निजी मेडिकल कॉलेजों की आधी सीटों की फीस होगी कम, अगले सत्र से लागू होंगे नियम
क्या है खबर?
आर्थिक मजबूरियों के कारण चिकित्सा के स्नातक या स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश न ले पाने वाले मेधावी छात्रों के लिए अच्छी खबर है। अब उन्हें सरकारी मेडिकल कॉलेजों के बराबर फीस देकर प्राइवेट कॉलेजों में एडमिशन मिल सकेगा।
निजी मेडिकल कॉलेज में 50 प्रतिशत सीट के लिए फीस संबंधी राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) के दिशा-निर्देश अगले अकादमिक सत्र से प्रभावी होंगे।
नई गाइडलाइंस के अनुसार, निजी मेडिकल कॉलेजों की आधी सीटों पर सरकारी मेडिकल कॉलेजों के बराबर फीस ली जाएगी।
कमेटी
NMC की गाइडलाइंस का क्रियान्वयन फीस फिक्सेशन कमेटी करेगी
समाचार एजेंसी PTI के अनुसार, अधिकारियों ने बताया कि सभी राज्यों में मेडिकल की फीस की नई गाइडलाइंस का क्रियान्वयन करने की जिम्मेदारी वहां की फीस फिक्सेशन कमेटी की होगी।
मेमोरेंडम में यह बताया गया है कि इस नए फीस स्ट्रक्चर का लाभ पहले उन छात्रों को दिया जाएगा जिनका एडमिशन सरकारी कोटे की सीट पर होगा। हालांकि यह किसी भी संस्थान की कुल सीटों में से अधिकतम 50 प्रतिशत सीटों पर सीमित रहेगा।
गाइडलाइन
NMC ने 3 फरवरी को जारी की थी गाइडलाइंस
NMC ने इस संबंध में 3 फरवरी को एक ऑफिस मेमोरंडम के तहत गाइडलाइंस जारी की थी।
NMC की गाइडलाइंस नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) के तहत मिलने वाले एडमिशन्स पर लागू होंगी।
नोटिस के अनुसार, बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी (MBBS) और स्नातकोत्तर (PG) पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए निजी मेडिकल कॉलेजों में आधी सीटों पर यह नियम लागू होगा, जबकि बाकी 50 प्रतिशत सीटों की फीस वास्तविक लागत के आधार पर होगी।
पृष्ठभूमि
केंद्र के अनुरोध पर NMC ने तैयार किया फीस निर्धारण ढांचा
केंद्र सरकार ने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) से मेडिकल शिक्षा की फीस निर्धारण के लिए दिशानिर्देश बनाने का अनुरोध किया था।
इस आधार पर MCI के बोर्ड ऑफ गवर्नेंस ने 23 नवंबर, 2019 को विशेषज्ञ समिति का गठन किया था जिसको बाद में NMC ने भी स्वीकृति दे दी।
इस समिति ने फीस निर्धारण के 26 बिंदुओं के दिशानिर्देश तैयार किए थे और इन्हें NMC वेबसाइट पर अपलोड कर सुझाव मांगे गए थे।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
देश में MBBS और PG की कुल सीटें 1.25 लाख के करीब हैं, जिनमें से 60 फीसदी के करीब निजी संस्थानों में हैं।
NMC के इस फैसले से हजारों ऐसे छात्रों को लाभ मिलेगा, जो निजी कॉलेजों की फीस का भुगतान करने में असमर्थ होते हैं। लंबे समय से मेडिकल की फीस को कम किए जाने की मांग हो रही थी।
अब सरकार ने छात्रों को ये सुविधा प्रदान करने का फैसला लिया है।