विज्ञान और गणित में आ सकती हैं 'द्विभाषी किताबें', NCERT कर रही प्रस्ताव पर विचार
क्या है खबर?
शिक्षा को सुखद और आकर्षक बनाने के लिये राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) विज्ञान और गणित में 'द्विभाषी किताबें' लाने के प्रस्ताव पर विचार करेगी।
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने शिक्षा, महिला, बाल और युवा मामलों से संबंधित संसद की स्थायी समिति को यह जानकारी मंगलवार को दी।
रिपोर्ट के अनसार, क्षेत्रीय भाषाओं में सरल उदाहरण के साथ पुस्तक उपलब्ध कराना शिक्षा को आकर्षक बनाता है।
बयान
स्थानीय भाषाओं में जल्दी सीखता है बच्चा- साक्षरता विभाग
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने कहा कि शोधकर्ताओं ने यह बताया है कि जिस भाषा में बच्चा सबसे अधिक सहज रहता है, उसका उपयोग करने से बच्चे के पठन-पाठन के परिणामों में सुधार होता है और इसी के अनुरूप नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्थानीय सामग्री के साथ पाठ्य पुस्तकों की सिफारिश की गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक सभी पाठ्य पुस्तकें तस्वीरो और मानचित्रों आदि से भरपूर होंगी और चित्र और गतिविधियां आयु/वर्ग के उपयुक्त होंगी।
विचार
विज्ञान और गणित को 'द्विभाषी किताबें' तैयार करने पर हो रहा विचार
विभाग ने बताया कि वर्तमान में NCERT हिन्दी, अंग्रेजी और उर्दू माध्यम में पाठ्य पुस्तकों का प्रकाशन करती है और अन्य विषयों की पाठ्यपुस्तकें राज्यों द्वारा उनकी आवश्यकता के अनुसार तैयार की जाती हैं।
विभाग ने बताया कि राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचा (NCF) की सिफारिशों के आधार पर NCERT आने वाले समय में विज्ञान और गणित विषय में 'द्विभाषी किताबें' तैयार करने पर विचार करेगी।
शिक्षा नीति
नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति की तर्ज पर तैयार होगा पाठ्यक्रम
शिक्षा मंत्रालय और NCERT के दस्तावेजों के अनुसार, मध्यमिक शिक्षा के राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे (NCFCE) को नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति की तर्ज पर साल 2023 तक विकसित किया जायेगा।
यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों के अनुरूप NCF से सुझाव लेगा।
रिपोर्ट के अनुसार, NCERT के निदेशक ने समिति को बताया कि इतिहास की पाठ्य पुस्तकों सहित सामाजिक विज्ञान की पाठ्य पुस्तकों पर भी चर्चा प्रारंभ कर दी गई है।
डाटा
डिजिटल प्रारूप में भी उपलब्ध होंगी पुस्तकें
NCERT के निदेशक ने समिति को बताया कि सभी पाठ्य पुस्तके प्रिंट और डिजिटल प्रारूप में भी उपलब्ध होंगी जिसमें अतिरिक्त डिजिटल सामग्री के साथ त्वरित प्रतिक्रिया (QR) कोड शामिल होंगे।
न्यूजबाइट्स प्लस
क्या आप नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में ये बातें जानते हैं?
केंद्र सरकार ने साल 2020 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मंजूरी दी थी।
इस दौरान मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया था।
इस नीति में सभी उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए एक ही नियामक रखने और MPhil को खत्म करने का फैसला किया गया था।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में बनाई गई थी।
पुरानी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 986 में ड्राफ्ट हुई थी और 1992 में इसमें संशोधन किया गया था।