पाकिस्तान पर गलती से मिसाइल दागने के मामले में वायुसेना के तीन अधिकारी बर्खास्त
क्या है खबर?
सरकार ने निरीक्षण के दौरान पाकिस्तान की सीमा में गलती से ब्रह्मोस मिसाइल दागे जाने के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए भारतीय वायुसेना के तीन अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है।
कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने दुर्घटनावश मिसाइल दागे जाने की घटना में तीन अधिकारियों के मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) का पालन नहीं करने की बात सामने आने के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है।
इन अधिकारियों को मंगलवार को बर्खास्तगी के आदेश सौंप दिए गए हैं।
पृष्ठभूमि
क्या था मामला?
13 मार्च को पाकिस्तान ने दावा किया था कि 9 मार्च शाम को एक भारतीय मिसाइल उसके क्षेत्र में गिरी थी। इस पर कोई हथियार नहीं थे और न ही किसी तरह के जानमाल का नुकसान हुआ।
पड़ोसी देश ने कहा कि 124 किलोमीटर तक उसके क्षेत्र में घुस आई थी।
भारत ने घटना पर खेद जताते हुए कहा था कि तकनीकी खराबी के चलते मिसाइल फायर हो गई थी। इसे गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं।
सवाल
पाकिस्तान ने उठाए थे कई सवाल
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने भारत सरकार से मिसाइल के प्रकार और इसके रास्ते की पूरी जानकारी मांगी थी।
मंत्रालय ने यह भी पूछा कि भारत ने मिसाइल के लॉन्च होने के समय इसकी जानकारी क्यों नहीं दी और क्यों पाकिस्तान की तरफ से स्पष्टीकरण माने जाने के बाद इसे स्वीकार किया?
साथ ही पाकिस्तान ने यह भी पूछा था कि क्या मिसाइलों को सुरक्षाबल हैंडल करते हैं या किसी असामाजिक तत्वों के हाथ लग गई थी।
गंभीरता
सरकार ने गंभीरता से ली थी घटना
इस पूरे मामले को सरकार ने बेहद गंभीरता से लिया था और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में विस्तृत बयान भी दिया था।
उस दौरान उन्होंने कहा था, "सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और औपचारिक उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं। इस जांच से दुर्घटना के सही कारण का पता चलेगा। इसके अलावा इस घटना के मद्देनजर संचालन, रखरखाव और निरीक्षण प्रक्रियाओं की समीक्षा किए जाने की भी बात कही थी।"
कार्रवाई
जांच में दोषी मिले तीन अधिकारी
वायुसेना की ओर से जारी बयान में कहा गया है, "ब्रह्मोस मिसाइल 9 मार्च को गलती से दागी गई थी। इस घटना के लिए जिम्मेदारी तय करने सहित जांच के लिए गठित कोर्ट ऑफ इनक्वायरी ने पाया कि SOP का पालन नहीं करते हुए तीन अधिकारी इस एक्सीडेंटल फायरिंग में शामिल थे।"
बयान में कहा गया, "इन तीनों अधिकारियों को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है और केंद्र सरकार ने तत्काल प्रभाव से इनकी सेवाएं समाप्त कर दी है।"