
अरविंद केजरीवाल को झटका, बंगले की मरम्मत में भ्रष्टाचार को लेकर CBI ने शुरू की जांच
क्या है खबर?
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। मुख्यमंत्री आवास की मरम्मत मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने केजरीवाल के खिलाफ प्रारंभिक जांच शुरू की है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मामले की CBI जांच के आदेश दिए थे, जिसके बाद अब प्राथमिक जांच (PE) दर्ज की गई है।
आरोप है कि केजरीवाल ने अपने आवास की मरम्मत पर कथित तौर पर 45 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इसे लेकर काफी विवाद भी हुआ था।
दस्तावेज
CBI ने मांगे सभी दस्तावेज
CBI ने दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग (PWD) से मुख्यमंत्री आवास के नवीनीकरण से संबंधित सभी दस्तावेज 3 अक्टूबर तक जमा करने को कहा है। CBI ने मुख्यमंत्री आवास में परिवर्तन के संबंध में सभी सूचनाएं जारी करने की जानकारी मांगी है।
बता दें कि ये प्रारंभिक जांच है कोई आपराधिक मामला नहीं है। अगर प्रारंभिक जांच में CBI को भ्रष्टाचार के सबूत मिलते हैं तो वह नियमित मामला या आपराधिक मामला दर्ज कर सकती है।
बयान
AAP बोली- पहले कुछ नहीं निकला, अब भी कुछ नहीं निकलेगा
मामले पर आम आदमी पार्टी (AAP) का भी बयान आया है।
पार्टी ने कहा, "अब तक इन्होंने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ 50 से ज्यादा केस किए और जांच कराई। किसी में कुछ नहीं निकला, इसमें भी कुछ नहीं निकलेगा। भाजपा चाहे जितनी मर्जी जांच करवा ले, अरविंद केजरीवाल आम आदमी के हित की लड़ाई लड़ते रहेंगे। अरविंद केजरीवाल ने कसम खाई है, वह भारत को दुनिया का नंबर एक देश बनाकर रहेंगे। इसके लिए हर कीमत चुकाने को तैयार हैं।"
मामला
क्या है मामला?
आरोप है कि केजरीवाल ने बंगले की मरम्मत पर 44.78 करोड़ रुपये खर्च किये हैं।
सितंबर, 2020 से जून, 2022 के बीच 6 किस्तों में ये राशि खर्च की गई, जिसमें 11.30 करोड़ रुपये आंतरिक सज्जा, 6.02 करोड़ रुपये पत्थर और मार्बल फर्श, एक करोड़ रुपये कंसल्टेंसी, 2.58 करोड़ रुपये बिजली संबंधी फिटिंग और उपकरण, 2.85 करोड़ रुपये अग्निशमन प्रणाली, 1.41 करोड़ रुपये अलमारी और 1.1 करोड़ रुपये किचन उपकरणों पर खर्च किये गये।
CAG
उपराज्यपाल ने की थी CAG ऑडिट की सिफारिश
जून में उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर कथित भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) ऑडिट कराने की सिफारिश की थी।
अप्रैल में उपराज्यपाल ने मुख्य सचिव को एक जांच रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा था। इस रिपोर्ट के आधार पर उपराज्यपाल ने गृह मंत्रालय को जांच के लिए कहा था। उपराज्यपाल ने मुख्य सचिव से सभी रिकॉर्ड को सुरक्षित करने का आदेश भी दिया था।
भाजपा
भाजपा और कांग्रेस ने लगाए थे भ्रष्टाचार के आरोप
भाजपा ने आरोप लगाया था कि केजरीवाल के बंगले की मरम्मत में भ्रष्टाचार हुआ है। भाजपा नेताओं ने कहा कि छानबीन से बचने के लिए विभिन्न मदों में व्यय 10 करोड़ रुपये से नीचे रखा गया।
कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा था कि केजरीवाल ने कथित तौर पर अपने आलीशान बंगले पर सार्वजनिक धन के 45 करोड़ रुपये खर्च किए, जिसमें वियतनाम मार्बल, महंगे पर्दे और महंगे कालीन जैसी फालतू चीजें शामिल हैं।