स्पेन के प्रधानमंत्री ने मंत्रियों और अधिकारियों से टाई न पहनने की अपील क्यों की?
स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने अपने मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों से टाई न पहनने की अपील की है। स्पेन के गर्म मौसम को देखते हुए यह कदम जरूरी लग रहा है, लेकिन इसके पीछे ऊर्जा बचाने की कोशिश भी है। मैड्रिड में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सांचेज ने कहा, "आप देख सकते हैं कि मैंने टाई नहीं पहनी है। आरामदायक महसूस करने से अगर कम एयर कंडीशनिंग की जरूरत पड़ती है तो यह ऊर्जा की बचत करेगा।"
इस तरह हम ऊर्जा की बचत कर सकेंगे- सांचेज
सांचेज ने कहा कि उन्होंने सभी मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों ने टाई पहनना बंद करने अपील करते हुए उम्मीद जताई कि निजी क्षेत्र भी इस कदम का पालन करेगा। उन्होंने कहा, "इसका मतलब है कि हम सभी लोग ऊर्जा की बचत कर सकेंगे।" सोमवार से स्पेनिश सरकार बाकी यूरोपीय देशों की तरह ऊर्जा बचत के लिए कई नए कदम उठाने जा रही है। हालांकि, सरकार ने इस दिशा में पर्याप्त जानकारी नहीं दी है।
क्यों पड़ रही ऊर्जा बचत की जरूरत?
यूक्रेन पर हमले के बाद से यूरोपीय संघ लगातार रूस पर अपनी ऊर्जा जरूरतों को कम करने का प्रयास कर रहा है। मई के मध्य में संघ ने 210 बिलियन यूरो की योजना बनाई थी ताकि वह नवीनीकरण ऊर्जा का उपयोग बढ़ा सके, ऊर्जा की खपत और रूसी गैस पर अपनी निर्भरता कम कर सके। इसके बाद स्पेन सरकार ने ऑफिस में एयर कंडीशनिंग का इस्तेमाल कम करने और रिमोट वर्क को प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठाए हैं।
कई तरह के कदम उठा रहे हैं यूरोपीय देश
27 देशों के समूह यूरोपीय संघ ने बीते मंगलवार को 1 अगस्त, 2022 से लेकर 31 मार्च 2023 तक पिछले पांच सालों की औसतन ऊर्जा खपत को 15 प्रतिशत तक कम करने पर सहमति जताई है। इसके लिए सदस्य देश अपनी मर्जी के कदम उठा सकते हैं। इस नीति के तहत जर्मनी के कई शहरों ने पूल और स्पोर्ट्स सेंटर पर नहाने के लिए केवल ठंडा पानी मुहैया कराने और ऐतिहासिक स्मारकों की लाइटें बंद करने का फैसला किया है।
फरवरी से जारी है यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध
रूस और यूक्रेन के बीच 24 फरवरी से युद्ध जारी है और अब तक दोनों देशों के हजारों सैनिकों की मौत हो चुकी है। युद्ध के चलते यूक्रेन के कई लाख लोगों को देश छोड़कर पड़ोसी देशों में शरण लेनी पड़ी है। अमेरिका और यूरोप इस युद्ध के लिए व्लादिमीर पुतिन को जिम्मेदार ठहराते हुए रूस पर कई प्रतिबंध लगा चुके हैं। हालांकि, अभी तक वो रूस से अपनी ऊर्जा जरूरतों को कम नहीं कर पाए हैं।