मणिपुर हिंसा: 2 छात्रों की हत्या के मामले में बड़ी सफलता, मुख्य आरोपी गिरफ्तार
क्या है खबर?
मणिपुर में 2 छात्रों की हत्या के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने पांचवें आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
CBI ने कहा कि पाओलुन मांग को बुधवार को महाराष्ट्र के पुणे से गिरफ्तार करके CBI कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उसे 16 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
इससे पहले 1 अक्टूबर को मामले में CBI ने 2 पुरुषों और 2 महिलाओं को गिरफ्तार किया था।
मास्टरमाइंड
पाओलुन मांग है अपहरण और हत्या का मास्टरमाइंड
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, नाम न छापने की शर्त पर एक CBI अधिकारी ने बताया कि 2 छात्रों के अपहरण और हत्या में मांग की भूमिका प्रमुख थी और उसकी गिरफ्तारी पहले से पकड़े गए 4 आरोपियों से पूछताछ के बाद की गई है।
इस मामले में गिरफ्तार किए गए संदिग्धों में 2 पुरुष हैं, जिनके नाम पाओमिनलुन हाओकिप और एस मालसॉम हाओकिप हैं। इसके अलावा 2 महिलाएं हैं, जिनके नाम ल्हिंगनेइचोंग बैतेकुकी और टिननेइलिंग हेंथांग हैं।
मामला
क्या है मामला?
मैतेई समुदाय के तकयेल गांव के फिजाम हेमनजीत सिंह (20) और तेरा गांव की लुवांगबी लिनथोइनगांबी हिजाम (17) को 6 जुलाई को कुकी उग्रवादियों ने अगवा कर लिया गया था।
23 सितंबर को दोनों छात्रों के शवों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आईं, जिसके बाद राज्य में तनाव बढ़ गया।
मामले में FIR दर्ज कर जांच CBI को दी गई। अभी तक दोनों छात्रों के शवों का पता नहीं चल सका है।
तनाव
मामले में हुए थे उग्र प्रदर्शन, मुख्यमंत्री के पुश्तैनी घर पर हुआ था हमला
छात्रों के शवों की तस्वीरें आने के बाद पूरे राज्य में उग्र विरोध-प्रदर्शन हुए थे।
28 सितंबर को बड़ी संख्या में लोगों ने लुवांगसांगबाम स्थित मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के पुश्तैनी आवास पर भी धावा बोल दिया था।
इस प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस और सुरक्षाबलों को आंसू गैस के गोले दागने पड़े थे।
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि राज्य और केंद्र दोनों मिलकर अपराधियों को पकड़ेंगे।
अंतिम संस्कार
माता-पिता को अभी तक बच्चों के शवों का इंतजार
आज भी मृत छात्रों के माता-पिता अपने बच्चों के शवों के इंतजार में हैं, ताकि वो उनका अंतिम संस्कार सम्मान से कर सकें। वह सरकार से गुहार भी लगा चुके हैं।
मैतेई प्रथा के अनुसार अंतिम संस्कार की विधि के लिए उनके पहने हुए कपड़े के कम से कम एक छोटे टुकड़े की जरूरत है।
दोनों माताएं अंतिम संस्कार होने तक रोजाना अपने बच्चों की तस्वीरों के सामने अगरबत्ती, मोमबत्तियां और भोजन का एक छोटा हिस्सा चढ़ाती हैं।
हिंसा
मणिपुर में मई से जारी है हिंसा
मणिपुर में 3 मई को कुकी समुदाय ने गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को आदिवासी का दर्जा दिए जाने के खिलाफ एकजुटता मार्च निकाला था, जिसके बाद दोनों समुदायों में हिंसा जारी है।
यहां बहुसंख्यक मैतेई 53 प्रतिशत हैं, जो इंफाल घाटी में रहते हैं और आदिवासी कुकी समुदाय 40 प्रतिशत हैं, जो पहाड़ी जिलों में रहते हैं।
मणिपुर हिंसा में अब तक 180 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों बेघर हुए हैं।