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डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता संभालते ही पुतिन-जिनपिंग की वीडियो कॉल, क्या है बातचीत के मायने? 
डोनाल्ड ट्रंप ने शी जिनपिंग से बातचीत की (तस्वीर: एक्स/@mfa_russia)

डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता संभालते ही पुतिन-जिनपिंग की वीडियो कॉल, क्या है बातचीत के मायने? 

लेखन गजेंद्र
Jan 22, 2025
03:02 pm

क्या है खबर?

अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता संभालते ही रूस और चीन ने अपनी दोस्ती की मजबूती को प्रदर्शित किया। व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग ने एक-दूसरे से वीडियो कॉल पर बात की और द्विपक्षीय संबंधों को अधिक ऊंचाइयों पर ले जाने का संकल्प लिया। बातचीत के दौरान पुतिन ने शी को अपना "प्रिय मित्र" बताया और कहा कि बाहरी दबाव के बावजूद दोनों मित्रता, विश्वास और समर्थन बना रहे हैं। आइए, जानते हैं इस बातचीत के मायने क्या हैं?

बातचीत

दोनों देशों के बीच क्या हुई बातचीत?

पुतिन और शी की बातचीत का कोई आधिकारिक ब्योरा नहीं है, लेकिन रूस के विदेश नीति सलाहकार यूरी उशाकोव ने बताया कि उन्होंने ट्रंप के साथ बातचीत और यूक्रेन में युद्ध समाप्ति के लिए शांति समझौते की संभावनाओं पर चर्चा की। उशाकोव ने बताया कि मॉस्को यूक्रेन मुद्दे पर ट्रंप प्रशासन के साथ बातचीत को तैयार है और ठोस प्रस्तावों का इंतजार कर रहा है। पुतिन ने शी से कहा कि यूक्रेन समझौते में रूसी हितों का सम्मान होना चाहिए।

चर्चा

डेढ़ घंटे तक हुई बातचीत

उशाकोव ने बताया कि यह बातचीत करीब डेढ़ घंटे तक चली थी। इस दौरान पुतिन और शी ने मध्य पूर्व, दक्षिण कोरिया और ताइवान की स्थिति पर चर्चा की। दोनों ने पुष्टि की अगर ट्रंप प्रशासन समझौते में दिलचस्पी दिखाता है तो वे अमेरिका के साथ पारस्परिक रूप से लाभकारी और सम्मानजनक आधार पर संबंध बनाने के लिए तैयार हैं। बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने सीधे तौर पर ट्रंप का नाम नहीं लिया।

मायने

बातचीत के मायने क्या हैं?

रूस के यूक्रेन पर पूर्ण आक्रमण के बाद उसका पश्चिमी देशों के साथ संघर्ष बढ़ा है। इसके बाद रूस ने व्यापार भागीदार और महत्वपूर्ण कूटनीतिक सहयोगी के रूप चीन पर अपनी निर्भरता बढ़ा दी है। इसके बदले, बीजिंग रूस के पश्चिम से अलग-थलग होने का फायदा उठा रहा और उसके संसाधनों और बाजारों तक अपनी महत्वपूर्ण पहुंच हासिल की है। अब ट्रंप ने बीजिंग पर टैरिफ लगाने की धमकी दी है, जिससे दोनों देश की चिंता बढ़ गई है।

समझौता

बीजिंग पर बढ़ेगा समझौते का दबाव

ट्रंप ने सत्ता संभालते ही बीजिंग पर टैरिफ लगाने की धमकी दी थी और कहा था कि अगर वह यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने के लिए समझौता नहीं करता, तो मास्को के लिए बड़ी मुसीबत आ जाएगी। बीजिंग पर आरोप है कि उसने यूक्रेन में संघर्ष के लिए जरूरी चीजें उपलब्ध कराकर मास्को की युद्ध मशीन का निर्माण कर रहा है। शी ने पिछले हफ्ते ट्रंप से बातचीत की है, लेकिन पुतिन ने अभी तक बातकर बधाई नहीं दी है।

रिश्ते

चीन और रूस के बीच कितना मजबूत हुआ रिश्ता?

यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के बाद से रूस और चीन के बीच कूटनीतिक रिश्ता मजबूत हुआ है। फरवरी 2022 में पुतिन ने यूक्रेन में हजारों सैनिक भेजने से पहले बीजिंग का दौरा किया था। तब दोनों देशों ने बिना सीमा के साझेदारी का ऐलान किया। इसके बाद से दोनों एक-दूसरे की राजधानियों का दौरा करते रहे और मजबूत सहयोगी बन गए। दोनों देशों के बीच व्यापार 2021 के बाद 64 प्रतिशत बढ़ गया है।