बाटला हाउस एनकाउंटर: दोषी आतंकी शहजाद अहमद की हुई मौत, पिछले काफी समय से था बीमार
दिल्ली के जामिया नगर में हुए बाटला हाउस एनकाउंटर में दोषी ठहराए गए इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी शहजाद अहमद की शनिवार सुबह मौत हो गई। बतौर रिपोर्ट्स, आतंकी शहजाद पिछले काफी समय से बीमार चल रहा था। उसे कई अस्पतालों में रेफर किया गया था और आखिर में उसे दिल्ली स्थित AIIMS में भर्ती किया गया था। बता दें कि शहजाद अहमद दिल्ली की तिहाड़ जेल में उम्र कैद की सजा काट रहा था।
शहजाद अहमद को 2013 में हुई थी उम्र कैद की सजा
दिल्ली की एक अदालत ने वर्ष 2013 में शहजाद अहमद को बाटला हाउस एनकाउंटर में दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। शहजाद को दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की हत्या का दोषी पाया गया था। उसे एनकाउंटर के दौरान कॉन्स्टेबल बलवंत सिंह और राजबीर सिंह की हत्या की कोशिश करने का दोषी पाया गया था। गौरतलब है कि मोहन चंद शर्मा को मरणोपरांत अशोक चक्र और अन्य कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
शहजाद के साथी आरिज खान को 2021 में हुई थी फांसी की सजा
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने मार्च, 2021 में आतंकी शहजाद के साथी आरिज खान को दोषी करार करते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। बता दें कि एनकाउंटर के दौरान शहजाद अहमद और आरिज खान दोनों एक साथ फरार हो गए थे और उन्हें बाद में गिरफ्तार किया गया था। गौरतलब है कि बाटला हाउस एनकाउंटर में दोषी आंतकी आरिज खान दिल्ली, जयपुर, अहमदाबाद और उत्तर प्रदेश की कई अदालतों में हुए धमाकों का मुख्य साजिशकर्ता है।
2018 में गिरफ्तार हुआ था आरिज खान
आरिज अपने संगठन को मजबूत करने के लिए 2014 में सऊदी अरब भी गया था। यहां उसने इंडियन मुजाहिदीन और स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) से जुड़े लोगों से मुलाकात की थी और फरवरी, 2018 में वह भारत आया था। इसी दौरान खुफिया सूचना पर कार्रवाई करते हुए दिल्ली पुलिस ने उसे भारत-नेपाल सीमा के करीब से गिरफ्तार कर लिया था। एक महीने पहले गिरफ्तार हुए SIMI कार्यकर्ता अब्दुल सुहान ने पुलिस को उसकी यात्रा की जानकारी दी थी।
क्या था बाटला हाउस एनकाउंटर?
13 सितंबर, 2008 को दिल्ली में सिलेसिलेवार पांच धमाके हुए थे। इनकी जिम्मेदारी इंडियन मुजाहिदीन ने ली थी। इन धमाकों की जांच करते हुए दिल्ली पुलिस की स्पेशल 19 सितंबर, 2008 को बाटला हाउस की L-18 नंबर इमारत में पहुंची। यहां पर पुलिस की इंडियन मुजाहिद्दीन के संदिग्ध आतंकियों से मुठभेड़ हुई। दोनों तरफ से गोलियां चलने से दो संदिग्ध आतंकियों की मौत हो गई थी और इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा शहीद हो गए थे।
दिल्ली धमाकों में गई थी 39 लोगों की जान
एनकाउंटर से पांच दिन पहले दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में हुए धमाकों में 39 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 150 से ज्यादा लोग भी घायल हो गए थे। बता दें कि इससे पहले मई में जयपुर में भी सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे।