लाल किले पर हमले के दोषी मोहम्मद आरिफ की दया याचिका खारिज, क्या है मामला?
क्या है खबर?
लाल किले में हमले के मामले में दोषी ठहराए गए पाकिस्तानी आतंकवादी मोहम्मद आरिफ उर्फ अशफाक की दया याचिका राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने खारिज कर दी है।
करीब 24 साल पुराने मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आरिफ को फांसी की सजा सुनाई थी, जिसके बाद आरिफ ने राष्ट्रपति के समक्ष दया की अपील की थी।
बता दें कि आरिफ दिसंबर, 2000 में लाल किले पर हुए हमले में दोषी पाया गया था।
मामला
क्या है मामला?
22 दिसंबर, 2000 को आतंकियों ने लाल किला परिसर में घुसकर 7 राजपूताना राइफल्स यूनिट पर गोलीबारी की थी। इससे वहां तैनात 3 सैन्यकर्मियों की मौत हो गई थी।
हमले के 4 दिन बाद आरिफ को गिरफ्तार किया गया था। आरिफ एक पाकिस्तानी नागरिक है और आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का सदस्य है।
खबरों के मुताबिक, आरिफ अपने 3 दूसरे साथियों के साथ 1999 में भारत में घुसा था।
मुठभेड़
मुठभेड़ में मारे गए आरिफ के साथी
आरिफ के साथ 3 आतंकवादी- अबू शाद, अबू बिलाल और अबू हैदर भी लाल किले में घुसे थे। इन तीनों ने श्रीनगर के एक घर में हमले की योजना बनाई थी। बाद में आरिफ के तीनों साथी अलग-अलग मुठभेड़ में मारे गए।
2005 में पहली बार आरिफ को सैन्यकर्मियों पर हमला करने की साजिश का दोषी पाया गया था। अक्टूबर, 2005 में ट्रायल कोर्ट ने आरिफ को फांसी की सजा सुनाई थी।
सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने भी कायम रखा था सजा पर फैसला
ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ आरिफ ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया था। सितंबर, 2007 में हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था।
इसके बाद आरिफ ने फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी अगस्त, 2011 में आरिफ की मौत की सजा को बरकरार रखा था। हालांकि, बाद में आरिफ ने समीक्षा याचिका दायर की और मामले पर सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला 2022 में आया था।
विकल्प
आरिफ के पास अब क्या विकल्प?
सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति के पास से आरिफ को राहत नहीं मिली है। अब सवाल उठता है कि क्या अभी भी आरिफ के पास कोई विकल्प है।
कानूनी जानकारों के मुताबिक, आरिफ संविधान के अनुच्छेद 32 (संवैधानिक उपचार का अधिकार) के तहत मिली सजा में रियायत की मांग कर सकता है। वह मौत की सजा पर अमल में अत्यधिक देरी को आधार बनाते हुए नई याचिका दायर कर सकता है।
राष्ट्रपति
राष्ट्रपति को 15 मई को मिली थी दया याचिका
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को 15 मई को आरिफ की दया याचिका मिली थी। राष्ट्रपति सचिवालय की ओर से 29 मई को जारी एक आदेश में कहा गया है कि राष्ट्रपति ने 27 मई को लाल किला हमले के दोषी पाकिस्तानी आतंकवादी की दया याचिका को ठुकरा दिया था।
राष्ट्रपति मुर्मू ने 25 जुलाई, 2022 को कार्यभार संभाला था। तब से अब तक वे 2 दया याचिकाएं खारिज कर चुकी हैं।