#NewsBytesExplainer: फिल्मों में कैसे होती है पानी के अंदर शूटिंग? जानिए इसके बारे में सबकुछ
क्या है खबर?
बॉलीवुड हो या हॉलीवुड, यहां हर साल अलग-अलग तरीके की फिल्में रिलीज होती हैं। किसी में एक्शन देखने को मिलता है तो कोई कॉमेडी या रोमांच से भरपूर होती है।
इसके अलावा पानी के अंदर शूट होने वाली फिल्में खासकर लोगों को रोमांचित करती हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इन फिल्मों की शूटिंग कैसे होती है या इसके लिए निर्माताओं और सितारों को किस तैयारी से गुजरना पड़ता है?
आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
विस्तार
स्टूडियो में की जाती है शूटिंग
पहले के जमाने में जहां समुद्र या नदी में पानी के अंदर शूटिंग होती थी तो अब शूटिंग के लिए ऐसा करने की जरूरत नहीं पड़ती।
आज का जमाना AI, VFX और स्पेशल इफेक्ट का है और ऐसे में किसी भी स्टूडियो में 'अंडरवाटर शूटिंग' आसानी से हो सकती है।
इसके लिए दुनियाभर में कई स्टूडियो बनाए गए हैं। ऐसे में स्टूडियो में एक सेटअप तैयार करके या स्वीमिंग पूल में पानी के अंदर सभी सीन फिल्माए जाते हैं।
बचत
पहले होती थी समय की बर्बादी
स्टूडियो में शूटिंग करने से न केवल फिल्म की पूरी टीम को सुविधा मिलती है, बल्कि सितारों के लिए भी आसानी हो जाती है।
दरअसल, स्टूडियो में किसी भी सीन में जरूरत पड़ने पर लहर आसानी से लाई जा सकती है, वहीं पहले के दौर में समुद्र में लहर के आने का इंतजार किया जाता था।
इस दौरान पूरे टीम को काफी समय तक इंतजार करना पड़ता था, जिससे समय की बहुत बर्बादी होती थी।
राहत
स्पेशल इफेक्ट्स ने शूटिंग को बनाया आसान
किसी भी स्टूडियो में समुद्र में तूफान और सुनामी तक के दृश्य को आसानी से फिल्माया जा सकता है।
साथ ही जब जरूरत हो बारिश लाई जा सकती है, लेकिन असली लोकेशन पर लहरों का सामना करना किसी के लिए भी आसान नहीं होता। कई बार खतरनाक लहरे लोगों के लिए खतरा भी बन जाती थीं।
हालांकि, अब स्पेशल इफेक्ट्स की मदद से पानी के अंदर शूटिंग करना निर्देशक के लिए काफी आसान हो गया है।
सुरक्षा
सुरक्षा के रहते हैं पुख्ता प्रबंध
पहले पानी के अंदर शूटिंग के लिए न तो स्टूडियो हुआ करते थे और न ही क्रू और सितारों के पास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम।
हालांकि, अब हालात बदल चुके हैं और शूटिंग के दौरान हर बात का ख्याल रखा जाता है।
अब सोलर पैनल या हीट पंप से पानी को गर्म किया जाता है ताकि ज्यादा समय तक पानी में रहने से किसी सितारे की तबीयत न बिगड़े।
इसके अलावा सेट पर एंबुलेंस और डॉक्टर भी मौजूद रहते हैं।
प्रशिक्षण
शूटिंग से पहले सितारों को दी जाती है ट्रेनिंग
इस सबके अलावा शूटिंग से पहले सितारों को ट्रेनिंग दी जाती है ताकि सीन को फिल्माना आसान हो।
दरअसल, शूटिंग शुरू करने से पहले देखा जाता है कि किन सितारों को तैरना आता है और अगर किसी को नहीं आता है तो उन्हें प्रशिक्षण दिया जाता है।
इसके बाद पानी में सांस रोकने, रेगुलेटर से सांस लेने और स्कूबा डाइविंग की थोड़ी बहुत जानकारी सितारों को दी जाती है।
शूटिंग के दौरान सेट पर एक प्रशिक्षक भी मौजूद रहता है।
जरूरी बातें
लाइटिंग का ध्यान रखना जरूरी
पानी के अंदर शूटिंग करने के दौरान एक अच्छे कैमरे के साथ ही लाइटिंग का भी खास ध्यान रखा जाता है ताकि सीन को अच्छी तरह से फिल्माया जा सके।
इसके लिए स्ट्रोब और LED लाइटें आमतौर पर सबसे अच्छा विकल्प साबित होती हैं क्योंकि ये दिन के उजाले जैसी ही रोशनी देती हैं।
इसके साथ ही निर्देशक अलग-अलग ऐंगल से काफी सारे शॉट लेते हैं ताकि उनमें से सबसे अच्छे शॉट को फिल्म का हिस्सा बनाया जा सके।
पहली फिल्म
40 के दशक में आई थी पहली 'अंडरवाटर फिल्म'
इटली की 'पनारिया फिल्म्स' ने 40 के दशक में पहली बार एक अंटरवाटर फिल्म 'अंडरवाटर हंटर्स' बनाई थी।
1946 में एओलियन द्वीप समूह के पास इस फिल्म की शूटिंग पानी के अंदर करना किसी अजूबे से कम नहीं था। इसकी शूटिंग के दौरान पूरी टीम को 2 महीने तक इस द्वीप पर रहना पड़ा था।
इसे शूट करने के लिए ही पहली बार पेशेवर कैमरे का इस्तेमाल हुआ था, जिसे लेकर फिल्मकार फ्रांसेस्को एलियाटा को समुद्र में कूदना पड़ा था।
उदाहरण
'अवतार: द वे ऑफ वाटर' के लिए बना था विशाल सेट
हॉलीवुड के मशहूर निर्देशक जेम्स कैमरून की फिल्म 'अवतार: द वे ऑफ वॉटर' तो आपकी याद ही होगी, जिसमें पानी के नीचे की दुनिया दिखाई गई थी।
इसके लिए निर्देशक ने 'मैनहटन बीच स्टूडियोज' में विशाल सेट तैयार किया था, जिसे बनाने में उन्हें और उनकी टीम को कई महीने लगे थे।
यह एक कृत्रिम कुंड था, जिसकी क्षमता 10 लाख लीटर पानी की थी। पानी के अंदर ही कैमरे लगाए गए थे ताकि किरदारों के हाव-भाव शूट हो सके।
अंडरवाटर सिनेमैटोग्राफर
सुमेर वर्मा हैं भारत के पहले अंडरवाटर सिनेमैटोग्राफर
सुमेर वर्मा भारत के पहले अंडरवाटर सिनेमैटोग्राफर हैं, जिन्होंने एसएस राजामौली के साथ काम किया है। इनके अलावा प्रिया सेठ एक प्रशिक्षित स्कूबा डाइवर और अंडरवाटर सिनेमैटोग्राफर हैं, जिन्होंने रानी मुखर्जी अभिनीत 'मर्दानी 2' में काम किया था।
इसके अलावा दुनिया के सबसे आधुनिक अंडरवाटर फिल्म स्टूडियो की बात करें तो वह बेल्जियम के वेलबोल्डे में है, जिसका नाम 'लाइट्स स्टूडियो' है। इस स्टूडियो को विम मिशिल्स ने बनाया है, जो गोताखोर होने के साथ एक सिनेमैटोग्राफर भी हैं।
जानकारी
बॉलीवुड की इन फिल्मों में हुई पानी के अंदर शूटिंग
सारा अली खान की फिल्म 'केदारनाथ' में प्रशिक्षक की मौजूदगी में पानी के अंदर सीन फिल्माए गए तो अक्षय कुमार ने फिल्म 'राम सेतु' के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रू की मदद ली। 'ब्लू', 'द गाजी अटैक' सहित कई फिल्मों में भी पानी में शूटिंग हुई थी।