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ऑपरेशन सिंदूर: भारत ने आतंकी कसाब के ट्रेनिंग कैंप समेत इन ठिकानों को किया तबाह
भारत ने 9 आतंकी ठिकानों को बर्बाद किया है

ऑपरेशन सिंदूर: भारत ने आतंकी कसाब के ट्रेनिंग कैंप समेत इन ठिकानों को किया तबाह

लेखन आबिद खान
May 07, 2025
12:31 pm

क्या है खबर?

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया है। इसके तहत भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया है। समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, इनमें जैश-ए-मोहम्मद के 4, लश्कर-ए-तैयबा के 3 और हिजबुल मुजाहिदीन के 2 आतंकी ठिकाने शामिल हैं। आइए भारत ने जिन लक्ष्यों को बर्बाद किया है, उनके बारे में जानते हैं।

जैश मुख्यालय

बहालपुर में जैश का मुख्यालय तबाह

भारत ने पाकिस्तान के पंजाब के बहावलपुर में स्थित मरकज सुब्हान अल्लाह को बर्बाद कर दिया है। करीब 15 एकड़ इलाके में फैले इस परिसर में युवाओं को आतंकी गतिविधियों का प्रशिक्षण दिया जाता था। 14 फरवरी 2019 को हुए पुलवामा आतंकी हमले की योजना यहीं बनाई गई थी और आतंकियों को इसी शिविर में प्रशिक्षण दिया गया था। यहां जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर समेत सैकड़ों लोगों के आवास हैं।

लश्कर

लश्कर का मरकज तैयबा भी बर्बाद, लादेन ने की थी फंडिंग

वायुसेना ने मुरीदके में स्थित मरकज तैयबा पर भी हमला किया, जो लश्कर-ए-तैयबा का ठिकाना है। इसे लश्कर का वैचारिक और संचालन केंद्र माना जाता है। करीब 200 एकड़ में फैला ये परिसर साल 2000 में बना था। इस केंद्र को बनाने में आतंकी ओसामा बिन लादेन ने करीब 1 करोड़ रुपये की फंडिंग की थी। अजमल कसाब समेत मुंबई आतंकी हमले के सभी आतंकियों को यहां प्रशिक्षण मिला था।

जैश

सरजाल में जैश की अहम लॉन्चिंग साइट बर्बाद

पाकिस्तान के नरोवाल जिले के शकरगढ़ के तेहरा कलां गांव में स्थित यह आतंकी ठिकाना जैश-ए-मोहम्मद की प्रमुख लॉन्चिंग सुविधा है। ये भारतीय सीमा से सिर्फ 6 किलोमीटर दूर है। इसका उपयोग सुरंग निर्माण, ड्रोन संचालन और हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए किया जाता है। मोहम्मद अदनान अली और काशिफ जान जैसे वरिष्ठ जैश-ए-मोहम्मद नेता का आना-जाना यहां लगा रहता है। इसके संचालन का जिम्मा मुफ्ती अब्दुल रऊफ असगर के हाथ में है।

महमूना जोया

महमूना जोया में हिजबुल मुजाहिद्दीन का प्रशिक्षण शिविर

सियालकोट जिले के हेड मारला में भुट्टा कोटली सरकारी अस्पताल के अंदर स्थित इस ठिकाने का इस्तेमाल हिजबुल मुजाहिदीन द्वारा जम्मू में घुसपैठ के लिए किया जाता है। यहां आतंकियों को हथियार चलाने और आतंकवादी रणनीति का प्रशिक्षण दिया जाता है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI की मदद से इसकी स्थापना हुई थी। मोहम्मद इरफान खान, अबू लाला, माज भाई और इरफान घुम्मन जैसे हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी यहां से ऑपरेट करते हैं।

मरकज अहले हदीस

बरनाला स्थित मरकज अहले हदीस

बरनाला के बाहरी इलाके में कोट जामेल रोड पर स्थित इस लश्कर सुविधा का इस्तेमाल पुंछ-राजौरी-रियासी सेक्टर में घुसपैठ के लिए किया जाता है। इसमें 100-150 आतंकी रह सकते हैं और हर वक्त 40-50 आतंकी मौजूद रहते हैं। कासिम गुज्जर, कासिम खांडा और अनस जरार जैसे लश्कर के आतंकी यहां से काम करते हैं। कोटली स्थित जैश के प्रमुख केंद्र मरकज अब्बास को भी बर्बाद कर दिया गया है। कारी जर्रार इसका प्रमुख है।

अन्य कैंप

सेना ने इन ठिकानों को भी बनाया निशाना

कोटली में स्थित मस्कर राहील शाहिद हिजबुल का प्रशिक्षण केंद्र है। यहां स्नाइपर चलाने का प्रशिक्षण दिया जाता है। मुजफ्फराबाद स्थित लश्कर के शावई नाला शिविर को भी बर्बाद किया गया है। यहां फायरिंग रेंज, ट्रेनिंग ग्राउंड, LeT मदरसा और लगभग 40 कमरे हैं। मुजफ्फराबाद में लाल किले के सामने स्थित मरकज सैयदना बिलाल को भी सेना ने बर्बाद कर दिया है। यहां से आतंकियों को जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ के लिए रवाना किया जाता है।