
#NewsBytesExplainer: ऑपरेशन कावेरी हुआ पूरा, जानें कैसे चुनौतीपूर्ण अभियान के जरिए वापस भारत लाए गए लोग
क्या है खबर?
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को बताया कि संकटग्रस्त सूडान में फंसे भारतीयों को बाहर निकालने के लिए चलाया गया 'ऑपरेशन कावेरी' पूरा हो गया है।
उन्होंने बताया कि यह ऑपरेशन कई चुनौतियों से भरा हुआ था और भारत सरकार ने इसके बारे में अधिक सार्वजनिक नहीं की थी ताकि सूडान में फंसे हुए भारतीयों की सुरक्षा को कोई खतरा पैदा नहीं हो।
आइए जानते हैं कि 'ऑपरेशन कावेरी' के दौरान क्या-क्या हुआ।
अभियान
सूडान से भारत वापस आए हैं 3,862 लोग
ऑपरेशन कावेरी के तहत भारतीय वायुसेना का C-130J विमान शुक्रवार को 47 भारतीयों के साथ भारत वापस आया था। इस विमान के आने के साथ 3,862 लोगों को सुरक्षित वापस भारत पहुंचा दिया गया।
पोर्ट सूडान से वायुसेना के विमानों की 17 उड़ानों और भारतीय नौसेना के 2 जहाजों के 5 फेरों के जरिए लोगों को संकटग्रस्त इलाकों से सुरक्षित निकाला गया।
वहीं सूडान की सीमा से लगने वाले देशों से भी भारत के 86 नागरिकों को निकाला गया।
अभियान
अभियान में सऊदी अरब समेत अन्य कई देशों ने की मदद
विदेश मंत्री ने बताया कि सूडान से लाए गए भारतीयों की मेजबानी और निकासी प्रक्रिया में मदद के लिए सऊदी अरब ने बड़ी भूमिका निभाई है। .
उन्होंने चाड, मिस्र, फ्रांस, दक्षिण सूडान, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), यूनाइटेड किंगडम (UK), अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र (UN) का मदद के लिए आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि लोगों को केंद्र सरकार पर भरोसा करने की जरूरत है, सरकार की विदेशों में अपने नागरिकों के प्रति प्रतिबद्धता है।
अभियान
सभी लोगों के बाहर निकलने तक रुके रहे भारतीय दूतावास के अधिकारी
जयशंकर ने बताया कि सूडान की राजधानी खार्तूम में मौजूद भारतीय दूतावास के अधिकारियों और कर्मचारियों ने कठिन समय में असाधारण प्रतिबद्धता दिखाई।
उन्होंने कहा कि सभी फंसे हुए नागरिकों को निकालने तक खार्तूम में भारतीय दूतावास के अधिकारी और कर्मचारी रुके रहे, जबकि लड़ाई शुरू होने के बाद अन्य देशों के दूतावास तुरंत खाली हो गए थे।
विदेश मंत्री ने कहा कि भारतीय राजदूत और उनकी टीम को अपनी जिम्मेदारी का पूरा अहसास था।
चुनौती
अंधेरे में जर्जर हवाईपट्टी पर उतरा था वायुसेना का विमान
विदेश मंत्री ने बचाव दलों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में भी विस्तार से बताया।
उन्होंने बताया कि कैसे वायुसेना ने खार्तूम से 40 किलोमीटर दूर वादी सयीदिना में एक जर्जर हवाईपट्टी पर विमान को अंधेरे में उतारा था।
दरअसल, इस हवाईपट्टी पर विमान के नेविगेशन में मदद करने के लिए कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था और उस क्षेत्र में पहले भी एक विमान को मार गिराया गया था।
बयान
प्रधानमंत्री ने लोगों की मदद करने के दिए थे निर्देश
जयशंकर ने बताया, "जब सूडान में लड़ाई शुरू हुई थी, तब मैं यात्रा कर रहा था और कुछ ही घंटों के भीतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझे लोगों की मदद करने के लिए एक संकट प्रबंधन समूह स्थापित करने के लिए कहा था।"
उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय ने सभी संबंधित देशों के राजदूतों से संपर्क किया और भारतीय वायुसेना के विमानों और भारतीय नौसेना के जहाजों को बचाव कार्यों के लिए तैयार किया गया।
अभियान
दूतावास ने किराए पर ली थीं 60-70 बसें
विदेश मंत्री ने बताया कि भारतीय दूतावास के कर्मचारियों ने 60 से 70 बसों को किराए पर लेने की व्यवस्था की थी, कालाबाजारी के जरिए पेट्रोल लिया गया और सूडान में देशभर में विभिन्न चौकियों पर बातचीत की गई थी।
उन्होंने कहा कि लड़ाई की जद में आने से बचने के लिए एक बस को सुरक्षित पोर्ट सूडान के तट तक पहुंचने के लिए काफी लंबी यात्रा करनी पड़ी थी।
लड़ाई
सूडान में क्यों चल रही है लड़ाई?
सूडान में सेना और रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) के बीच लड़ाई चल रही है। इसके पीछे की बड़ी वजह देश की सत्ता पर कब्जा करना है। मुख्य लड़ाई सेना के जनरल जनरल अब्देल-फतह बुरहान और RSF प्रमुख जनरल मोहम्मद हमदान दगालो के बीच है।
अक्टूबर, 2021 में देश में हुए तख्तापलट के बाद RSF और सेना के बीच एक समझौता हुआ था। हालांकि, हाल ही में इस समझौते के विफल होने के बाद संघर्ष बढ़ गया है।
अभियान
भारत सरकार पहले भी चला चुकी है कई अभियान
भारत सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में अन्य देशों में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए कई बचाव अभियान चलाए हैं।
विदेश मंत्रालय ने पिछले साल फरवरी में यूक्रेन युद्ध छिड़ने के बाद युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए 'ऑपरेशन गंगा' चलाया था।
इससे पहले अगस्त, 2021 में अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद 'ऑपरेशन देव शक्ति' की शुरुआत की गई थी, जिसके तहत हजारों लोग वापस भारत आए थे।