1 जुलाई से लागू होंगे 3 नए आपराधिक कानून, सरकार ने कैसे की तैयारी?
क्या है खबर?
1 जुलाई से देश में 3 नए आपराधिक कानून लागू होने जा रहे है।
भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) 1 जुलाई से प्रभावी हो जाएंगे।
ये तीनों कानून क्रमश: भारतीय दंड संहिता (IPC) आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) और साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे।
आइए जानते हैं संसद से पारित होने के बाद से ही सरकार इन्हें लागू करने के लिए कैसे तैयारी कर रही थी।
ट्रेनिंग
6 लाख से ज्यादा लोगों को ट्रेनिंग
सरकार ने पुलिस अधिकारियों, न्यायिक अधिकारियों और इससे जुड़ी सेवाओं के 6 लाख से ज्यादा लोगों को नए कानूनों की ट्रेनिंग दी है।
6 महीने से अधिकारियों को आधुनिक तकनीक के साथ जांच करने और सुविधाओं के साथ पुख्ता सबूत जुटाने की ट्रेनिंग दी गई है।
राज्य सरकारों के न्याय और गृह विभाग, जेल, अभियोजन अधिकारी, कानून के छात्र, शिक्षा विभाग, महिला और बाल विकास विभाग और पुलिस से जुड़े अधिकारियों को ये ट्रेनिंग मिली है।
तकनीक
तकनीकी ढांचे में किए बड़े बदलाव
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने तकनीकी को सुविधाजनक बनाने के लिए अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम (CCTNS) में 23 बदलाव कए हैं।
राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को तकनीकी सहायता प्रदान की जा रही है और सहायता के लिए कॉल सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं।
राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र ने घटनास्थल की वीडियोग्राफी/फोटोग्राफी, न्यायिक सुनवाई और इलेक्ट्रॉनिक रूप से समन की सुविधा के लिए ई-साक्ष्य, न्यायश्रुति और ई-समन जैसे एप्लिकेशन बनाए हैं।
पुलिस की क्षमता
पुलिस की क्षमता बढ़ाने पर जोर
पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (BPRD) ने पुलिस, जेलों, अभियोजकों, न्यायिक अधिकारियों, फोरेंसिक विशेषज्ञों और केंद्रीय पुलिस संगठनों की क्षमता निर्माण के लिए 13 मॉड्यूल विकसित किए हैं।
प्रशिक्षण के लिए मास्टर ट्रेनरों का एक समूह बनाया जा रहा है।
इंडियन एक्सप्रेस को एक अधिकारी ने बताया कि राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने पुलिस, जेल, फोरेंसिक और अभियोजन आदि से बड़ी संख्या में अधिकारियों की क्षमता निर्माण का काम शुरू किया है।
जागरूकता
जागरूकता सेमिनार से जुड़े 40 लाख से ज्यादा लोग
आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक, इन कानून और संहिताओं से जुड़े 3 प्रशिक्षण कोर्स में ही करीब ढाई लाख अधिकारियों ने नामांकन कराया है।
आम नागरिकों को इन कानूनों के प्रति जागरूक बनाने के लिए आयोजित वेबिनार सेमिनार में 40 लाख से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया है।
इसके अलावा प्रेस सूचना कार्यालय (PIB) ने कानूनों पर 20 राज्यों की राजधानियों में क्षेत्रीय मीडियाकर्मियों के लिए कार्यशालाएं आयोजित की हैं।
बदलाव
नए कानून से IPC और CrPC में कितना होगा बदलाव?
IPC में फिलहाल 511 धाराएं हैं। इसके स्थान पर BNS लागू होने के बाद इसमें 356 धाराएं होंगी। 175 धाराएं बदली जाएंगी और 8 नई धाराएं जोड़ी जाएंगी। BNS में IPC की 22 धाराओं को पूरी तरह खत्म किया गया है।
इसी तरह CrPC की जगह लेने वाले BNSS में 533 धाराएं रह जाएंगी।
इसके तहत 160 धाराओं में बदलाव होगा, 9 धाराएं नई जुड़ेंगी और 9 धाराओं को पूरी तरह खत्म किया जाएगा।