यूक्रेन में फंसे नागरिकों को वापस लाने के लिए भारत सरकार की योजना क्या है?
यूक्रेन और रूस के बीच लगातार बढ़ते तनाव के कारण अब भारत सरकार ने वहां फंसे भारतीय नागरिक और दूतावास के अधिकारियों के परिजनों को निकालने के प्रयास तेज कर दिए हैं। सरकार ने वहां रहने वाले भारतीयों सहित दूतावास अधिकारियों के परिजनों को जल्द से जल्द वापस लौटने के लिए कहा है और उनके लिए विशेष उड़ान संचालित करने की योजना बनाई है। आइए जानते हैं कि सरकार ने भारतीयों को निकालने के लिए क्या योजना बनाई है।
भारत ने यूक्रेन की उड़ानों से हटाया प्रतिबंध
यूक्रेन संकट के बीच भारतीयों को वहां निकालने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने गत दिनों द्विपक्षीय एयर बबल व्यवस्था के तहत भारत और यूक्रेन के बीच संचालित की जा सकने वाली उड़ानों की संख्या पर लागू प्रतिबंध को हटा दिया है। इससे अब दोनों देशों के बीच कितनी भी उड़ाने संचालित हो सकती है। इसको देखते हुए एअर इंडिया ने 22, 24 और 26 फरवरी को भारत-यूक्रेन के बीच तीन विशेष उड़ानें संचालित करने का ऐलान किया है।
दिल्ली से रवाना हुई एयर इंडिया की पहली उड़ान
भारतीयों को वापस लाने के लिए एयर इंडिया की पहली उड़ान AI1947 मंगलवार को दिल्ली से यूक्रेन के लिए रवाना हो गई। इसके अलावा दो अन्य उड़ानें 24 और 26 फरवरी को रवाना होगी। एयर इंडिया ने इस निकासी अभियान के लिए 256 सीटों की क्षमता वाले ड्रीमलाइनर B-787 विमान का इस्तेमाल किया है। पहली उड़ान आज शाम को ही यूक्रेन की राजधानी कीव के बॉरिस्पिल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से भारतीय नागरिकों को लेकर दिल्ली रवाना होगी।
इस तरह से कराई जा सकती है विशेष उड़ानों के लिए बुकिंग
एयर इंडिया ने इन तीनों विशेष उड़ानों के लिए अपनी बुकिंग को खोल रखा है। ऐसे में यूक्रेन से भारत लौटने के इच्छुक लोग एयर इंडिया की आधिकारिक वेबवाइट, कॉल सेंटर और अधिकृत ट्रैवल एजेंटों के जरिए अपनी टिकट बुक करा सकते हैं।
भारतीय दूतावास ने नागरिकों के लिए जारी की एडवाइजरी
यूक्रेन में स्थित भारतीय दूतावास ने सोमवार को नई एडवाइजरी जारी कर वहां रह रहे भारतीय नागरिक, खासकर छात्र जिनका वहां रहना जरूरी नहीं है, उन्हें अस्थायी तौर पर देश छोड़ने की सलाह दी है। इसके अलावा लोगों को सुरक्षित और समय पर रवानगी के लिए उपलब्ध वाणिज्यिक और चार्टर उड़ानों का लाभ उठाने के लिए भी कहा है। इसके अलावा विदेश मंत्रालय ने दूतावास अधिकारियों और कर्मचारियों के परिजनों को भी वापस आने को कहा है।
भारतीय दूतावास ने लोगों की मदद के लिए स्थापित कर रखा है नियंत्रण कक्ष
भारतीय दूतावास ने लोगों की मदद के लिए पिछले सप्ताह से एक नियंत्रण कक्ष भी स्थापित कर रखा है। इसमें टोल फ्री नंबर 1800118797 पर कॉल कर मदद मांग सकते हैं। इसके अलावा इन फोन नंबरों पर भी संपर्क किया जा सकता है- +91 11 23012113, +91 11 23014104, +91 11 23017905 इसी तरह +91 11 23088124 पर फैक्स कर सकते हैं और situationroom@mea.gov.in पर ईमेल कर सकते हैं। आपातकालीन 24x7 हेल्पलाइन- +380 9997300428, +380 997300483 ईमेल- cons1.kyiv@mea.gov.in वेबसाइट- eoiukraine.gov.in
भारतीय दूतावास ने किए है उड़ानों की संख्या बढ़ाने के प्रयास
एयर इंडिया की ओर से तीन विशेष उड़ानों की घोषणा के अलावा यूक्रेन में भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने लोगों की सुविधा और उड़ानों की संख्या बढ़ाने के लिए कई अन्य एयरलाइंस कंपनियों से भी वार्ता की है। ऐसे में जल्द ही अन्य उड़ानों की भी घोषणा की जा सकती है। इसके अलावा दूतावास ने भारतीय नागरिकों से चार्टर उड़ानों के अपडेट के लिए दूतावास के फेसबुक, वेबसाइट और ट्विटर पर लगातार संपर्क बनाए रखने की भी अपील की है।
यूक्रेन में रह रहे हैं करीब 20,000 हजार भारतीय
यूक्रेन में रह रहे भारतीयों की संख्या की पुख्ता जानकारी अभी नहीं है, लेकिन 2020 के एक आधिकारिक दस्तावेज के मुताबिक, यूक्रेन में करीब 20,000 भारतीय रह रहे हैं। इनमें से करीब 18,000 छात्र हैं, जो विभिन्न पाठ्यक्रमों की पढ़ाई कर रहे हैं।
यूक्रेन को लेकर क्यों बना हुआ है विवाद?
यूक्रेन को लेकर तनाव के काई छोटे-छोटे कारण हैं, लेकिन इसकी मुख्य वजह यूक्रेन की पश्चिमी यूरोप और नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (NATO) से बढ़ती नजदीकियां हैं। दरअसल, यूक्रेन पश्चिमी यूरोप के करीब जा रहा है और NATO में शामिल होना चाहता है, जो शीत युद्ध के समय रूस के खिलाफ बना एक सैन्य गठबंधन है। रूस की चिंता है कि अगर यूक्रेन NATO में शामिल होता है तो NATO के सैन्य ठिकाने बिल्कुल उसकी सीमा के पास आ जाएंगे।
वर्तमान में क्या है यूक्रेन में हालात?
वर्तमान में यूक्रेन में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। रूस ने यूक्रेन की सीमा पर 1.30 लाख सैनिक तैनात कर रखे हैं और सोमवार को उसने यूक्रेन की सेना पर बमबारी का आरोप लगाया था। हालांकि, यूक्रेन ने इसे पूरी तरह खारिज किया था। इसके बाद रूस ने यूक्रेन के दो विद्रोही इलाकों लुहान्स्क और दोनेत्स्क को स्वतंत्र क्षेत्र के तौर पर मान्यता देने का ऐलान कर दिया। रूस के इस कदम का अमेरिका में कड़ा विरोध किया है।