क्या हैं अग्नि-1 बैलिस्टिक मिसाइल की खासियत, जिसका भारत ने किया सफल परीक्षण?
क्या है खबर?
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने गुरुवार को ओडिशा के अब्दुल कलाम द्वीप से परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम अग्नि-1 मिसाइल का सफल परीक्षण किया।
देर शाम किए गए इस परीक्षण के बाद रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता भारत भूषण बाबू ने जानकारी दी कि परीक्षण के दौरान मिसाइल बहुत उच्च स्तर की सटीकता के साथ लक्ष्य को भेदने में सक्षम रही।
आइए इस मिसाइल की खासियत जानते हैं।
मारक क्षमता
कितनी है अग्नि-1 की मारक क्षमता?
अग्नि-1 एक मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे भारत के DRDO द्वारा विकसित किया गया है। ये सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है, जो 700 से 1,200 किलोमीटर दूर स्थित लक्ष्य को सटीकता के साथ भेदने की क्षमता रखती है।
अग्नि-1 मिसाइल, अग्नि-2 मिसाइल का सिंगल स्टेज वर्जन है। इसे स्वदेशी तकनीक से निर्मित किया गया है। अग्नि सीरीज की यह सबसे छोटी मिसाइल है।
खासियत
क्या है अग्नि-1 की विशेषताएं?
15 मीटर लंबी और 12 टन वजनी ये मिसाइल अपने साथ एक टन से अधिक का भार ले जाने में सक्षम है। सटीक निशाने के लिए इसे नौवहन प्रणाली से लैस किया गया है।
इसे रोड और रेल मोबाइल लॉन्चर से लॉन्च किया जा सकता है। ये अपने साथ परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम है। अगर इसका भार कम कर दिया जाए तो इसकी मारक क्षमता 1,200 किलोमीटर तक हो सकती है।
इतिहास
अग्नि-1 का इतिहास
अग्नि-1 को कारगिल युद्ध के बाद पाकिस्तान से पैदा हुए खतरों से निपटने के लिए विकसित किया गया था। 22 मई, 1989 को चांदीपुर में इस मिसाइल का पहला टेस्ट ट्रायल किया गया था।
साल 1999 में DRDO ने अग्नि-1 के निर्माण पर काम शुरू किया और 25 जनवरी, 2002 को इसका पहला परीक्षण किया गया था। अगले ही साल मिसाइल का दूसरा परीक्षण किया गया।
साल 2007 में ये भारतीय सेना में शामिल की गई।
अग्नि सीरीज
अग्नि सीरीज पर काम कर रहा है भारत
बता दें कि भारत अपनी सामरिक शक्ति बढ़ाने के लिए अग्नि सीरीज की मिसाइलों पर काम कर रहा है। भारतीय रक्षा बलों के पास अग्नि-1, अग्नि-2, अग्नि-3 और अग्नि-4 मिसाइलें हैं।
इनकी रेंज 700 से लेकर 3,500 किलोमीटर तक है।
पिछले साल दिसंबर में भारत ने अग्नि-5 का परीक्षण किया था। ये 5,000 किलोमीटर दूर स्थित लक्ष्य को भी भेद सकती है। इस मिसाइल की रेंज में चीन, अफ्रीका और यूरोप के कुछ हिस्से आते हैं।