#NewsBytesExplainer: प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ जारी हो सकता है ब्लू कॉर्नर नोटिस, ये क्या होता है?
कर्नाटक में यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे जनता दल सेक्युलर (JDS) के सांसद प्रज्वल रेवन्ना के विधायक पिता एचडी रेवन्ना को विशेष जांच दल (SIT) ने हिरासत में ले लिया है। एचडी रेवन्ना की गिरफ्तारी के बाद प्रज्वल पर भी शिकंजा कसने की तैयारी है। SIT ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से अनुरोध किया है कि वो इंटरपोल से प्रज्वल के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी करवाए। आइए जानते हैं ब्लू कॉर्नर नोटिस क्या होता है।
क्या होता है ब्लू कॉर्नर नोटिस?
ब्लू कॉर्नर नोटिस अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन जारी करता है, जिसे आमतौर पर इंटरपोल कहा जाता है। दरअसल, इंटरपोल अलग-अलग रंग के नोटिस जारी करता है, जिनके अलग-अलग मायने होते हैं। संगठन की वेबसाइट के अनुसार, ब्लू कॉर्नर नोटिस देशों को दुनियाभर में कहीं भी वांछित व्यक्तियों/अपराधों पर जानकारी के लिए अलर्ट और अनुरोध साझा करने में सक्षम बनाता है। इसके लिए जांच एजेंसी को इंटरपोल से अनुरोध करना होता है।
कितने तरह के नोटिस जारी करता है इंटरपोल?
इंटरपोल 7 तरह के नोटिस जारी करता है- रेड, यलो, ब्लू, ब्लैक, ग्रीन, ऑरेंज और पर्पल। हर एक नोटिस का अलग-अलग उद्देश्य होता है। इनमें से रेड कॉर्नर को सबसे गंभीर नोटिस माना जाता है। ये उन व्यक्तियों की तलाश के लिए जारी किया जाता है, जिन पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हो। ग्रीन नोटिस उन लोगों के लिए जारी किया जाता है, जो अपराध कर चुके हैं या आशंका है कि वे दूसरे देश में जाकर अपराध करेंगे।
क्या होते हैं यलो, ब्लैक, ग्रीन और ऑरेंज नोटिस के मायने?
इंटरपोल यलो नोटिस गुमशुदा नाबालिगों की सूचना देने के लिए जारी करता है। किसी लाश की पहचान नहीं होने पर ब्लैक नोटिस जारी किया जाता है। ग्रीन नोटिस किसी व्यक्ति की आपराधिक गतिविधियों की चेतावनी देने के लिए जारी किया जाता है, जहां उस व्यक्ति को सार्वजनिक सुरक्षा के लिए संभावित खतरा माना जाता है। ऑरेंज नोटिस का मतलब सार्वजनिक सुरक्षा के लिए संभावित खतरा होने वाली किसी घटना, व्यक्ति या वस्तु के बारे में चेतावनी देना होता है।
पर्पल नोटिस क्यों जारी किया जाता है?
पर्पल नोटिस अपराधियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले तौर-तरीकों, वस्तुओं, उपकरणों और छिपने के तरीकों के बारे में जानकारी देने के लिए जारी किया जाता है। ये नोटिस किसी सदस्य देश के इंटरपोल नेशनल सेंट्रल ब्यूरो के अनुरोध पर इंटरपोल के जनरल सचिवालय द्वारा जारी किए जाते हैं, जो सभी सदस्य देशों के लिए होते हैं। बता दें कि भारत समेत दुनियाभर के 195 देश इस समय इंटरपोल के सदस्य हैं।
प्रज्वल के लिए ब्लू कॉर्नर नोटिस के क्या हैं मायने?
प्रज्वल के लिए ब्लू कॉर्नर नोटिस केवल जांच एजेंसियों की पूछताछ को आगे बढ़ाने के लिए है। CBI इस नोटिस को 'पूछताछ नोटिस' के रूप में संदर्भित करती है, जो किसी की पहचान सत्यापित करने, किसी व्यक्ति के आपराधिक रिकॉर्ड का विवरण प्राप्त करने, ऐसे व्यक्ति का पता लगाने, जो लापता है या अंतरराष्ट्रीय अपराधी है या आपराधिक कानून के उल्लंघन के लिए वांछित है, के लिए जारी होता है।
ब्लू कॉर्नर नोटिस से क्या बढ़ेंगी प्रज्वल की मुश्किलें?
अगर प्रज्वल के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी होता है तो जांच एजेंसियों को काफी मदद मिलेगी। प्रज्वल की गतिविधियों की जानकारी एजेंसियों को मिलेगी। हालांकि, इंटरपोल के सभी नोटिस विवेकाधीन हैं, यानी इंटरपोल अन्य देशों को किसी नोटिस पर कार्रवाई करने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है। ये दोनों देशों के बीच संबंधों पर भी निर्भर करता है। प्रज्वल जर्मनी भागा है और भारत के जर्मनी के साथ अच्छे संबंध हैं, ऐसे में जरूर मदद मिल सकती है।
क्या है मामला?
हाल ही में रेवन्ना के लगभग 3,000 सेक्स टेप सामने आए थे। इनमें से कई वीडियो में वे महिलाओं की मर्जी के बिना संबंध बनाते और फिल्माते हुए नजर आ रहे हैं। मामले की जांच SIT कर रही है, जिसने रेवन्ना और उनके पिता के खिलाफ 2 लुकआउट नोटिस जारी किए हैं। हालांकि, रेवन्ना अपने राजनयिक पासपोर्ट के जरिए जर्मनी भाग गए हैं। उन्हीं को वापस लाने के लिए ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी करने की चर्चा हो रही है।
न्यूजबाइट्स प्लस
इंटरपोल एक अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन है, जिसका मुख्यालय फ्रांस के लियोन में है। इसके 7 क्षेत्रीय ब्यूरो भी हैं। 7 सितंबर, 1923 को ऑस्ट्रिया के विएना में इसकी स्थापना हुई थी। दरअसल, पहले विश्वयुद्ध के बाद यूरोप में काफी अपराध होने लगे। अपराधी एक देश में अपराध करते और दूसरे देश में जाकर छिप जाते। इस समस्या से निपटने के लिए 20 देशों ने मिलकर इंटरपोल की शुरुआत की थी।