क्या है NEET 2024 में अनियमितता का मामला, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने NTA से मांगा जवाब?
राष्ट्रीय प्रवेश-सह पात्रता परीक्षा (NEET) 2024 में कथित अनियमितता और धांधली के आरोप में देशभर में बवाल मचा हुआ है। देशभर में छात्र और उनके परिजन परीक्षा रद्द करने ओर दोबारा आयोजित कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इधर, मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने काउंसलिंग पर रोक लगाने से तो इनकार कर दिया, लेकिन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को नोटिस जारी कर कई सवालों के जवाब मांगे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में क्या कहा?
डॉ विवेक पाण्डेय और शिवांगी मिश्रा सहित छात्रों की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस विक्रम नाथ और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की अवकाश पीठ ने NTA को नोटिस जारी कर कहा, "परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई है और हमें जवाब चाहिए।" इसी तरह कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह सफल उम्मीदवारों के लिए MBBS, BDS और अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए काउंसलिंग पर रोक नहीं लगा सकता है। मामले में अगली सुनवाई अब 8 जुलाई को होगी।
कैसे हुई NEET 2024 में अनियमितता की शुरुआत?
NEET UG परीक्षा का आयोजन 5 मई को देशभर के 571 और विदेश के 14 शहरों में किया गया था। उस दौरान 8 फर्जी परीक्षार्थियों को पकड़ा गया था। ये आरोपी किसी अन्य परीक्षार्थी की जगह लाखों रुपये लेकर परीक्षा देने आए थे। आरोप ये था कि उनके पास पेपर में आने वाले सवालों की जानकारी पहले से थी। उसके बाद पेपर लीक होने को लेकर हंगामा भी हुआ था, लेकिन NTA ने उसे लीक नहीं माना था।
परिणाम आने के बाद बढ़ा विवाद
पेपर लीक के आरोपों के बीच NTA ने इस परीक्षा का परिणाम निर्धारित 14 जून की जगह 4 जून को ही जारी कर दिया। इसमें रिकॉर्ड 67 उम्मीदवारों ने ऑल इंडिया रैंकिंग (AIR-1) हासिल की थी। इन सभी के 720 में से 720 अंक आए थे। बड़ी बात यह रही कि एक ही परीक्षा केंद्र से 8 उम्मीदवारों ने AIR-1 हासिल की थी। कई उम्मीदवारों के 719 और 718 नंबर भी आए थे। उसके बाद हंगामा खड़ा हो गया।
परिणाम के बाद छात्रा ने की आत्महत्या
परिणाम के बाद से छात्रों में आक्रोश छा गया। कई जगह प्रदर्शन हुए। इसी तरह परिणाम के एक दिन बाद ही राजस्थान के कोटा में 18 वर्षीय छात्रा ने एक इमारत की 9वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। उसके बाद विवाद और बढ़ गया।
IMA जूनियर डॉक्टर्स नेटवर्क ने NTA को लिखा था पत्र
इस मामले में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) जूनियर डॉक्टर्स नेटवर्क ने NTA को 7 जून को पत्र लिखकर NEET 2024 में कथित अनियमितताओं की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) जांच कराने और सभी छात्रों के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी मूल्यांकन प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए दोबारा परीक्षा कराने की मांग की थी। उनका आरोप था कि इतनी संख्या में पूर्व में कभी भी AIR-1 नहीं आई थी। ऐसे में मौजूदा परिणाम सांख्यिकीय रूप से संदिग्ध है।
पेपर लीक मामले में कार्रवाई न करने के लगाए थे आरोप
जूनियर डॉक्टर्स नेटवर्क पत्र में यह भी आरोप लगाया गया था कि NEET 2024 का पेपर कई जगहों पर लीक हुआ था, लेकिन NTA ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की। इसी तरह कई छात्रों को उनके OMR की तुलना में उनके स्कोर कार्ड पर अलग-अलग अंक प्राप्त हुए हैं। परीक्षा में व्यापक स्तर पर गड़बड़ होने के कई सबूत भी मिले हैं। ऐसे में यह परीक्षा संविधान के अनुच्छेद 14 में वर्णित समानता के अधिकार का उल्लंघन है।
सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी याचिका
NTA को पत्र लिखने के अलावा, डॉ पाण्डेय और शिवांगी सहित 10 छात्रों ने 8 जून को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर परीक्षा की सत्यनिष्ठा और निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कोर्ट से परीक्षा रद्द करने और दोबारा आयोजित करने की मांग की थी। इसी तरह अभ्यर्थियों को ग्रेस मार्क्स देने को लेकर भी याचिका दायर की गई थी। आरोप था रिजल्ट में ग्रेस मार्क्स देना मनमाना फैसला है। इस पर अभी सुनवाई बाकी है।
पहले भी हो चुका है ऐसा मामला
साल 2015 में MBBS, BDS प्रवेश के लिए नेशनल लेवल मेडिकल प्रवेश परीक्षा ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट (AIPMT) हुआ करती थी। तब यह परीक्षा CBSE कराता था। उस समय भी पेपर लीक की खबरें आईं थीं। आरोप था कि परीक्षा केंद्र पर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर परीक्षार्थियों को उत्तर भेजे गए थे। उस समय भी यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा निरस्त करने और 4 सप्ताह में दोबारा परीक्षा कराने का आदेश दिया था।