राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में बांटे गए थे तिरुपति मंदिर के लड्डू
आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डुओं को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब पता चला है कि ये लड्डू अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान भी बांटे गए थे। 22 जनवरी को हुए समारोह के लिए तिरुपति से राम मंदिर में 300 किलो लड्डू आए थे, जिन्हें लाखों श्रद्धालुओं में बांटा गया था। मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने यह खुलासा किया है।
क्या बोले आचार्य सत्येंद्र दास?
आचार्य दास ने आजतक से कहा, "मुझे नहीं पता कि कितने लड्डू आए थे। यह श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को पता होगा। लेकिन जो भी लड्डू आए, उसका प्रसाद भक्तों में बांटा गया। मिलावट की रिपोर्ट खतरनाक साजिश की ओर इशारा करती है।" उन्होंने समाचार एजेंसी PTI से कहा, "अगर प्रसाद में जानवरों की चर्बी मिलाई गई है तो यह अक्षम्य है। जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। ये करोड़ों लोगों की आस्था पर आघात है।"
ट्रस्ट ने कहा- केवल इलायची के दाने बांटे
जानकारी के मुताबिक, रामलला के अभिषेक समारोह के लिए तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) द्वारा एक लाख से अधिक लड्डू भेजे गए थे। इन्हें प्रसाद के तौर पर बांटा गया या नहीं, इस पर मंदिर ट्र्स्ट की ओर से कुछ नहीं कहा गया है। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा, "हम लड्डू पर केंद्र की जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। हमने भक्तों को प्रसाद के रूप में केवल इलायची के दाने बांटे थे।"
पूर्व राष्ट्रपति कोविंद ने भी जताई चिंता
मामले पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी चिंता जताई है। उन्होंने कहा, "मुद्दे के राजनीतिक पहलू में नहीं जाना चाहते, लेकिन यह बात निश्चित रूप से चिंताजनक है कि श्रद्धालुओं के मन में प्रसाद की पवित्रता पर शंका उत्पन्न हो रही है।" उन्होंने काशी विश्वनाथ के प्रसाद की बात करते हुए कहा, "प्रसाद लेने के दौरान मुझे तिरुपति तिरुमला की घटना याद आ गई। यह केवल तिरुपति तक सीमित नहीं है, बल्कि सभी मंदिर की कहानी हो सकती है।"
विवाद के बीच कर्नाटक सरकार का आदेश
लड्डू विवाद के बीच कर्नाटक सरकार ने एक निर्देश जारी किया है। इसमें राज्य के मंदिर प्रबंधन निकाय के अंतर्गत आने वाले सभी 34,000 मंदिरों में नंदिनी ब्रांड के घी का इस्तेमाल अनिवार्य किया गया है। निर्देश के अनुसार, उसके अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी मंदिरों को मंदिर के अनुष्ठानों, जैसे दीपक जलाना, प्रसाद तैयार करना और 'दसोहा भवन' (जहां भक्तों को भोजन परोसा जाता है) में केवल नंदिनी घी का इस्तेमाल करना होगा।
मामले पर राहुल गांधी क्या बोले?
कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी ने मामले पर लिखा, 'तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर मंदिर में प्रसाद को अपवित्र करने की खबरें परेशान करने वाली हैं। भगवान बालाजी भारत और दुनिया भर में लाखों भक्तों के लिए पूजनीय देवता हैं। यह मुद्दा हर भक्त को दुखी करेगा और इस पर गहनता से विचार किए जाने की आवश्यकता है। भारत भर के अधिकारियों को हमारे धार्मिक स्थलों की पवित्रता की रक्षा करनी होगी।'
विवाद के बीच अमूल ने दी सफाई
विवाद के बीच अमूल ने भी सफाई दी है। गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ (GCMMF) के प्रबंध निदेशक जयेन मेहता ने कहा, "कई दिनों से ऐसी पोस्ट चल रही हैं, जिनमें आरोप लगाया गया है कि तिरुपति मंदिर के लड्डू में इस्तेमाल किया जाने वाला घी अमूल द्वारा आपूर्ति किया गया था। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि अमूल ने कभी भी तिरुपति देवस्थानम को घी की आपूर्ति नहीं की है।"
क्या है लड्डू को विवाद?
तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में प्रसाद के रूप में बांटे जाने वाले लड्डुओं में कथित रूप से जानवरों की चर्बी, बीफ टैलो, सूअर की चर्बी और मछली के तेल मिलने की बात सामने आई है। गुजरात की एक प्रयोगशाला ने इसकी पुष्टि की है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने इसके लिए पिछली YSR कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है। केंद्र सरकार ने भी लड्डू में मिलावट पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है।