वक्फ बोर्ड से जुड़े विधेयक पर विवाद, दूसरे मुस्लिम देशों में कैसे हैं कानून?
केंद्र सरकार ने आज लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया है। इस विधेयक के जरिए वक्फ बोर्ड से जुड़े नियम-कानूनों में करीूब 44 संशोधन किए जाएंगे। विधेयक के पेश होते ही विपक्ष ने हंगामा किया और इसे संविधान और मुस्लिम विरोधी बताया। कई मुस्लिम सांसदों ने इसे धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप कहा है। आइए जानते हैं कि दूसरे मुस्लिम देशों में वक्फ से जुड़ी संपत्ति को लेकर क्या नियम-कायदे हैं।
तुर्की में कौन करता है वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन?
तुर्की में ओटोमन साम्राज्य के समय तक वक्फ मंत्रालय था। हालांकि, 1924 में इसे समाप्त कर दिया गया। अब वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन डायरेक्टरेट जनरल ऑफ फाउंडेशन के जनरल के अधीन है। यही वक्फ संपत्तियों के जीर्णोद्धार और उपयोग की देखरेख करता है और सुनिश्चित करता है कि वक्फ संपत्तियों और राजस्व का उपयोग सार्वजनिक कल्याण के कामों के लिए किया जाए। फिलहाल इसके पास 18,500 ऐतिहासिक इमारतों और 67,000 संपत्तियों की जिम्मेदारी है।
कुवैत में कैसी है व्यवस्था?
कुवैत में वक्फ संपत्तियों की देखरेख औकाफ और इस्लामिक मामलों के मंत्रालय द्वारा की जाती है। मंत्रालय मस्जिदों, स्कूलों और अस्पतालों सहित वक्फ संपत्तियों के विकास और रखरखाव का ध्यान रखता है। 2018 में मंत्रालय ने वरिष्ठ पदों पर महिलाओं को नियुक्त करने के लिए नीतियों में बदलाव भी किया था। इसके अलावा मंत्रालय इस्लामी विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना और प्राकृतिक आपदाओं के बाद मानवीय सहायता देने जैसी गतिविधियां भी करता है।
इराक में क्या हैं नियम?
इराक में पहले वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन औकाफ और धार्मिक मामलों का मंत्रालय करता था, लेकिन 2003 में इसे खत्म कर दिया गया। फिलहाल वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन सुन्नी और शिया बंदोबस्ती कार्यालय द्वारा किया जाता है। हालांकि, शिया और सुन्नी के अलग-अलग बोर्ड हैं, लेकिन दोनों का एक केंद्रीकृत प्रशासन है। इसके अलावा एक गैर-मुस्लिम बंदोबस्ती कार्यालय भी है। इराक की सरकार के मुखिया द्वारा इन कार्यालयों का अध्यक्ष चुना जाता है।
सऊदी अरब में कौन करता है प्रबंधन?
सऊदी अरब में वक्फ की संपत्तियों का प्रबंधन जनरल अथॉरिटी फॉर औकाफ (GAA) द्वारा किया जाता है, जिसकी स्थापना 2016 में की गई थी। GAA एक सार्वजनिक निकाय है, जिसके पास वित्तीय और प्रशासनिक स्वतंत्रता है। ये प्रधानमंत्री कार्यालय के अधीन आता है। इसमें बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स, राज्यपाल और 5 अलग-अलग समितियों समेत कई लोग शामिल हैं। GAA के पास देश की करीब 33,000 संपत्तियों के प्रबंधन का जिम्मा है।
सीरिया और लेबनान में ये है व्यवस्था
सीरिया में वक्फ संपत्तियों की देखरेख औकाफ मंत्रालय द्वारा की जाती है, जो वक्फ संपत्तियों के उचित उपयोग और धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए राजस्व के वितरण की देखरेख करता है। सीरिया ने 2018 में वक्फ से जुड़े कानूनों में बदलाव कर और सख्त बनाया है। लेबनान में वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन बंदोबस्ती और इस्लामी मामलों के मंत्रालय के अधीन है। यह वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन, उचित उपयोग और धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए वक्फ राजस्व के वितरण की देखरेख करता है।
मिस्र में कौन संभालता है वक्फ की संपत्ति?
मिस्र में वक्फ संपत्तियों की देखभाल औकाफ मंत्रालय करता है। ओटोमन साम्राज्य के समय इसका राष्ट्रीयकरण कर दिया गया था। हालांकि, पिछले कुछ दशकों में औकाफ मंत्रालय पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे और इसे धार्मिक स्थानों के सरकारीकरण जैसा देखा जाने लगे। इसी के चलते 1977 में औकाफ के पूर्व मंत्री मुहम्मद अल-धहाबी की हत्या भी कर दी गई थी। विरोध के बावजूद मिस्र में वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन फिलहाल औकाफ मंत्रालय ही करता है।
इंडोनेशिया में वक्फ एजेंसी करती है प्रबंधन
इंडोनेशिया की वक्फ एजेंसी वक्फ से जुड़ी संपत्तियों की देखरेख करती है, जिसकी स्थापना 2004 में की गई थी। वक्फ एजेंसी में सलाहकार परिषद शामिल है, जो कामों की देखरेख करती है। एक कार्यकारी बोर्ड होता है, जो क्रियान्वयन के लिए जिम्मेदार होता है। इसके अलावा 5 अलग-अलग समितियां होती हैं। बोर्ड का नेतृत्व एक अध्यक्ष और 2 उपाध्यक्ष करते हैं, जिन्हें सदस्यों द्वारा ही 3 साल के लिए चुना जाता है।
भारत में कैसा है वक्फ बोर्ड?
अन्य देशों की तुलना में भारत में वक्फ बोर्ड बिखरा हुआ, अपारदर्शी और समावेशी प्रतिनिधित्व के बिना दिखाई देता है। वक्फ बोर्ड के कामकाज और संपत्तियों पर दावे को लेकर कई बार विवाद भी हुए हैं। इसी वजह से लंबे समय से इसमें बदलाव की मांग हो रही थी। सरकार ने भी विधेयकों को लाने के पीछे का उद्देश्य बताया है कि इससे वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन होगा और पारदर्शिता बढ़ेगी।