कोरोना: अगले महीने मिल सकती है एक खुराक वाली स्पूतनिक लाइट को इस्तेमाल की मंजूरी
क्या है खबर?
भारत में अगले महीने एक और एक खुराक वाली कोरोना वायरस वैक्सीन को मंजूरी मिल सकती है।
दरअसल, पैनेसिया बायोटेक ने स्पूतनिक लाइट वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी पाने के लिए आवेदन कर दिया है। कंपनी को उम्मीद है कि अगले महीने तक इसे मंजूरी मिल जाएगी।
कंपनी ने भारत में स्पूतनिक लाइट के उत्पादन के लिए रूस से करार किया था।
शुरुआत में सीमित मात्रा में उपलब्ध होने वाली यह वैक्सीन 750 रुपये की हो सकती है।
स्पूतनिक लाइट
सालाना 10 करोड़ खुराकें बनाएगी कंपनी
पैनेसिया बायोटेक ने पिछले महीने बताया था कि उसे हिमाचल के बद्दी में स्थित प्लांट में स्पूतनिक लाइट के उत्पादन का लाइसेंस मिल गया है। इस प्लांट में बना शुरुआती बैच स्पूतनिक विकसित करने वाले गामालेया इंस्टीट्यूट और भारत सरकार की कसौली स्थित लैबोरेट्री से गुणवत्ता के मामले में हरी झंडी पाने में कामयाब रहा है।
कंपनी हर साल 10 करोड़ खुराकें बनाएंगी, जिनके वितरण की जिम्मेदारी डॉ रेड्डीज लैब पर होगी।
जानकारी
रूस में हुए ट्रायल के आंकड़े करने होंगे पेश
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक विशेषज्ञ समूह ने डॉ रेड्डीज को रूस में हुए ट्रायल के आंकड़े जमा कराने की इजाजत दे दी है। इनके आधार पर वैक्सीन को हरी झंडी दिखाई जा सकती है। रूस ने मई में इस वैक्सीन को मंजूरी दी थी।
इससे पहले जुलाई में डॉ रेड्डीज को स्पूतनिक लाइट के ट्रायल की इजाजत नहीं मिली थी। तब कहा गया था कि इसके तीसरे चरण के ट्रायल शुरू करने का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।
कोरोना संकट
संक्रमण से सुरक्षा के लिए एक ही खुराक होगी काफी
वैक्सीन को विकसित करने में आर्थिक मदद देने वाले रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) का दावा है कि स्पूतनिक लाइट केवल एक ही खुराक में कोरोना वायरस के खिलाफ पर्याप्त सुरक्षा देगी। वैक्सीन ने क्लिनिकल ट्रायल की बजाय असल दुनिया की परिस्थितियों में वायरस के खिलाफ 79.4 प्रतिशत प्रभावकारिता दिखाई है।
जिन लोगों में पहले से वायरस के खिलाफ इम्युनिटी बनी हुई थी, उन सभी के एंटीबॉडी लेवल में 10 दिन बाद 40 गुना बढ़ोतरी देखी गई थी।
स्पूतनिक लाइट
8 दिन बाद 91 प्रतिशत लोगों में पाई गईं एंटीबॉडीज
स्पूतनिक की तरफ से किए गए ट्वीट में स्पूतनिक लाइट की खास बातों के बारे में बताते हुए लिखा गया था कि इसने लगभग 80 प्रतिशत प्रभावकारिता दिखाई है, जो कई दो खुराकों वाली वैक्सीन से अधिक है।
स्पूतनिक लाइट की एक खुराक लेने के 28 दिन बाद 91.7 प्रतिशत लोगों में वायरस को खत्म कर देने वाली एंटीबॉडीज पाई गई थीं।
कंपनी ने कहा कि यह वैक्सीन वायरस के मौजूदा सभी म्यूटेंट के खिलाफ प्रभावी है।
कोरोना वैक्सीन
जेनसेन को भी मिल चुकी है मंजूरी
हाल ही में भारत सरकार ने अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन (J&J) की एक खुराक वाली कोरोना वैक्सीन जेनसेन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। भारत में मंजूरी पाने वाली यह कुल पांचवी और एक खुराक वाली पहली वैक्सीन है।
हैदराबाद स्थित फार्मा कंपनी बायोलॉजिकल ई इस वैक्सीन को भारत में आयात करेगी। कंपनी को आवेदन के एक दिन बाद ही देश में आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी गई थी।
वैक्सीनेशन अभियान
देश में क्या है वैक्सीनेशन की स्थिति?
देश में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान की बात करें तो अब तक वैक्सीन की 52,95,82,956 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। बीते दिन 57,31,574 खुराकें लगाई गईं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 41,16,29,356 लोगों को पहली और 11,79,53,600 लोगों को दोनों खुराकें लगाई जा चुकी है। सरकार ने दिसंबर तक पूरी व्यस्क आबादी को वैक्सीनेट करने का लक्ष्य रखा है। वैक्सीनेशन की मौजूदा रफ्तार को देखते हुए यह लक्ष्य काफी मुश्किल लग रहा है।