यूक्रेन ने भारत समेत पांच देशों में तैनात अपने राजदूतों को किया बर्खास्त
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने भारत समेत पांच देशों से अपने राजदूतों को पद से हटा दिया है। राष्ट्रपति की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, यूक्रेन ने जर्मनी, भारत, चेक रिपब्लिक, नॉर्वे और हंगरी में तैनात अपने राजदूतों को उनके पदों से बर्खास्त कर दिया है। इसके पीछे के कारण का अभी तक पता नहीं चल पाया है और न ही यह साफ हुआ है कि इन अधिकारियों को कोई दूसरी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी या नहीं।
जेलेंस्की ने राजनयिकों से की समर्थन जुटाने की अपील
रूस के खिलाफ कई महीनों से युद्ध लड़ रहे यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अपने राजनयिकों से देश के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन और सैन्य मदद जुटाने की मांग की है। गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन के बीच 24 फरवरी से युद्ध जारी है।
जर्मनी में तैनात राजदूत को भी किया बर्खास्त
जर्मनी में तैनात यूक्रेनी राजदूत एंड्री मेलनिक की बर्खास्तगी की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है। उन्हें जेलेंस्की की पूर्ववर्ती सरकार ने 2014 में जर्मनी में नियुक्त किया था और मेलनिक को जर्मन नेताओं और अधिकारियों के बीच काफी पसंद किया जाता है। कयास लगाए जा रहे हैं कि युद्ध के दौरान यूक्रेन के लिए पर्याप्त सैन्य सहायता और समर्थन न जुटा पाने के कारण इन पांचों राजदूतों की विदाई हुई है।
संवेदनशील बने हुए हैं जर्मनी के साथ रिश्ते
फिलहाल जर्मनी के साथ यूक्रेन के संबंध काफी संवेदनशील बने हुए हैं। दरअसल, जर्मनी रूस की ऊर्जा आपूर्ति पर बेहद निर्भर है और इन दिनों जर्मनी निर्मित एक टर्बाइन मरम्मत के लिए कनाडा में है। जर्मनी चाहता है कि कनाडा जल्द इसकी मरम्मत कर इसे रूसी कंपनी गेजप्रोम को सौंप दे ताकि यूरोप में गैस आपूर्ति तेज की जा सके। वहीं यूक्रेन का कहना है कि अगर कनाडा यह टर्बाइन रूस भेजता है तो यह प्रतिबंधों का उल्लंघन होगा।
रूस-यूक्रेन युद्ध की क्या स्थिति?
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध 136वें दिन में प्रवेश कर गया है। यूक्रेन ने पश्चिमी देशों से और हथियारों की मांग करते हुए कहा कि वह युद्ध टर्निंग प्वाइंट की स्थिति में पहुंच गया है। वहीं रूस यूक्रेन की सीमा के पास अपने रिजर्व सैनिकों को जमा कर रहा है और वह खेरसोन-मिकोलाइव और खेरसोन-दनिप्रोपेट्रोव्स्क इलाके में अपनी खोई हुई स्थिति को वापस पाने के लिए हमले तेज कर दिए हैं।
यूक्रेन छोड़कर गए 87 लाख लोग
शरणार्थियों के लिए काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र की एक संस्था के अनुसार, युद्ध शुरू होने के बाद से लेकर अब तक करीब 87 लाख लोग यूक्रेन छोड़कर जा चुके हैं और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। इनमें से सबसे ज्यादा 44.72 लाख ने पोलैंड, लगभग 7.87 लाख ने रोमानिया, 15.18 लाख ने रूस, नौ लाख ने हंगरी, 5.23 लाख ने मोलडोवा, 5.70 लाख ने स्लोवाकिया और करीब 17,000 लोगों ने बेलारूस में शरण ली है।