
क्या है भारत की S-400 वायु रक्षा प्रणाली, जिसने नाकाम कर दिए पाकिस्तान के 15 हमले?
क्या है खबर?
भारत ने बुधवार तड़के पाकिस्तान के खिलाफ 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाकर पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। इस दौरान 100 से अधिक आतंकी भी मारे गए।
इससे गुस्साए पाकिस्तान ने बुधवार रात को ड्रोन और मिसाइलों से भारत के 15 शहरों पर पर हमला करने का प्रयास किया, लेकिन भारत की S-400 वायु रक्षा प्रणाली ने सभी हमलों को नाकाम कर दिया।
आइए जानते हैं भारत की S-400 वायु रक्षा प्रणाली क्या है।
हमला
पाकिस्तान ने भारत के इन शहरों पर किया था हमले का प्रयास
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, पाकिस्तान ने 7 मई की रात उत्तरी और पश्चिमी भारत के 15 शहरों पर ड्रोन और मिसाइलें दागकर हमला करने का प्रयास किया था।
इन शहरों में अवंतिपोरा, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, बठिंडा, चंडीगढ़, नाल, फलोदी, उत्तरलाई और भुज शामिल हैं।
इन हमलों को UAS ग्रिड और S-400 वायु रक्षा प्रणाली द्वारा बेअसर कर दिया गया। इनके मलबे अब कई स्थानों से बरामद हुए हैं, जो पाकिस्तानी हमलों को साबित करते हैं।
प्रणाली
क्या है S-400 वायु रक्षा प्रणाली?
इसे दुनिया की सबसे आधुनिक वायु रक्षा प्रणाली में से एक माना जाता है और यह हवा के रास्ते आने वाले खतरों से बचाने का काम करती है।
इसकी क्षमता 400 (S-400 में 400 रेंज को दर्शाता है) किलोमीटर है। यानी यह 400 किलोमीटर तक की रेंज में आने वाले दुश्मन विमान, ड्रोन, एयरक्राफ्ट और मिसाइल आदि को हवा में ही हमला कर नष्ट कर सकती है।
भारत ने रूस से 40,000 करोड़ रुपये में इसकी 5 रेजीमेंट खरीदी हैं।
खासियत
क्या है S-400 वायु रक्षा प्रणाली की खासियत?
इस वायु रक्षा प्रणाली में कमांड और कंट्रोल यूनिट, सर्विलांस और गाइडेंस रडार और ट्रांसपोर्ट इरेक्टर लॉन्चर शामिल होता है।
हर सिस्टम में अलग-अलग दूरी के हिसाब से मार करने वाली 4 मिसाइलें लगी होती हैं, जो 40-400 किलोमीटर दूर तक लक्ष्य को भेद सकती है।
भारत के पास मौजूद सभी मिसाइलें 400 किलोमीटर की रेंज वाली हैं। ये लंबाई के अलावा 80 कीलोमीटर ऊंचाई पर भी हमला कर दुश्मन के हथियार या विमान ढेर करने में सक्षम है।
प्रक्रिया
कैसे काम करती है S-400 वायु रक्षा प्रणाली?
इस प्रणाली में सर्विलांस रडार तरंगों की मदद से एक सुरक्षा घेरा बनाया जाता है। जैसे ही दुश्मन देश का कोई विमान या हथियार इस घेरे में प्रवेश करता है तो यह कमांड यूनिट में अलर्ट भेजे देता है।
अलर्ट मिलने के बाद गाइडेंस रडार उस विमान, मिसाइल, ड्रोन या हथियार की लोकेशन पता कर मिसाइल लॉन्च कर देता है।
यह 4.8 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से अपने टारगेट पर हमला करने में सक्षम है।
अन्य
क्या है S-400 वायु रक्षा प्रणाली की अन्य खासियत?
S-400 वायु रक्षा प्रणाली को सड़क के रास्ते कहीं भी ले जाया जा सकता है और यह ऑर्डर मिलने के 10 मिनट से भी कम समय में संचालन के लिए तैयार हो जाती है।
एक यूनिट एक साथ 160 टारगेट को ट्रैक करने में सक्षम है और हर टारगेट पर दो मिसाइलों से हमला किया जा सकता है।
इसमें लगा इलेक्ट्रॉनिकली स्टीयर्ड फेज्ड ऐरो रडार करीब 600 किलोमीटर दूर से ही टारगेट की पहचान करने में सक्षम है।
जानकारी
S-400 वायु रक्षा प्रणाली का पता लगाना भी मुश्किल
S-400 रक्षा प्रणाली माइनस 70 डिग्री तक के तापमान में काम करने में सक्षम है और इस मिसाइल को नष्ट कर पाना दुश्मन के लिए बहुत मुश्किल है। क्योंकि इसकी कोई फिक्स पोजिशन नहीं होती। इसलिए इसे आसानी से डिटेक्ट नहीं किया जा सकता है।
कार्रवाई
भारत ने तबाह की पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली
पाकिस्तान के हमलों को नाकाम करने के बाद भारत ने गुरुवार को जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान की कई वायु रक्षा प्रणालियों को तबाह कर दिया है।
इनमें लाहौर स्थित पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली भी शामिल है। इसके लिए भारत ने हारोप ड्रोन से हमला किया।
इन्हें इजरायल की इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) ने बनाया है। ये लक्ष्य के ऊपर मंडराता है और फिर लक्ष्य निर्धारित होने पर उससे जाकर टकरा जाता है।