
सऊदी अरब पहली महिला एस्ट्रोनॉट को अंतरिक्ष भेजेगा, रूढ़िवादी छवि को सुधारने का प्रयास
क्या है खबर?
सऊदी अरब पर महिलाओं के प्रति रूढ़िवादी रवैये का आरोप लगता रहा है। जब दुनिया की महिलाएं अंतरिक्ष में जा रही थीं उस दौर में ये इकलौता देश था, जहां महिलाओं को ड्राइविंग तक की इजाजत नहीं थी। लंबे संघर्ष के बाद 2017 में उन्हें ड्राइविंग की इजाजत मिली।
अब सऊदी अरब इस साल के अंत में अपनी पहली महिला अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष मिशन पर भेजेगा। सरकारी मीडिया ने इसे अति-रूढ़िवादी छवि को सुधारने का नया कदम बताया है।
सऊदी
ISS के मिशन में शामिल होंगी रेयाना बरनावी
सऊदी अरब ने कहा कि रेयाना बरनावी पुरुष अंतरिक्ष यात्री साथी अली अल-कर्नी के साथ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के मिशन पर 2023 की दूसरी तिमाही के दौरान शामिल होंगी। ये अंतरिक्ष यात्री AX-2 अंतरिक्ष मिशन के चालक दल में शामिल होंगे और अंतरिक्ष उड़ान अमेरिका से लॉन्च होगी।
अब तेल संपदा से भरपूर सऊदी अरब अपने पड़ोसी संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के नक्शेकदम पर चलेगा, जो अपने नागरिक को अंतरिक्ष में भेजने वाला अरब का पहला देश है।
अंतरिक्ष
UAE के अंतरिक्ष यात्री ने ISS पर बिताए थे आठ दिन
संयुक्त अरब अमीरात 2019 में अपने एक नागरिक को अंतरिक्ष में भेजने वाला पहला अरब देश बना था। उस समय उसके अंतरिक्ष यात्री हज्जा अल-मंसूरी ने ISS पर आठ दिन बिताए थे। एक अन्य अमीराती सुल्तान अल-नेयादी भी इस महीने के अंत में यात्रा करेंगे।
41 वर्षीय नेयादी का उपनाम 'अंतरिक्ष के सुल्तान' है। ये जब स्पेस-X फॉल्कन 9 रॉकेट से ISS के लिए रवाना होंगे तो ये अंतरिक्ष में छह महीने बिताने वाले पहले अरब अंतरिक्ष यात्री बन जाएंगे।
अर्थव्यवस्था
पहले भी अंतरिक्ष में प्रवेश कर चुका है सऊदी
हालांकि, सऊदी अरब का अंतरिक्ष में यह पहला प्रवेश नहीं है। 1985 में एक वायुसेना पायलट सऊदी रॉयल प्रिंस, सुल्तान बिन सलमान बिन अब्दुलअजीज अमेरिका द्वारा आयोजित अंतरिक्ष मिशन में शामिल होकर अंतरिक्ष में यात्रा करने वाले पहले अरब मुस्लिम बने थे।
2018 में सऊदी ने एक अंतरिक्ष कार्यक्रम स्थापित किया और पिछले साल अंतरिक्ष यात्रियों के लिए एक और प्रोग्राम लॉन्च किया, जो इकोनॉमिक डायवर्सिफिकेशन के लिए प्रिंस सलमान के विजन 2030 एजेंडा का हिस्सा था।
योजना
अर्थव्यवस्था की निर्भरता को खनिज तेलों से हटाना चाहते हैं शाही घराने
इन नई योजनाओं के जरिए खाड़ी के राजशाही अब अपनी अर्थव्यवस्था की निर्भरता को खनिज तेलों से हटाना चाहते हैं। सऊदी नेता क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान भी व्यवस्था में सुधार के लिए राज्य की कठोर और रूढ़िवादी छवि को बदलने की कोशिश कर रहे हैं।
मोहम्मद बिन सलमान के सत्ता में आने के बाद विभिन्न जगहों पर महिला कर्मचारियों की संख्या बढ़ी है। 2016 के मुकाबले अब महिला कर्मचारियों का अनुपात 17 प्रतिशत बढ़कर 37 प्रतिशत हुआ है।