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दावोस में डोनाल्ड ट्रंप की कारोबारियों को धमकी, बोले- अमेरिका में उत्पाद बनाएं या टैरिफ झेलें
डोनाल्ड ट्रंप ने दावोस में कारोबारियों को धमकी दी (तस्वीर: एक्स/@TheRubberDuck79)

दावोस में डोनाल्ड ट्रंप की कारोबारियों को धमकी, बोले- अमेरिका में उत्पाद बनाएं या टैरिफ झेलें

लेखन गजेंद्र
Jan 24, 2025
10:33 am

क्या है खबर?

अमेरिका के नवनियुक्त राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को स्वीट्जरलैंड के दावोस में चल रहे विश्व आर्थिक मंच (WEF) में भी अपनी धमकी का सिलसिला जारी रखा। उन्होंने यहां वैश्विक कारोबारियों को साफतौर पर कहा कि वे अपने विनिर्माण कार्यों को अमेरिका में लाएं या फिर अधिक टैरिफ का सामना करने के लिए तैयार रहें। हालांकि, उन्होंने कहा कि कारोबारी यह चुनने में स्वतंत्र है कि उसे अपना माल कहां बनाना है, लेकिन अमेरिका में इसके अलग परिणाम होंगे।

धमकी

ट्रंप ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया

ट्रंप ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कहा, "दुनिया के हर व्यवसाय के लिए मेरा संदेश सरल है। अपना उत्पाद अमेरिका में बनाइए और हम आपको दुनिया के किसी भी देश की तुलना में सबसे कम टैक्स देंगे। यदि आप अपना उत्पाद अमेरिका में नहीं बनाते, जो आपका विशेषाधिकार है, तो बहुत सरलता से, आपको टैरिफ का भुगतान करना होगा।" ट्रंप ने सऊदी अरब से तेल की लागत में कटौती करने और निवेश को एक लाख करोड़ डॉलर तक बढ़ाने को कहा।

बयान

आगे क्या बोले ट्रंप?

ट्रंप ने आगे कहा, "मैंने हास्यास्पद और बेहद बेकार ग्रीन न्यू डील को समाप्त कर दिया। मैं इसे ग्रीन न्यू घोटाला कहता हूं, एकतरफ़ा पेरिस जलवायु समझौते से हट गया हूं और पागलपन भरे और महंगे इलेक्ट्रिक वाहन जनादेश को समाप्त कर दिया है। दुनिया के किसी भी देश की तुलना में अमेरिका के पास सबसे ज़्यादा तेल और गैस है और हम इसका इस्तेमाल करने जा रहे हैं। सऊदी अरब और ओपेक तेल की कीमत कम करना ही होगा।"

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युद्ध

तेल की कीमत कम होने से यूक्रेन युद्ध रुकेगा- ट्रंप

ट्रंप ने दावा किया कि अगर तेल की कीमतें कम हो जाती हैं तो रूस-यूक्रेन युद्ध तुरंत समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि वह मांग करेंगे कि ब्याज दरें तुरंत कम हो जाएं और इसी तरह पूरी दुनिया में ब्याज दरें कम होनी चाहिए। बता दें, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कुछ घंटे पहले घोषणा की थी कि उनका देश अगले चार वर्षों में अमेरिका में 600 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश करना चाहता है।

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