तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिली जानवरों की चर्बी, TDP ने साझा की जांच रिपोर्ट
आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुपति तिरुमला मंदिर को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। मंदिर में प्रसाद के तौर पर मिलने वाले लड्डू जिस घी से बनाए जाते हैं, उसमें मिलावट की पुष्टि हुई है। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के पशुधन, खाद्य विश्लेषण और अध्ययन केंद्र (CALF) ने घी में पशुओं की चर्बी मिले होने की पुष्टि की है। बता दें कि मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने पिछली सरकार पर प्रसाद में मिलावट का आरोप लगाया था।
प्रसाद में क्या-क्या मिला?
चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी (TDP) ने लैब रिपोर्ट जारी कर बताया कि युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (YSRCP) की सरकार के समय तिरुपति मंदिर के प्रसाद के तौर पर लड्डुओं में इस्तेमाल किए गए घी में पशुओं की चर्बी मिली है। लैब रिपोर्ट के मुताबिक, घी में फिश ऑयल और बीफ टैलो के अंश मिले हैं। इसमें कुछ मात्रा में लार्ड भी मिला है, जो सूअर के फैटी टिश्यू से निकाला गया व्हाइट फैट होता है।
नायडू ने लगाए थे आरोप
18 सितंबर को नायडू ने कहा था, "पिछले 5 साल में YSR कांग्रेस के नेताओं ने तिरुमाला की पवित्रता को धूमिल किया। उन्होंने 'अन्नदानम' की गुणवत्ता से समझौता किया। यहां तक कि तिरुमाला के पवित्र लड्डू में घी की जगह जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया। अब हम प्रसादम में शुद्ध घी का इस्तेमाल कर रहे हैं। हम तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) की पवित्रता की रक्षा के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।"
आरोपों को YSR कांग्रेस ने भी दिया जवाब
विवाद पर YSR के नेता और TTD के पूर्व अध्यक्ष वाईवी सुब्बा रेड्डी ने कहा, "नायडू ने तिरुमाला के पवित्र मंदिर और करोड़ों हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाकर बड़ा पाप किया है। तिरुमाला प्रसादम पर चंद्रबाबू की टिप्पणियां बेहद निंदनीय हैं। कोई इंसान ऐसे आरोप नहीं लगा सकता। नायडू राजनीतिक फायदे के लिए कुछ भी करने से नहीं हिचकिचाते। राजनीतिक लाभ के लिए वेंकटेश्वर स्वामी के लड्डू पर इस तरह के आरोप लगाना निंदनीय हैं।"
न्यूजबाइट्स प्लस
श्री वेंकटेश्वर मंदिर तिरुपति जिले में तिरुमाला पहाड़ी पर है, जिसे तिरुपति बालाजी मंदिर भी कहा जाता है। यहां अपनी सभी बुराइयों और पापों के रूप में लोग अपने बालों का दान करते हैं। मंदिर में रोजाना देसी घी से लाखों लड्डू बनाए जाते हैं। इन लड्डूओं के बनाने के लिए यहां के कारीगर 300 साल पुरानी पारंपरिक विधि का प्रयोग करते हैं। लड्डूओं को तिरूपति बालाजी मंदिर की गुप्त रसोई 'पोटू' में बनाया जाता है।