सूडान में सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच संघर्ष, गोली लगने से एक भारतीय की मौत
सूडान में सत्ता को लेकर सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच संघर्ष में एक भारतीय नागरिक की गोली लगने से मौत हो गई है। सूडान में भारतीय दूतावास ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है। बता दें कि सूडान में इस संघर्ष की वजह से गृहयुद्ध जैसे हालात बन गए हैं। राजधानी खार्तूम समेत देश के कई शहरों में गोलीबारी और विस्फोट होने की खबरें सामने आ रही हैं।
दूतावास ने दी मृतक के बारे में जानकारी
सूडान में भारतीय दूतावास ने आज ट्वीट कर जानकारी दी कि सूडान में डल समूह की कंपनी में काम करने वाले एक भारतीय नागरिक अल्बर्ट ऑगस्टाइन की मौत हो गई है। अल्बर्ट शनिवार को सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच संघर्ष के दौरान गोली लगने से घायल हो गए थे। दूतावास ने कहा कि वे आगे की कार्रवाई के लिए मृतक के परिजन और चिकित्सा अधिकारियों के संपर्क में है।
घटना पर विदेश मंत्री का भी आया बयान
घटना पर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट कर लिखा, 'दूतावास परिवार को पूरी सहायता देने के लिए सभी प्रयास कर रहा है। खार्तूम की स्थिति बहुत चिंता का विषय बनी हुई है और हम उस पर निगरानी रख रहे हैं।'
भारतीय दूतावास ने जारी की थी चेतावनी
सूडान में चल रहे संघर्ष के बीच भारतीय दूतावास ने शनिवार को सूडान में रह रहे भारतीय नागरिकों के लिए चेतावनी जारी की थी। दूतावास ने कहा था, "सूडान में गोलीबारी और झड़पों को देखते हुए, सभी भारतीयों को सलाह दी जाती है कि वे अत्यधिक सावधानी बरतें, घर के अंदर रहें और तत्काल प्रभाव से बाहर निकलना बंद करें।" दूतावास ने सूडान जाने वाले यात्रियों को अपनी यात्रा स्थगित करने की भी सलाह दी थी।
संघर्ष में 56 लोगों की मौत, 595 घायल
सूडान डॉक्टरों की केंद्रीय समिति के मुताबिक, इस संघर्ष में 56 नागरिक मारे गए हैं और 595 लोग घायल हुए हैं। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि खार्तूम में हवाई अड्डे पर 2, ओमडुरमैन के पास एक शहर में 4, एल फशेर में 5, न्याला में 8 और एल ओबेद में 6 लोगों की मौत हुई है। संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम के 3 कर्मचारियों के भी मारे जाने की खबर है।
सूडान में क्यों चल रहा है संघर्ष?
सूडान में ये संघर्ष सेना और रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) के बीच चल रहा है। इसके पीछे की बड़ी वजह देश की सत्ता पर कब्जा करना है। दरअसल, अक्टूबर 2021 में देश में हुए तख्तापलट के बाद RSF और सेना के बीच एक समझौता हुआ था। हाल ही में इस समझौते के विफल होने के बाद संघर्ष बढ़ गया है। RSF की स्थापना 2013 में पूर्व राष्ट्रपति उमर अल-बशीर ने की थी।