NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    नरेंद्र मोदी
    राहुल गांधी
    #NewsBytesExclusive
    #NewsBytesExplainer
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout


    देश राजनीति दुनिया बिज़नेस खेलकूद मनोरंजन टेक्नोलॉजी करियर अजब-गजब लाइफस्टाइल ऑटो एक्सक्लूसिव विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
     
    होम / खबरें / देश की खबरें / दिसंबर तक पूरी व्यस्क आबादी को वैक्सीनेट करने का लक्ष्य कैसे चूका भारत?
    दिसंबर तक पूरी व्यस्क आबादी को वैक्सीनेट करने का लक्ष्य कैसे चूका भारत?
    1/9
    देश 1 मिनट में पढ़ें

    दिसंबर तक पूरी व्यस्क आबादी को वैक्सीनेट करने का लक्ष्य कैसे चूका भारत?

    लेखन प्रमोद कुमार
    Dec 31, 2021
    02:14 pm
    दिसंबर तक पूरी व्यस्क आबादी को वैक्सीनेट करने का लक्ष्य कैसे चूका भारत?
    दिसंबर तक पूरी व्यस्क आबादी को वैक्सीनेट करने का लक्ष्य कैसे चूका भारत?

    भारत ने इस साल के अंत तक अपनी पूरी व्यस्क आबादी को पूर्ण वैक्सीनेट करने का लक्ष्य रखा था, जो हासिल नहीं किया जा सका है। मई में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सबसे पहले इस लक्ष्य का ऐलान करते हुए कहा था कि दिसंबर, 2021 तक सभी व्यस्क लोगों को वैक्सीनेट कर दिया जाएगा, जबकि 30 दिसंबर तक देश की करीब 90 फीसदी व्यस्क आबादी को एक और 64 फीसदी आबादी को दोनों खुराकें लग पाई हैं।

    2/9

    लक्ष्य हासिल करने में लगेगा लंबा समय

    विशेषज्ञों का कहना है कि पूरी व्यस्क आबादी को वैक्सीनेट करने में अभी लंबा समय लगेगा। BBC से बात करते हुए महामारी और जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ चंद्रकांत लहरिया ने इस लक्ष्य को अवास्तविक करार दिया है। उन्होंने कहा कि पूरी आबादी का वैक्सीनेशन किसी भी समय संभव नहीं है। हमेशा कुछ लोग होंगे, जो अलग-अलग कारणों से वैक्सीन नहीं लगवाना चाहेंगे। कई विशेषज्ञ लक्ष्य हासिल न होने के पीछे वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार को कारण मानते हैं।

    3/9

    सितंबर के बाद धीमी होती गई वैक्सीनेशन की गति

    17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर देश में करीब 2.5 करोड़ खुराकें लगाई गई थीं, लेकिन उसके बाद आंकड़ा हासिल नहीं हो सका। सितंबर में जहां रोजाना औसतन 81 लाख खुराकें लगाई जा रही थीं, वहीं अक्टूबर में यह संख्या गिरकर 54 लाख और नवंबर में 57 लाख हो गई। दिसंबर के पहले सप्ताह से भी रोजाना लगाई जा रही औसतन खुराकों की संख्या कम होती जा रही है।

    4/9

    लक्ष्य के करीब पहुंचा सकती थी सितंबर की रफ्तार

    कुछ जानकार मानते हैं कि देश में अगर सितंबर की रफ्तार से वैक्सीनेशन चलता रहता तो दिसंबर के अंत तक लक्ष्य के थोड़ा करीब पहुंचा जा सकता था। अब ओमिक्रॉन के खतरे के बीच सरकार ने राज्यों को वैक्सीनेशन तेज करने को कहा है।

    5/9

    वैक्सीनेशन अभियान में आईं चुनौतियां

    देश में 16 जनवरी से शुरू हुए वैक्सीनेशन अभियान में कई चुनौतियां भी आईं। इनमें वैक्सीन की कमी, वैक्सीन को लेकर हिचकिचाहट और लॉजिस्टिक जैसे मुद्दे ने चुनौती खड़ी की। अप्रैल-मई में दूसरी लहर के दौरान देश में वैक्सीन की भारी कमी हो गई और कई वैक्सीनेशन केंद्र बंद करने पड़े थे। उसके बाद वैक्सीन आपूर्ति को सुधारा गया और अब वैक्सीन की आपूर्ति मांग से ज्यादा हो गई है। अब वैक्सीनेशन केंद्रों पर लोग नहीं आ रहे हैं।

    6/9

    घर-घर जाकर लगाई जा रही खुराकें

    वैक्सीनेशन की कवरेज और रफ्तार बढ़ाने के लिए सरकार ने नवंबर की शुरुआत में घर-घर जाकर वैक्सीनेशन करने का फैसला किया था। इसकी शुरुआत के एक महीने के दौरान पहली खुराक की कवरेज 6 और दूसरी खुराक की कवरेज 12 प्रतिशत बढ़ गई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कई दिनों से अपनी किसी भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में 100 प्रतिशत वैक्सीनेशन के लक्ष्य का जिक्र नहीं किया है। जब BBC ने मंत्रालय से इस बारे में पूछा तो कोई जवाब नहीं मिला।

    7/9

    स्टॉक में हैं पर्याप्त खुराकें

    केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने हाल ही में संसद को बताया था कि देश में वैक्सीन की पर्याप्त खुराकें हैं। दूसरी तरफ मांग न होने के चलते पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने अपना उत्पादन कम किया है। पहले कंपनी हर महीने 25 करोड़ खुराकों का उत्पादन कर रही थी, जिसे अब आधा कर दिया गया है। भारत के वैक्सीनेशन अभियान में SII की कोविशील्ड का प्रमुखता से इस्तेमाल हो रहा है।

    8/9

    देश में आठ वैक्सीनों को मिली मंजूरी

    भारत में अभी तक कुल आठ वैक्सीनों को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है। इनमें कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सिन, स्पूतनिक-V और जायडस कैडिला, मॉडर्ना, जॉनसन एंड जॉनसन, कोवावैक्स और कोर्बेवैक्स शामिल हैं।

    9/9

    3 जनवरी से शुरू होगा 15 से 18 आयुवर्ग का वैक्सीनेशन

    भारत सरकार ने 3 जनवरी से 15 से 18 आयुवर्ग का वैक्सीनेशन शुरू करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने 25 दिसंबर को इसका ऐलान करते हुए कहा कि ओमिक्रॉन वेरिएंट को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। देश के नाम संबोधन में उन्होंने 10 जनवरी से स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन कर्मियों और 60 साल से अधिक उम्र के बीमार लोगों को प्रिकॉशन डोज देने की शुरुआत की भी घोषणा की।

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    वैक्सीन समाचार
    कोरोना वायरस
    वैक्सीनेशन अभियान
    कोविशील्ड
    ओमिक्रॉन

    वैक्सीन समाचार

    ओमिक्रॉन संक्रमितों में गंध या स्वाद जाने के लक्षण नहीं- IMA महाराष्ट्र
    वैक्सीनेशन: प्रिकॉशन डोज के लिए मिक्स वैक्सीन पर जल्द होगा फैसला भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद
    इंदौर: अलग-अलग वैक्सीनों की चार खुराकें ले चुकी महिला मिली कोरोना संक्रमित इंदौर
    ओमिक्रॉन और डेल्टा वेरिएंट मिलकर ला रहे कोरोना के नए मामलों की सुनामी- WHO विश्व स्वास्थ्य संगठन

    कोरोना वायरस

    दिल्ली और मुंबई में पहली बार 2 के पार पहुंची ट्रांसमिशन रेट, क्या हैं इसके मायने? मुंबई
    मुंबई के सिनेमाघरों में आज रात 8 बजे के बाद नहीं चलेगा कोई शो मुंबई
    दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन के कारण आई लहर का चरम पार, हटने लगी पाबंदियां दक्षिण अफ्रीका
    एशेज 2021-22: ट्रेविस हेड हुए कोरोना वायरस से संक्रमित, चौथे टेस्ट से बाहर क्रिकेट समाचार

    वैक्सीनेशन अभियान

    कोरोना: देश में बीते दिन मिले 16,764 नए मरीज, सक्रिय मामलों में इजाफा महाराष्ट्र
    कोरोना मामलों में तेज इजाफा, केंद्र ने आठ राज्यों से जरूरी कदम उठाने को कहा मुंबई
    कोरोना: देश में नए मामलों में तेज उछाल, बीते दिन 13,154 लोग मिले संक्रमित महाराष्ट्र
    चुनाव ड्यूटी पर जाने वाले कर्मचारियों को भी दी जा सकेगी 'प्रिकॉशन डोज'- केंद्र नरेंद्र मोदी

    कोविशील्ड

    ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ किन वैक्सीनों के बूस्टर शॉट असरदार साबित हुए हैं? कोरोना वायरस
    बूस्टर शॉट के तौर पर कोविशील्ड से बेहतर होगी कोवावैक्स- सरकारी वैज्ञानिक विश्व स्वास्थ्य संगठन
    कोविशील्ड: विशेषज्ञ समिति ने नहीं दी बूस्टर खुराक की मंजूरी, ट्रायल करने को कहा सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII)
    ओमिक्रॉन: अभी तीसरी खुराक की जरूरत नहीं, कोविशील्ड की खुराकों के बीच अंतराल ठीक- ICMR भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद

    ओमिक्रॉन

    वेडिंग इंश्योरेंस का उठाएं फायदा, अगर शादी हुई कैंसल तो पूरा पैसा होगा वापस बीमा
    क्या मुंबई और दिल्ली में शुरू हो चुकी है कोरोना महामारी की तीसरी लहर? मुंबई
    क्या ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ कारगर रहेगी वैक्सीन की चौथी खुराक? इजराइल में हो रहा अध्ययन जर्मनी
    कोरोना: जरूरत पड़ी तो वर्चुअल रैलियां कर सकती हैं भाजपा- शेखावत भारतीय जनता पार्टी
    अगली खबर

    देश की खबरें पसंद हैं?

    नवीनतम खबरों से अपडेटेड रहें।

    India Thumbnail
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2023