भारत में एक महीने में 65 प्रतिशत किशारों को लगी कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक
क्या है खबर?
देश में ओमिक्रॉन वेरिएंट के कारण तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार की ओर से 3 जनवरी से शुरू किए गए 15-18 साल तक के किशोरों के वैक्सीनेशन में बच्चे खासी रुचि दिखा रहे हैं।
यही कारण है कि देश में महज एक महीने में ही इस उम्र के 65 प्रतिशत यानी 4.83 करोड़ किशोरों को वैक्सीन की पहली खुराक लगाई जा चुकी है। इसमें अब तक उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक खुराक दी गई है।
वैक्सीनेशन
देश में क्या है किशोरों के वैक्सीनेशन की स्थिति?
स्वास्थ्य मंत्रालय के रिकॉर्ड के अनुसार, देश में गुरुवार शाम तक 15-18 साल तक के किशोरों को वैक्सीन की कुल 5,18,37,352 खुराकें लगाई जा चुकी थी।
इनमें से इस आयु वर्ग के कुल आबादी के 65 प्रतिशत यानी 4,83,47,278 किशोरों को वैक्सीन की पहली और 34,90,074 किशोरों को दोनों खुराकें लगाई जा चुकी है।
सबसे बड़ी बात यह है कि किशोरों के वैक्सीनेशन के रुचि दिखाने के कारण ही सरकार को यह सफलता मिली है।
सराहना
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने की वैक्सीनेशन की रफ्तार की सराहना
देश में एक महीने में 5.18 करोड़ से अधिक बच्चों को वैक्सीन की खुराक लगाए जाने की केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने भी सराहना की है।
उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट किया, 'यंग इंडिया का ऐतिहासिक प्रयास जारी... केवल एक महीने में 15-18 आयु वर्ग के 65 प्रतिशत बच्चों को लगी वैक्सीन की पहली खुराक। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विश्व का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन अभियान रच रहा है नए कीर्तिमान।'
अव्वल
किशोरों के वैक्सीनेशन में शीर्ष पर है उत्तर प्रदेश
किशोरों के वैक्सीनेशन में उत्तर प्रदेश अभी तक शीर्ष पर बना हुआ है। यहां अब तक 1,01,98,578 किशोरों को वैक्सीन की पहली और 1,61,386 किशोरों को दोनों खुराकें लगाई जा चुकी है।
इसी तरह बिहार 42,56,524 किशोरों को पहली और 1,53,431 को दोनों खुराक लगाकर दूसरे, मध्य प्रदेश 38,39,224 किशोरों को पहली और 5,66,995 को दोनों खुराक लगाकर तीसरे, महाराष्ट्र 32,47,761 पहली और 1,28,163 को दोनों खुराक लगाकर चौथे पायदान पर है।
जानकारी
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में क्या है किशोरों के वैक्सीनेशन की स्थिति
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी वैक्सीनेशन के प्रति बच्चों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। वहां अब तक 8,32,596 किशोरों को वैक्सीन की पहली और 38,893 किशोरों को दोनों खुराकें लगाई जा चुकी है। इसकी रफ्तार बढ़ाने के प्रयास जारी हैं।
फिसड्डी
किशोरों के वैक्सीनेशन में फिसड्डी है लक्षद्वीप
किशोरों के वैक्सीनेशन के मामले में जहां अधिकतर राज्यों में 10 लाख से अधिक बच्चों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। वहीं लक्षद्वीप में सबसे कम 2,808 किशोरों को पहली और 220 को दोनों खुराकें लगाई गई है।
इसी तरह लद्दाख में 8,217 को पहली और 477 को दोनों, अंडमान निकोबार में 18,123 किशोरों को पहली और 4,867 को दोनों और सिक्किम में 24,198 किशोरों को पहली तथा 3,115 को ही दोनों खुराकें लगाई जा सकी है।
वैक्सीन
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
बता दें कि वर्तमान में किशोरों के वैक्सीनेशन में हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक की कोवैक्सिन का ही इस्तेमाल किया जा रहा है।
हालांकि, गुजरात की फार्मा कंपनी जायडस कैडिला द्वारा तैयार जायकोव-डी (ZyCoV-D) को भी ड्रग्स कंट्रोलर जनरल (DCGI) ने 20 अगस्त को 12 साल से अधिक उम्र के लोगों में आपात इस्तेमाल की अनुमति दे दी थी, लेकिन अभी तक इसका वैक्सीनेशन अभियान में इस्तेमाल शुरू नहीं हुआ है।
उसके आने के बाद वैक्सीनेशन की रफ्तार और बढ़ सकेगी।
पृष्ठभूमि
प्रधानमंत्री मोदी ने की थी बच्चों के वैक्सीनेशन की घोषणा
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 दिसंबर की रात को देश के नाम संबोधन के दौरान ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए 3 जनवरी से 15-18 साल तक के सभी बच्चों को वैक्सीन लगाए जाने की घोषणा की थी।
उसके बाद इसकी तैयारी शुरू की गई और गत 3 जनवरी से इसकी शुरुआत कर दी। इसमें किशोरों का उत्साह देखने को मिल रहा है।
अब सरकार 12-15 साल तक के किशोरों के वैक्सीनेशन की तैयारी में जुटी है।