देश को जल्द मिल सकती है एक और वैक्सीन, स्पूतनिक लाइट को मंजूरी देने की सिफारिश
क्या है खबर?
कोरोना वायरस के खिलाफ जारी लड़ाई में देश को जल्द ही एक और वैक्सीन मिल सकती है।
दरअसल, वैक्सीन पर बनी सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने रूस की स्पूतनिक लाइट वैक्सीन को मंजूरी देने की सिफारिश की है।
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) को यह सिफारिश भेजी गई है। यहां से मंजूरी मिलने के बाद वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल का रास्ता साफ हो सकेगा।
इस वैक्सीन को प्रिकॉशन डोज के तौर पर इस्तेमाल करने की सिफारिश की गई है।
स्पूतनिक लाइट
DCGI ने की थी अधिक आंकड़ों की मांग
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वैक्सीन निर्माता ने पिछले महीने DGCI से स्पूतनिक लाइट के इस्तेमाल की मंजूरी मांगी थी। निर्माता का दावा था कि बूस्टर शॉट के तौर पर यह वैक्सीन कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ मजबूत सुरक्षा देती है।
हालांकि, दवा नियंत्रक इससे संतुष्ट नहीं हुआ और कंपनी से अधिक आंकड़ों की मांग की थी। ताजा आंकड़े मिलने के बाद अब सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने हरी झंडी दिखाने की सिफारिश की है।
स्पूतनिक लाइट
रूस के गामालेया सेंटर ने तैयार की है वैक्सीन
स्पूतनिक लाइट को रूस के गामालेया सेंटर ने तैयार किया है और यह ह्युमन एडेनोवायरस वेक्टर प्लेटफॉर्म पर बनी है।
इसे पहले से भारत में इस्तेमाल हो रही रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-V की पहली खुराक के तौर पर भी देखा जा सकता है।
पिछले साल अक्टूबर में सरकार ने इस वैक्सीन के आयात की मंजूरी दे दी थी और भारत में हेटेरो बायोफार्मा लिमिटेड इसका उत्पादन कर रही है, जबकि स्पूतनिक-V का उत्पादन और वितरण डॉ रेड्डीज संभाल रही है।
सुरक्षा
डेल्टा और ओमिक्रॉन के खिलाफ प्रभावी है स्पूतनिक लाइट
स्पूतनिक लाइट को विकसित करने में मदद करने वाले रशियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड (RDIF) ने कुछ दिन पहले बताया था कि गामालेया सेंटर में हुए प्राथमिक अध्ययन में वैक्सीन को ओमिक्रॉन के खिलाफ मजबूत सुरक्षा देते हुए पाया गया था। जिन लोगों को बूस्टर डोज के तौर पर यह वैक्सीन लगाई गई थी, उन सभी में ओमिक्रॉन को निष्क्रिय करने वाली एंटीबॉडीज देखी गई थीं।
इसी तरह डेल्टा वेरिएंट से संक्रमण बचाने में यह 70 फीसदी प्रभावी पाई गई थी।
कीमत
लगभग 700 रुपये हो सकती है खुराक की कीमत
स्पूतनिक लाइट के बारे में कंपनी का दावा है कि जिन लोगों में पहले से वायरस के खिलाफ इम्युनिटी बनी हुई थी, उन सभी के एंटीबॉडी लेवल में 10 दिन बाद 40 गुना बढ़ोतरी देखी गई थी।
RDIF की तरफ से बताया गया है कि स्पूतनिक लाइट की कीमत 700 रुपये से भी कम है और इसे 2-8 डिग्री सेल्सियस तापमान पर स्टोर किया जा सकता है।
बता दें कि दो खुराक वाली स्पूतनिक-V की प्रभावकारिता 91 प्रतिशत है।
क्या आप जानते हैं?
इस्तेमाल की मंजूरी पाने वाली पहली वैक्सीन है स्पूतनिक-V
दो खुराक वाली स्पूतनिक-V का लंबे समय से भारत के वैक्सीनेशन अभियान में इस्तेमाल हो रहा है। अभी तक इस वैक्सीन की करीब 12 लाख खुराकें लगाई जा चुकी हैं। यह दुनिया में इस्तेमाल की मंजूरी पाने वाली पहली कोरोना वैक्सीन है।
वैक्सीनेशन अभियान
अब तक आठ वैक्सीनों को मिल चुकी है मंजूरी
भारत में अब तक आठ कोविड वैक्सीनों को मंजूरी मिल चुकी है।
इनमें सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की कोविशील्ड और कोवावैक्स, भारत बायोटेक की कोवैक्सिन, रूस की स्पूतनिक-V, बायोलॉजिकल-ई की कोर्बेवैक्स, मॉडर्ना की mRNA वैक्सीन, जॉनसन एंड जॉनसन की एक खुराक की वैक्सीन और जायडस कैडिला की DNA वैक्सीन शामिल हैं।
हालांकि, इनमें से केवल कोविशील्ड, कोवैक्सिन और स्पूतनिक-V का ही वैक्सीनेशन अभियान में इस्तेमाल हो रहा है। जल्द ही अन्य वैक्सीनों का इस्तेमाल शुरू हो सकता है।
वैक्सीनेशन अभियान
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
16 जनवरी, 2021 को शुरू हुए भारत के वैक्सीनेशन अभियान में अब तक 1,68,95,17,182 करोड़ खुराकें लगाई जा चुकी हैं। देश की 75 प्रतिशत से अधिक वयस्क आबादी का पूर्ण वैक्सीनेशन हो गया है। 10 जनवरी से अधिक जोखिम वाले समूहों को बूस्टर खुराक भी लगाई जा रही है।
देश में 3 जनवरी से किशोरों का वैक्सीनेशन शुरू हो गया है और एक महीने के भीतर 15-18 साल के 65 प्रतिशत किशोरों को पहली खुराक दी जा चुकी है।