उत्तर प्रदेश भाजपा में असंतोष के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ में हुई मुलाकात
उत्तर प्रदेश भाजपा में असंतोष के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले। दो दिन के दिल्ली दौरे पर आए योगी प्रधानमंत्री से मिलने उनके आवास पहुंचे और यहां दोनों के बीच घंटे भर से ज्यादा की बैठक हुई। इसके बाद अब योगी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात करेंगे। वे कल गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात कर चुके हैं। इन मुलाकातों को बेहद अहम माना जा रहा है।
महामारी को संभालने के तरीके के कारण असंतोष का सामना कर रहे हैं योगी
राजनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कोविड महामारी को संभालने के तरीके को लेकर अपनी ही पार्टी के नेताओं की आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश भाजपा के एक धड़े का मानना है कि योगी ने महामारी को अच्छे से नहीं संभाला और पार्टी को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। कुछ नेता काम करने के उनके "तानाशाही" रवैये से भी खुश नहीं हैं।
भाजपा और RSS ने पार्टी नेताओं से लिया था फीडबैक
असंतोष की इन खबरों के बीच भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने एक दो सदस्यीय पैनल राज्य भेजा था जिसने पार्टी नेताओं ने विस्तृत फीडबैक लिया था और स्थिति की समीक्षा की थी। भाजपा की पैतृक संस्था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने भी ऐसी ही समीक्षा की थी और इसमें महामारी का सरकार पर नकारात्मक असर पड़ने की बात सामने आई थी। RSS ने इसका असर 2024 लोकसभा चुनाव पर पड़ने की आशंका भी जताई थी।
योगी के नेतृत्व में ही विधानसभा चुनाव लड़ने की बात कह चुकी है भाजपा
इन फीडबैक के बाद बीते दिनों योगी की कुर्सी खतरे में होने की खबरें भी सामने आई थीं, हालांकि भाजपा ने इन खबरों को खारिज कर दिया था। इसी हफ्ते पार्टी ने कहा था कि राज्य में सरकार और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में कोई बदलाव नहीं होगा और पार्टी अगले साल योगी के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ेगी। हालांकि डैमेज कंट्रोल के लिए धार्मिक और जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए कैबिनेट का विस्तार किया जा सकता है।
जितिन प्रसाद की भाजपा में एंट्री पर भी हो सकती है चर्चा
प्रधानमंत्री और अमित शाह के साथ योगी की बैठकों में एक मुद्दा कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद की भाजपा में एंट्री का भी रह सकता है। प्रसाद को राज्य की ब्राह्मण राजनीति का एक बड़ा चेहरा माना जाता है और भाजपा उनके जरिए नाराज ब्राह्मण वोट बैंक को साधना चाहती है। दरअसल, योगी ठाकुर समुदाय से आते हैं और ब्राह्मण समुदाय से आने वाले विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद से ब्राह्मण भाजपा से नाराज चल रहे हैं।
ब्राह्मणों को साधने के लिए भाजपा ने अन्य कदम भी उठाए
ब्राह्मणों को साधने के लिए भाजपा ने अन्य कदम भी उठाए हैं और प्रधानमंत्री के करीबी रहे पूर्व IAS अधिकारी एके शर्मा को भी उत्तर प्रदेश भेजा गया है। कैबिनेट विस्तार के बाद उन्हें राज्य में अहम भूमिका दी जा सकती है।
किसान आंदोलन और महामारी के कारण राज्य में मुश्किल हुई है भाजपा की राह
बता दें कि उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और भाजपा का लक्ष्य इन चुनावों में 2017 के अपने प्रदर्शन को दोहराना है। हालांकि किसान आंदोलन और कोविड महामारी ने उसकी राह को मुश्किल किया है। जहां किसान आंदोलन के कारण पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राजनीतिक ताकत रखने वाला जाट समुदाय उससे नाराज चल रहा है, वहीं महामारी को अच्छे से न संभाल पाने का असर चुनावों पर पड़ना भी तय है।