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पिछड़ी जातियों को SC सूची में शामिल करने पर योगी सरकार को केंद्र सरकार से झटका

पिछड़ी जातियों को SC सूची में शामिल करने पर योगी सरकार को केंद्र सरकार से झटका

Jul 03, 2019
12:53 pm

क्या है खबर?

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के 17 अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) जातियों को अनुसूचित जाति (SC) की सूची में शामिल करने पर उनकी पार्टी की केंद्र सरकार को ही आपत्ति है। केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत ने राज्यसभा में कहा कि ये फैसला गलत और असंवैधानिक है। इससे पहले मायावती समेत विपक्ष के अन्य नेता भी योगी सरकार के इस फैसले पर सवाल उठा चुके हैं, जिसे चुनावी लाभ के लिए उठाया गया कदम माना जा रहा है।

राज्यसभा कार्रवाई

सामाजिक न्याय मंत्री ने कहा, ऐसा करने का अधिकार केवल संसद को

मंगलवार को बहुजन समाज पार्टी नेता एससी मिश्रा ने शून्य काल के दौरान ये मुद्दा राज्यसभा में उठाया। इसके जवाब में सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्री थावर चंद गहलोत ने इसे अनुचित बताया। इसे असंवैधानिक बताते हुए गहलोत ने कहा कि एक जाति का एक वर्ग से दूसरे वर्ग में स्थानांतरण करने का अधिकार केवल संसद और केंद्र सरकार को है। उन्होंंने उत्तर प्रदेश सरकार से आदेश के आधार पर जाति प्रमाणपत्र न जारी करने को भी कहा।

उचित प्रक्रिया

गहलोत की सलाह, केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजे राज्य सरकार

राज्यसभा नेता गहलोत ने इस बीच कहा कि अगर यूपी सरकार फैसले पर आगे बढ़ना चाहती है तो उसे प्रक्रिया का पालन करना होगा और केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव भेजना होगा, जिस पर केंद्र सरकार विचार करेगी। उन्होंने साफ किया कि पहले भी ऐसे प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास आ चुके हैं, जिन्हें संसद ने खारिज कर दिया था। राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने उन्हें राज्य सरकार को प्रक्रिया के बारे में सलाह देने को कहा।

बयान

मिश्रा ने कहा, राष्ट्रपति भी नहीं कर सकते सूची में बदलाव

इससे पहले बसपा नेता मिश्रा ने संविधान का हवाला देते हुए कहा कि केवल संसद के पास SC सूची में बदलाव करने की शक्ति है और राष्ट्रपति भी इसमें बदलाव नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि राज्य संसद की शक्तियों का अतिक्रमण नहीं कर सकता।

फैसला

इन जातियों को किया गया है शामिल

बता दें कि योगी सरकार ने 24 जून को 17 OBC जातियों को SC सूची में शामिल करने की घोषणा की थी। इन जातियों में कश्यप, राजभर, धिवर, बिंद, कुम्हार, काहर, केवत निषाद, भार, मल्लाह, प्रजापति, धिमार, बाथम, तुर्हा, गोडिया, मांझी और मछुआ जाति शामिल हैं। उसके इस आदेश को 12 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के साथ-साथ 2022 में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से जोड़ कर देखा जा रहा है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

मायावती ने भी बताया था असंवैधानिक फैसला

योगी सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने इसे गैर-कानूनी और असंवैधानिक बताया था। उन्होंने कहा था कि योगी सरकार ने समाजवादी पार्टी सरकार की तरह 17 जातियों को धोखा देने के लिए ये आदेश जारी किया है। बता दें कि 2005 में मुलायम सिंह यादव सरकार ने भी 11 OBC जातियों को SC सूची में शामिल करने का आदेश दिया था, लेकिन उस पर रोक लगा दी गई थी।

बयान

'अन्य जातियों को शामिल करना है तो SC आरक्षण बढ़ाओ'

मायावती ने कहा कि इन OBC जातियों को SC सूची में शामिल करने से पहले SC को मिलने वाले आरक्षण की सीमा बढ़ाए जाने की जरूरत है, ताकि नई जातियों के आने से उनके आरक्षण पर असर न पड़े।