भारत ने अपने छात्रों और नागरिकों से तुरंत यूक्रेन छोड़ने को कहा, जारी की एडवाइजरी
रूस के यूक्रेन पर हमले तेज करने के बाद भारत सरकार ने यूक्रेन में रह रहे अपने नागरिकों और छात्रों से तत्काल देश छोड़ने को कहा है। बुधवार को जारी की गई अपनी एडवाइजरी में सरकार ने भारतीय नागरिकों को यूक्रेन की यात्रा करने के प्रति भी चेताया है और उन्हें यूक्रेन न जाने की सलाह दी है। फरवरी में युद्ध शुरू होने के बाद भी भारत सरकार ने ऐसी ही एडवाइजरी जारी की थी।
कीव स्थित भारतीय दूतावास ने जारी की है एडवाइजरी
यूक्रेन की राजधानी कीव स्थित भारतीय दूतावास द्वारा जारी की गई एडवाइजरी में कहा गया है, "यूक्रेन में सुरक्षा की बिगड़ती स्थिति और लड़ाई में हालिया वृद्धि को देखते हुए भारतीय नागरिकों को यूक्रेन की यात्रा न करने की सलाह दी जाती है। अभी यूक्रेन में रह रहे भारतीय नागरिकों और छात्रों को उपलब्ध साधनों से जल्द से जल्द यूक्रेन छोड़ने की सलाह दी जाती है।"
फरवरी में युद्ध शुरू होने पर यूक्रेन में फंस गए थे हजारों भारतीय छात्र
बता दें कि सरकार ने फरवरी में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने से पहले भी भारतीय नागरिकों और छात्रों को यूक्रेन छोड़ने की एडवाइजरी जारी की थी। हालांकि छात्रों ने सरकार की एडवाइजरी को गंभीरता से नहीं लिया। इसके साथ ही उन्हें देश से बाहर निकलने के लिए पर्याप्त साधन भी नहीं मिले, जिसके कारण जब युद्ध शुरू हुआ तो हजारों छात्र यूक्रेन में ही फंस गए। इसके बाद सरकार विशेष अभियान चलाकर 18,000-20,000 छात्रों को देश वापस लेकर आई थी।
रूस ने तेज कर दिए हैं यूक्रेन पर हमले, ईरानी ड्रोन से किया जा हमला
भारत ने ताजा एडवाइजरी ऐसे समय पर जारी की है जब रूस ने यूक्रेन पर हमले तेज कर दिए हैं। सोमवार को ही रूस ने राजधानी कीव समेत यूक्रेन के कई शहरों पर मिसाइलों और ड्रोन्स से हमला किया था जिसमें कई नागरिक मारे गए। जिन ड्रोन्स से हमला किया गया, उन्हें ईरानी बताया जा रहा है और इसी कारण यूक्रेन ईरान से राजनयिक संबंध तोड़ने पर विचार कर रहा है। रुस ने परमाणु हमले की धमकी भी दी है।
हालिया समय में रूस को युद्ध में लगे हैं कई बड़े झटके
बता दें कि रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला किया था और तभी से दोनों देशों में युद्ध जारी है। हालिया समय में युद्ध में रूस को कई बड़े झटके लगे हैं और यूक्रेनी सेना कई शहरों को उसके कब्जे से छुड़ा चुकी है। स्थिति को देखते हुए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तीन लाख रिजर्व सैनिकों की तैनाती का ऐलान किया था। उनकी इस घोषणा के बाद बड़ी संख्या में रूस के नागरिक देश छोड़कर भागे थे।