क्या है गंगा एक्सप्रेसवे की खासियत जिसका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है शिलान्यास?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अपने उत्तर प्रदेश के दौरे के दौरान शाहजहांपुर में राज्य के सबसे लंबे छह लेन वाले गंगा एक्सप्रेसवे का शिलान्यास किया। यह एक्सप्रेसवे मेरठ से प्रयागराज तक 12 जिलों से होकर गुजरेगा। राजनीतिक दृष्टि से एक्सप्रेसवे बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के के पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्र को आपस में जोड़ेगा। ऐसे में यहां जानते हैं कि यह एक्सप्रेसवे किन जिलों को जोड़ेगा और इसकी और क्या खासियत है।
गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश की प्रगति के नए द्वार खोलेगा- मोदी
गंगा एक्सप्रसेवे के शिलान्यास के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "मां गंगा सारे मंगलों और उन्नति की स्रोत हैं। मां गंगा सारे सुख देती हैं और सारी पीड़ा हर लेती हैं। ऐसे ही गंगा एक्सप्रेसवे भी उत्तर प्रदेश की प्रगति के नए द्वार खोलेगा।" उन्होंने कहा, "अब वो दिन दूर नहीं जब उत्तर प्रदेश की पहचान दुनिया में अगली पीढ़ी के राज्य के रूप में होगी। अब राज्य में एक्सप्रेसवे का जाल बिछाया जा रहा है, जो नए परिणाम देगा।"
प्रधानमंत्री मोदी ने साधा विपक्ष पर निशाना
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पहले बड़ी परियोजनाएं तिजोरी भरने के लिए कागज पर होती थी। आज उत्तर प्रदेश में जो आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो रहा है वो ये दिखाता है कि संसाधनों का सही उपयोग कैसे किया जाता है। उन्होंने कहा राज्य में पांच साल पहले बिजली खोजने पर भी नहीं मिलती थी, लेकिन अब उनकी डबल इंजन की सरकार ने राज्य में 80 लाख कनेक्शन मुफ्त दिए हैं और पहले से अधिक बिजली दी जा रही है।
उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा हाईवे होगा गंगा एक्सप्रेसवे
मेरठ से प्रयागराज तक यानी 594 किलोमीटर लंबा गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश का सबसे छह लेन हाईवे होगा। इसके निर्माण पर कुल 36,200 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह एक्सप्रेसवे मेरठ-बुलन्दशहर मार्ग (NH-334) पर मेरठ के बिजौली गांव से शुरू होकर प्रयागराज बाईपास (NH-19) पर जुडापुर दांदू गांव में खत्म होगा। इस एक्सप्रेसवे पर आस-पास के इलाकों के ग्रामीणों के सुगम आवागमन के लिए 3.75 मीटर चौड़ी सर्विस रोड भी निकाली जाएगी।
किन जिलों से होकर गुजरेगा गंगा एक्सप्रेसवे
594 किलोमीटर लंबा गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज से होकर गुजरेगा। शुरुआत में इसे छह लेन का बनाया जाएगा, लेकिन बाद में इसे आठ लेन का किया जाएगा। इसके साथ यह इन जिलों में पड़ने वाले सभी धार्मिक स्थलों को भी जोड़ेगा। इतना ही नहीं इस एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद राज्य के औद्योगिक विकास, व्यापार, कृषि, पर्यटन आदि क्षेत्रों को भी बढ़ावा मिलेगा।
मेरठ से प्रयागराज का सफर के समय में आई तीन घंटे की कमी
गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद मेरठ और प्रयागराज के बीच की दूरी भी घट जाएगी। पहले जहां इस सफर को पूरा करने में 11 घंटे का समय लगता था, इसके बाद यह दूरी आठ घंटे में पूरी हो सकेगी। इस एक्सप्रेसवे पर अधिकतम गति 120 किमी/घंटा तय की गई है जबकि 2 मुख्य टोल प्लाजा भी होंगे। अब तक एक्सप्रेसवे के लिए 94 फीसदी जमीन अधिग्रहीत की जा चुकी है। इसके अलावा गढ़मुक्तेश्वर में एक अन्य पुल बनाया जाएगा।
एक्सप्रेसवे पर बनाई जाएगी 3.5 किमी लंबी हवाई पट्टी
गंगा एक्सप्रेसवे की सबसे बड़ी खास बात यह होगी कि इसमें शाहजहांपुर में 3.5 किमी लंबी हवाई पट्टी भी बनाई जाएगी। इस हवाई पट्टी के जरिए भारतीय वायुसेना के विमान आपातकालीन स्थिति में उतरने के साथ वहां से उड़ान भी भर सकेंगे।
एक्सप्रेसवे पर बनाए जाएंगे कुल 28 फ्लाईओवर
गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना में लगभग 140 नदी, धारा, नहर और नाले शामिल हैं। इसके अलावा इस एक्सप्रेसवे पर 7 ओवरब्रिज, 14 बड़े पुल, 126 छोट पुल, 28 फ्लाईओवर और 381 अंडरपास का निर्माण किया जाना भी प्रस्तावित है। इसी तरह इस एक्सप्रेसवे पर कुल 17 जगहों पर इंटरचेंज की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इतना ही नहीं इसके निर्माण के लिए काटे जाने वाले पेड़ों की पूर्ती के लिए एक्सप्रेसवे के किनारे 18.55 लाख पेड़ लगाए जाएंगे।
कब बनकर तैयार होगा गंगा एक्सप्रेसवे?
बता दें कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकारण (NHAI) ने 26 नवंबर, 2020 को गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण को मंजूरी दी थी। अब इसका शिलान्यास किया गया है। इसके साल 2024 में लोगों के आवागमन के लिए पूरी तरह तैयार होने की संभावना है। बता दें कि इससे पहले नवंबर में प्रधानमंत्री मोदी ने सुल्तानपुर जिले में 'पूर्वांचल एक्सप्रेसवे' का उद्घाटन किया था। 341 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे लखनऊ को गाजीपुर से जोड़ता है।