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#NewsBytesExplainer तमिलनाडु और केंद्र सरकार में भाषा और परिसीमन को लेकर क्या है विवाद? 
तमिलनाडु और केंद्र सरकार भाषा और परिसीमन को लेकर आमने-सामने हैं

#NewsBytesExplainer तमिलनाडु और केंद्र सरकार में भाषा और परिसीमन को लेकर क्या है विवाद? 

लेखन आबिद खान
Feb 26, 2025
05:21 pm

क्या है खबर?

तमिलनाडु और केंद्र सरकार के बीच भाषा विवाद के बाद अब परिसीमन को लेकर तनातनी सामने आई है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने आशंका जताई है कि परिसीमन के बाद राज्य में लोकसभा की सीटें कम हो सकती है। इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि ऐसा बिल्कुल नहीं होगा। इससे पहले राष्ट्रीय भाषा नीति को लेकर भी केंद्र सरकार और तमिलनाडु आमने-सामने आ चुके हैं। आइए विवाद जानते हैं।

भाषा विवाद

भाषा को लेकर क्या है विवाद?

तमिलनाडु और केंद्र सरकार के बीच नई शिक्षा नीति (NEP) की 3 भाषा नीति को लेकर विवाद है। इसके तहत छात्रों को 3 भाषा सीखनी होगी, जिसमें से एक हिंदी होगी। तमिलनाडु में इसका विरोध हो रहा है। मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा, "तमिलनाडु 'एक और भाषा युद्ध' के लिए तैयार है। सरकार कहती है कि अगर तमिलनाडु NEP लागू करता है तो उसे 2,000 करोड़ मिलेंगे। अगर केंद्र 10,000 करोड़ देगा तो भी हम NEP नहीं लागू करेंगे।"

3 भाषा नीति

क्या है 3 भाषा नीति?

NEP की 3 भाषा नीति के तहत बच्चों को 3 भाषा सीखनी होगी। पहली भाषा आमतौर पर छात्र की मातृभाषा या राज्य की क्षेत्रीय भाषा होगी। दूसरी भाषा में कोई भी अन्य भाषा हो सकती है। केंद्र सरकार दूसरी भाषा के लिए हिंदी को प्रोत्साहित करती है, लेकिन राज्य अपने हिसाब से दूसरी भाषा भी चुन सकते हैं। वहीं, तीसरी भाषा अंग्रेजी या अन्य कोई विदेशी भाषा होगा। तमिलनाडु का विरोध दूसरी भाषा को लेकर है।

विरोध

तमिलनाडु क्यों कर रहा है विरोध?

तमिलनाडु में हिंदी विरोध की जड़ें करीब 6 दशक पुरानी है। 1963 में हिंदी को आधिकारिक भाषा बनाने के प्रस्ताव का भी तमिलनाडु में तीखा विरोध हुआ था। तब करीब 70 लोगों की मौत के बाद सरकार को अपने कदम पीछे खींचने पड़े थे। वहीं, हिंदी विरोध के पीछे राजनीतिक वजहें भी हैं। द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (DMK) तमिल विरासत पर गर्व करती रही है। ऐसे में हिंदी के प्रति नरम रवैया पार्टी को नुकसान पहुंचा सकता है।

केंद्र

भाषा विवाद पर केंद्र का क्या कहना है?

भाषा विवाद पर 23 फरवरी को शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने स्टालिन को पत्र लिखा था। उन्होंने कहा था, "किसी भी भाषा को थोपने का सवाल नहीं है, लेकिन विदेशी भाषाओं पर अत्यधिक निर्भरता खुद की भाषा को सीमित करती है। नई NEP इसे ही ठीक करने का प्रयास कर रही है। केंद्र सरकार तमिल संस्कृति और भाषा को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने और लोकप्रिय बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।"

परिसीमन

परिसीमन को लेकर क्या है विवाद?

अगले साल लोकसभा सीटों का परिसीमन किया जाना है। जनसंख्या के आधार पर सीटों का परिसीमन होगा। इससे दक्षिणी राज्यों में लोकसभा की सीटें कम हो सकती हैं। मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा, "परिसीमन के बाद तमिलनाडु पर 8 लोकसभा सीटें कम होने का खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि तमिलनाडु ने परिवार नियोजन कार्यक्रम को लागू करके जनसंख्या नियंत्रण किया है। हम करीब 8 सीटें खोने जा रहे हैं और हमारे केवल 31 सांसद होंगे।"

जवाब

परिसीमन को लेकर केंद्र का क्या कहना है?

गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री स्टालिन के सीट घटने वाले दावे को खारिज किया है। उन्होंने कहा, "एमके स्टालिन और उनके बेटे वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए कई मुद्दे उठा रहे हैं। आज वे परिसीमन को लेकर बैठक करने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने लोकसभा में स्पष्ट कर दिया है कि परिसीमन के बाद भी दक्षिण के किसी भी राज्य की सीटें कम नहीं होंगी।"