GHI रिपोर्ट को सरकार ने बताया गलत, कहा- देश की छवि खराब करने का प्रयास
भारत सरकार ने शनिवार को जारी हुई ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) की रैंकिंग को खारिज कर दिया है। इस इंडेक्स में भारत को 121 में से 107वें स्थान पर रखा गया था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सरकार की तरफ से कहा गया है इसमें भुखमरी की गलत गणना की गई है और दावा किया इसकी गणना त्रुटिपूर्ण है। सरकार ने कहा कि भारत को 107वें स्थान पर रखना देश की छवि को खराब करने के प्रयासों का हिस्सा है।
पिछले साल से छह पायदान फिसला भारत
GHI में भारत को 121 देशों में से 107वां स्थान मिला है, जबकि पिछले साल भारत इस रैंकिंग में 101वें स्थान पर था। भारत इस इंडेक्स में अफगानिस्तान को छोड़ दें तो सभी दक्षिण एशियाई देशों से पीछे रहा है। उसे 29.1 स्कोर मिला है और यहां भूख की स्थिति को गंभीर बताया गया है। इस साल GHI में पाकिस्तान को 99वें, श्रीलंका को 64वें, बांग्लादेश को 84वें, नेपाल को 81वें और म्यांमार को 71वें स्थान पर रखा गया है।
सरकार ने क्या प्रतिक्रिया दी?
महिला और बाल विकास मंत्रालय ने कहा कि GHI रिपोर्ट हकीकत से दूर है और यह खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए सरकारी कदमों को नजरअंदाज कर रही है। इंडेक्स में गणना के लिए इस्तेमाल किए चार में तीन संकेतक बच्चों से जुड़े हैं और ये पूरी आबादी का प्रतिनिधित्व नहीं करते। इसका चौथा और सबसे महत्वपूर्ण संकेतक 'कुपोषित आबादी का अनुपात' का अनुमान 3,000 के छोटे नमूने के आकार पर किए गए एक सर्वे पर आधारित है।
खामियों को दूर किए बिना प्रकाशित हुई रिपोर्ट- मंत्रालय
मंत्रालय ने कहा कि इसी साल जुलाई में यह मुद्दा खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के सामने उठाया गया था कि खाद्य असुरक्षा अनुभव पैमाना (FIES) सर्वे मॉड्यूल डाटा के आधार पर इस तरह के अनुमानों का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। इस बारे में संगठन ने और काम करने के आश्वासन दिया था, लेकिन इस तरह के तथ्यात्मक मुद्दों के बावजूद GHI रिपोर्ट को जारी कर देना खेदजनक है।
मंत्रालय ने खारिज की रिपोर्ट
महिला और बाल विकास मंत्रालय ने सर्वे में पूछे गए कुछ सवालों पर भी गंभीर आपत्ति जाहिर करते हुए कहा कि यह साफ दिख रहा है कि ये प्रश्न पोषण और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने से जुड़ी जरूरी सूचनाओं पर आधारित तथ्यों की जानकारी नहीं ले रहे थे। मंत्रालय के बयान में आगे कहा गया है कि भुखमरी की बच्चों के स्वास्थ्य संकेतकों पर गणना करना न तो वैज्ञानिक नजरिये से ठीक है और न ही यह तार्किक है।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
वैश्विक स्तर पर भूख का आकलन करने के लिए हर साल एक रिपोर्ट जारी की जाती है। इसे आयरलैंड की गैर लाभकारी संस्था कंसर्न वर्ल्डवाइड और बर्लिन स्थित वेल्ट हंगर हिल्फे जारी करती है। 2018 में इस रिपोर्ट में 119, 2019 में 117, 2020 में 107 और पिछले साल 116 देश शामिल किए गए थे। इसमें जिन देशों का स्कोर नीचे रहता है उनको ऊंची रैंकिंग मिलती हैं और ऊंचे स्कोर वाले देशों को निचली रैंकिंग पर रखा जाता है।