लोकसभा चुनाव: कर्नाटक में भाजपा ने 9 सांसदों का टिकट क्यों काटा?
क्या है खबर?
कर्नाटक में भाजपा ने बड़ा सियासी बदलाव किया है। पार्टी ने बुधवार को लोकसभा चुनाव के लिए दूसरी सूची जारी कर कर्नाटक की 28 में से 20 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की।
भाजपा ने यहां 9 मौजूदा लोकसभा सांसदों का टिकट काटा है, जबकि एक सांसद की सीट बदली है। एक सांसद की जगह उसकी पत्नी को मौका दिया गया है।
आइए जानते हैं भाजपा के इतने सांसदों का टिकट काटने के पीछे क्या कारण हैं।
सांसद
पार्टी ने किन सांसदों के काटे टिकट?
भाजपा ने बेंगलुरु उत्तर से 4 बार के सांसद रहे पूर्व मुख्यमंत्री डीवी सदानंद गौड़ा, मैसूर से प्रताप सिम्हा, दक्षिण कन्नड़ से नलिन कुमार कटील, कोप्पल से कराडी संगन्ना अमरप्पा, बेल्लारी से याराबासी देवेन्द्रप्पा, हावेरी से शिवकुमार चनबसप्पा उदासी, दावणगेरे से पूर्व केंद्रीय मंत्री जीएम सिद्धेश्वर, तमुकुर से जीएस बसवराज, चामराजनगर से श्रीनिवास प्रसाद का टिकट काटा है।
चिक्कोडी, बागलकोट, बीजापुर, गुलबर्ग, बीदर, धारवाड़, शिमोगा, बेंगलुरु मध्य, बेंगलुरु दक्षिण में मौजूदा सांसदों को दोबारा टिकट दिया।
अवसर
पार्टी ने किन नए चेहरों को दिया मौका?
पार्टी ने कोप्पल से बसवराज क्यावातूर, बेल्लारी से श्रीरामुलू, हावेरी से पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, दावणगेरे से पूर्व केंद्रीय मंत्री सिद्धेश्वर की पत्नी गायत्री सिद्देश्वरा, उडुपी-चिकमंगलूर से विधान परिषद में विपक्ष के नेता कोटा श्रिनिवास, दक्षिण कन्नड़ से ब्रिजेश चौटा, तुमकूरु वी सोमन्णा, मैसूर से पूर्व शाही परिवार के उत्तराधिकारी यदुवीर कृष्णदत्त चामराजा वाडियार और चामराजनगर से एस बालराज को टिकट दिया है।
शोभा करंदलाजे को उडुपी-चिकमंगलूर की जगह बेंगलुरु उत्तर से टिकट दिया गया है।
कारण
पार्टी ने क्यों काटे टिकट?
दरअसल, कर्नाटक में भाजपा ने नए चेहरों को लाने की कोशिश की है, जिससे कांग्रेस को कड़ी टक्कर देने के साथ-साथ यहां जाति संतुलन भी बना रहे।
इसके अलावा नेताओं की स्वीकार्यता को भी ध्यान में रखा गया है और जिन नेताओं की जमीन या कार्यकर्ताओं की तरफ से अच्छी रिपोर्ट नहीं आई, उनकी टिकट काट दी गई है।
पार्टी को डर था कि ये नेता उसकी अधिक से अधिक सीटें जीतने की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
नाम
किस नाम ने चौंकाया?
इस सूची में हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ सीएन मंजूनाथ का नाम सबसे हैरान करने वाला है, जो हाल ही में भाजपा में शामिल हुए थे।
मंजूनाथ पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल जनता दल (सेक्युलर) सुप्रीमो एचडी देवगौड़ा के दामाद हैं, जिन्हें बेंगलुरु ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से 3 बार के सांसद कांग्रेस नेता डीके सुरेश के खिलाफ उतारा गया है।
इस निर्वाचन क्षेत्र को वोक्कालिगा का गढ़ और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के परिवार का गढ़ माना जाता है।
बदलाव
शोभा करंदलाजे की सीट क्यों बदली?
केंद्रीय कृषि, किसान कल्याण और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री शोभा को उडुपी-चिकमंगलूर के बजाय बेंगलुरु उत्तर लोकसभा सीट से उतारा गया है। 2014 में शोभा इस सीट का नेतृत्व कर चुकी हैं।
दरअसल, चिकमंगलूर में स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ 'गो बैक शोभा' अभियान शुरू किया था और उन्हें इस सीट से टिकट दिए जाने पर आपत्ति जताई थी।
विरोध-प्रदर्शन में शामिल स्थानीय नेताओं का दावा है कि ब्लॉक कमेटी नेताओं में भी उनकी पहचान कमजोर है।
विशेषज्ञ
भाजपा की सूची पर विशेषज्ञों का क्या कहना है?
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व इस लोकसभा चुनाव में बड़े डर के साथ निर्णय ले रहा।
राजनीतिक विश्लेषक एसए हेमंथ ने कहा, "केंद्रीय नेतृत्व व्यापक परिवर्तन लाना चाहता था। हालांकि, भाजपा ने आंतरिक कलह से बचने के लिए कई ऐसे सांसदों को बरकरार रखा है, जो पार्टी की जीत की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा सकता है। इस कदम का मतलब है कि केंद्रीय नेतृत्व बड़े निर्णय लेने को तैयार है, लेकिन थोड़ा डर भी है।"