की गई बदलकर 1 फरवरी? जानिए यहां
क्या है खबर?
केंद्रीय बजट देश की आर्थिक योजना का अहम हिस्सा होता है।
वर्षों तक यह बजट फरवरी के आखिरी कार्य दिवस को पेश किया जाता था, जो वित्तीय वर्ष की शुरुआत से केवल 1 महीने पहले होता था। इससे योजनाओं में देरी होती थी और फंड आवंटन भी प्रभावित होता था।
केंद्र सरकार ने 2017 में यह फैसला लिया कि बजट को 1 फरवरी को पेश किया जाए। इस बदलाव का उद्देश्य वित्तीय नियोजन को प्रभावी और समय पर बनाना था।
वजह
संसाधन आवंटन और परियोजना क्रियान्वयन में सुधार
1 फरवरी को बजट पेश करने से मंत्रालयों को वित्तीय वर्ष की शुरुआत से पहले अपने संसाधनों का बेहतर तरीके से आवंटन करने का समय मिल गया।
इससे परियोजनाओं की मंजूरी के लिए पर्याप्त समय मिलता है। पहले फरवरी के आखिरी दिन बजट पेश होने से, विभागों को परियोजनाओं के लिए जल्दी से धन का उपयोग करना पड़ता था।
नए समय से मंत्रालयों को योजनाओं को लागू करने में मदद मिलती है और सरकार के फैसलों की गति बढ़ती है।
अन्य वजह
भारत की वित्तीय योजना में सुधार
भारत ने 1 फरवरी को बजट पेश करके वैश्विक प्रथाओं का पालन किया है। अधिकांश देशों में अपने वित्तीय वर्ष की शुरुआत से पहले बजट पेश किया जाता है।
1 फरवरी की तारीख को लागू करके, भारत ने अपने वित्तीय कामकाजी ढांचे को और भी आधुनिक और प्रभावी बना दिया है।
यह बदलाव भारत की आर्थिक प्रणाली को अधिक कुशल बनाने में मदद करता है और वैश्विक आर्थिक नीतियों के साथ इसे बेहतर रूप से जोड़ता है।