#NewsBytesExplainer: संजय सिंह जेल में क्यों थे, उनके बाहर आने से AAP को क्या फायदा होगा?
आम आदमी पार्टी (AAP) के बड़े नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को आज एक बड़ी राहत मिली और सुप्रीम कोर्ट ने शराब नीति मामले में उन्हें जमानत दे दी। वे लगभग 6 महीने से तिहाड़ जेल में बंद थे। इस फैसले को लोकसभा चुनाव के नजरिए से AAP के लिए भी एक बड़ी राहत माना जा रहा है। आइए जानते हैं कि सिंह जेल में क्यों थे और उनके बाहर आने से AAP को क्या फायदा होगा।
सबसे पहले जानें क्या है शराब नीति मामला
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने नवंबर, 2021 में नई शराब नीति लागू की थी, जिसमें शराब के ठेके निजी शराब कंपनियों को दिए गए थे। प्रर्वतन निदेशालय (ED) का आरोप है कि शराब कंपनियों और 'दक्षिण समूह' को फायदा पहुंचाने के लिए दिल्ली सरकार ने नीति में बदलाव किए और इसके बदले कंपनियों और 'दक्षिण समूह' ने केजरीवाल की AAP को रिश्वत दी। दक्षिण समूह के AAP को 100 करोड़ रुपये रिश्वत देने का आरोप है।
मामले में संजय सिंह का नाम कैसे आया?
मामले में सबसे पहले अप्रैल, 2023 में ED की एक चार्जशीट में संजय सिंह का नाम आया था। हालांकि, सिंह ने दावा किया था कि चार्जशीट में उनका नाम गलती से लिखा गया है और इसकी जगह किसी अन्य व्यक्ति का नाम होना था। ED ने भी यह बात स्वीकारी थी। हालांकि, इसके बावजूद ED ने पिछले 4 अक्टूबर को सिंह के घर पर छापा मारा और कई घंटे छापेमारी के बाद सिंह को गिरफ्तार कर लिया।
सिंह पर क्या आरोप हैं?
ED का आरोप है कि सिंह ने कथित शराब घोटाले के आरोपी व्यापारी दिनेश अरोड़ा से मुलाकात की थी और उनके माध्यम से ही अरोड़ा मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल से मिले थे। ED के अनुसार, सिंह ने अरोड़ा को कई रेस्तरां मालिकों से बात करने को कहा, जिनसे दिल्ली में पार्टी के लिए 82 लाख रुपये की व्यवस्था की गई। अरोड़ा अभी सरकारी गवाह हैं और उनके बयान के आधार पर ही सिंह को गिरफ्तार किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने सिंह को किस आधार पर जमानत दी?
फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने सिंह को मामले की योग्यता के आधार पर जमानत नहीं दी है, बल्कि ED के उनकी जमानत का विरोध न करने पर जमानत दी है। हालांकि, सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस बात पर सवाल उठाए कि अरोड़ा ने 10वें बयान तक सिंह का नाम नहीं लिया था। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि सिंह के पास से कुछ बरामद नहीं हुआ है और रिश्वत लेने का कोई सबूत नहीं मिला है।
सिंह को जमानत से AAP को क्या फायदा होगा?
इस समय अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया जैसे बड़े AAP नेता शराब नीति मामले में जेल में बंद हैं। पिछले महीने ही केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद पार्टी के भविष्य पर सवाल उठने लगे थे क्योंकि इसे चलाने के लिए कोई भी बड़ा नेता नहीं बचा था। हालांकि, अब AAP के शीर्ष नेतृत्व में शामिल सिंह जमानत पर बाहर पार्टी को संभाल सकेंगे। यह लोकसभा चुनाव से पहले AAP के लिए एक बड़ी राहत है।
क्या केजरीवाल और सिसोदिया को भी मिल सकती है जमानत?
एक सवाल यह उठ रहा है कि क्या सिंह को जमानत के बाद केजरीवाल और सिसोदिया की जमानत का भी रास्ता साफ हो गया है। ऐसा नहीं है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि सिंह को जमानत देने के फैसले को किसी अन्य मामले में मिसाल की तरह पेश नहीं किया जा सकता। अगर कोर्ट योग्यता के आधार पर जमानत देता तो केजरीवाल और सिसोदिया के लिए चीजें आसान हो सकती थीं और वे इसे मिसाल बना सकते थे।