
CJI गवई ने स्वतंत्रता दिवस पर कहा- सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट दोनों समान हैं
क्या है खबर?
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई ने शुक्रवार को स्वतंत्रता दिवस की 79वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि सुप्रीम कोर्ट हाई कोर्ट से श्रेष्ठ नहीं है, बल्कि दोनों समान हैं। उन्होंने यह बात हाई कोर्ट में न्यायाधीशों की सिफारिश के लिए कॉलेजियम प्रणाली के बारे में बात करते हुए कही। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के वकीलों की हाई कोर्ट ने न्यायाधीश के लिए नियुक्ति के संबंध में पहला निर्णय हाई कोर्ट कॉलेजियम को लेना होता है।
संबोधन
सुप्रीम कोर्ट सिर्फ नामों की सिफारिश करता है
उन्होंने कहा, "सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम भी हाई कोर्ट कॉलेजियम को नामों की सिफ़ारिश करने के लिए निर्देशित नहीं कर सकता। पहला फैसला हाई कोर्ट कॉलेजियम को लेना होता है। हम सिर्फ नामों की सिफारिश करते हैं और उनसे विचार का अनुरोध करते हैं। उनकी संतुष्टि के बाद ही नाम सुप्रीम कोर्ट आते हैं।" उन्होंने कहा कि न्यायपालिका में सही लोग नहीं होंगे तो सही निर्णय की उम्मीद नहीं की जा सकती है।
उम्मीद
न्यायपालिका में सच्चे लोगों से सच्ची आजादी- CJI
CJI ने कहा कि जब हम न्यायपालिका की बात करते हैं, तो लोग उम्मीद करते हैं कि न्यायपालिका साहसी, निडर और पूर्णतः स्वतंत्र होनी चाहिए। स्वतंत्रता की एक विशेषता निश्चित रूप से उच्चतर न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति है।" उन्होंने कहा कि अगर न्यायपालिका में सही लोग नहीं होंगे तो हम सही निर्णयों की उम्मीद नहीं कर सकते और आखिर में हमें वह सच्ची आजादी नहीं मिलेगी, जिसके लिए हमने स्वतंत्रता के समय प्रयास किया था।