NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    भारत-पाकिस्तान तनाव
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / देश की खबरें / #NewsBytesExplainer: क्या होता है कोटा के अंदर कोटा, आरक्षण पर 'सुप्रीम' फैसले का क्या होगा असर?
    अगली खबर
    #NewsBytesExplainer: क्या होता है कोटा के अंदर कोटा, आरक्षण पर 'सुप्रीम' फैसले का क्या होगा असर?

    #NewsBytesExplainer: क्या होता है कोटा के अंदर कोटा, आरक्षण पर 'सुप्रीम' फैसले का क्या होगा असर?

    लेखन आबिद खान
    Aug 02, 2024
    03:18 pm

    क्या है खबर?

    सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण पर बड़ा फैसला सुनाते हुए अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) में कोटे के अंदर कोटे को मंजूरी दे दी है।

    कोर्ट ने कहा कि कोटे में कोटा असमानता के खिलाफ नहीं है और राज्य सरकार अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों में उप श्रेणियां बना सकती हैं। इसी के साथ कोर्ट ने 2004 के अपने पुराने फैसले को पलट दिया है।

    आइए जानते हैं इस फैसले का क्या असर होगा।

    फैसला

    सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट का फैसला जानिए

    दरअसल, 2004 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि SC की उप-श्रेणी नहीं बनाई जा सकती। कोर्ट ने ये भी कहा था कि राज्यों के पास ये करने का अधिकार नहीं है और केवल राष्ट्रपति ही ये अधिसूचित कर सकते हैं।

    अब कोर्ट ने इस फैसले को पलट दिया है। अब कोर्ट ने राज्यों को ये अधिकार दिया है कि वे SC और ST के उत्थान के लिए उप-श्रेणियां बनाकर कोटे के अंदर कोटा बना सकती है।

    कोटा

    क्या होता है कोटा के अंदर कोटा?

    कोटा के भीतर कोटा का मतलब है कि आरक्षण के पहले से आवंटित प्रतिशत के भीतर एक अलग आरक्षण व्यवस्था लागू करना। इसका मुख्य उद्देश्य आरक्षण का लाभ समाज के सबसे पिछड़े और जरूरतमंद समूहों तक पहुंचाना होता है।

    उदाहरण के लिए SC और ST के भीतर अलग-अलग समूहों को आरक्षण दिया जा सकता है, ताकि सामाजिक या आर्थिक रूप से वंचित समूहों को ज्यादा प्रतिनिधित्व और लाभ मिल सके।

    उप-श्रेणियां

    किन राज्यों में आरक्षण में उप-श्रेणियां बांटी गई हैं?

    तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे राज्यों ने SC, ST और OBC श्रेणियों के भीतर ही अलग-अलग उप-श्रेणियों को आरक्षण देने की व्यवस्था की है।

    तमिलनाडु में पिछड़ा वर्ग (BC), अत्यंत पिछड़ा वर्ग (MBC) और अति पिछड़ा वर्ग (EBC) जैसी उप-श्रेणियों को OBC के अंतर्गत ही आरक्षण मिलता है।

    कर्नाटक में SC के भीतर ही 2 उप-श्रेणियां बनाई गई हैं। SC आरक्षण कोटे से ही कोडवा और माडिगा को अलग-अलग आरक्षण मिलता है।

    असर

    फैसले का क्या होगा असर?

    फैसले का महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पंजाब से लेकर दक्षिण भारतीय राज्यों तक असर दिखाई पड़ेगा। उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में दलित आरक्षण पर अब राज्य सरकारें फैसला ले पाएंगी।

    राजस्थान और छत्तीसगढ़ में आदिवासी समुदाय को मिलने वाले आरक्षण का भी बंटवारा हो सकता है। राजस्थान, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में OBC आरक्षण में कोटा के भीतर कोटा बनाने की मांग पर अब कुछ अमल हो सकता है।

    विशेषज्ञ

    मामले पर विशेषज्ञों का क्या कहना है?

    टीवी-9 से बात करते हुए JNU के एसोसिएट प्रोफेसर हरीश वानखेड़े ने कहा, "हर एक राज्य में दलित समुदाय के बीच एक डोमिनेटिंग कास्ट होती है। बिहार में पासवान तो उत्तर प्रदेश में जाटव और महाराष्ट्र में महार ऐसी जातियां हैं, जिनके खिलाफ दलितों की दूसरी जातियों को गोलबंद कर राजनीतिक इस्तेमाल किया जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसला से दलित आरक्षण को बांटने का इन तमाम राज्यों में रास्ता साफ हो गया है।"

    मांग

    राज्यों के आयोगों ने भी की थी मांग

    आंध्र प्रदेश ने 1997 में जस्टिस पी रामचंद्र राजू आयोग का गठन किया था। आयोग ने कहा था कि आरक्षण का लाभ SC वर्ग के एक खास समुदाय को मिला है।

    उत्तर प्रदेश में 2001 में हुकुम सिंह समिति का गठन हुआ था। समिति ने पाया था कि आरक्षण का लाभ सबसे पिछड़े वर्गों तक नहीं पहुंच पाया है।

    महाराष्ट्र में 2003 में लाहुजी साल्वे आयोग ने कहा था कि मांग समुदाय को आरक्षण का पर्याप्त लाभ नहीं मिला है।

    विरोध

    फैसले का क्यों हो रहा है विरोध?

    BBC से बात करते हुए जादवपुर यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर सुभाजीत नस्कर ने कहा, "उप-वर्गीकरण मतलब SC/ST वोट बंट जाएं। इससे एक समुदाय के अंदर राजनीतिक बंटवारा पैदा होगा। राज्य स्तर की पार्टियां भी अपने फायदे के मुताबिक उप-वर्गीकरण लाएंगी।"

    वंचित बहुजन आघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने लिखा, 'यह फैसला समानता के मौलिक अधिकार के खिलाफ है। अनुसूचित जातियों के भीतर विभिन्न जातियों के पिछड़ेपन को मापने के मापदंडों का निर्णय किस आधार पर किया जाएगा।'

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    सुप्रीम कोर्ट
    आरक्षण
    अनुसूचित जाति
    अनुसूचित जनजाति

    ताज़ा खबरें

    डोनाल्ड ट्रंप से बात करने के बाद बोले पुतिन- युद्ध विराम पर काम करने को तैयार डोनाल्ड ट्रंप
    IPL 2025: SRH ने LSG को दी शिकस्त, देखिए मैच के शानदार मोमेंट्स IPL 2025
    IPL 2025: SRH से हारकर प्लेऑफ की दौड़ से बाहर हुई LSG, बने ये रिकॉर्ड्स IPL 2025
    IPL 2025: अभिषेक शर्मा ने LSG के खिलाफ जड़ा दूसरा अर्धशतक, बने 'प्लेयर ऑफ द डे' इंडियन प्रीमियर लीग

    सुप्रीम कोर्ट

    NEET परीक्षा परिणाम 2024: IMA जूनियर डॉक्टर्स नेटवर्क ने की CBI जांच की मांग NEET
    सुप्रीम कोर्ट ने NEET पेपर लीक मामले में NTA को नोटिस जारी किया प्रवेश परीक्षा
    क्या है NEET 2024 में अनियमितता का मामला, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने NTA से मांगा जवाब? NEET
    लाल किले पर हमले के दोषी मोहम्मद आरिफ की दया याचिका खारिज, क्या है मामला? लाल किला

    आरक्षण

    ST-SC को पदोन्नति में आरक्षण देने के मानकों को बदलने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार दिल्ली हाई कोर्ट
    IIT, NIT जैसे संस्थानों में आरक्षित सीटों पर सामान्य उम्मीदवारों को नहीं मिलेगा दाखिला- धर्मेंद्र प्रधान अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC)
    निजी मेडिकल कॉलेजों की आधी सीटों की फीस होगी कम, अगले सत्र से लागू होंगे नियम NEET
    सुप्रीम कोर्ट में बोली केंद्र सरकार- पदोन्नति में आरक्षण रद्द करने से फैल सकती है अशांति दिल्ली हाई कोर्ट

    अनुसूचित जाति

    घर बैठे ऑनलाइन बनवाएँ अपना जाति प्रमाण पत्र, जानें पूरी प्रक्रिया देश
    पिछड़ी जातियों को SC सूची में शामिल करने पर योगी सरकार को केंद्र सरकार से झटका योगी आदित्यनाथ
    केरल: दलित विधायक के प्रदर्शन के बाद युवा कांग्रेस ने किया PWD कार्यालय का 'शुद्धीकरण' दलित
    SC/ST संशोधन कानून पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर, नहीं मिलेगी अग्रिम जमानत SC/ST अधिनियम

    अनुसूचित जनजाति

    UCC से प्रभावित नहीं होंगे आदिवासी समुदायों के अधिकार और रीति-रिवाज- केंद्रीय मंत्री बघेल  समान नागरिक संहिता
    केंद्र ने संसद में बताया, आदिवासी क्षेत्रों में 44 प्रतिशत परिवारों के पास नल कनेक्शन नहीं केंद्र सरकार
    संविदा नौकरियों में भी SC, ST और OBC को मिलेगा आरक्षण, केंद्र ने दी जानकारी सुप्रीम कोर्ट
    सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, SC/ST आरक्षण में कोटे के अंदर कोटे को दी मंजूरी सुप्रीम कोर्ट
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025