कोरोना वैक्सीन: राज्यों के पास पर्याप्त खुराकें, वाणिज्यिक निर्यात शुरू करने पर विचार कर रही सरकार
भारत सरकार जल्द ही विदेशों को कोरोना वायरस वैक्सीन बेचना शुरू कर सकती है। दरअसल, राज्यों के पास 22 करोड़ से अधिक खुराकें बची हुई हैं और उन्हें करीब 30 करोड खुराकें और मिलने की उम्मीद है। दूसरी तरफ फिलहाल राज्य हर महीने 20-22 करोड़ खुराकें ही लगा रहे हैं। ऐसे में केंद्र सरकार बची हुई खुराकों को निर्यात करने पर विचार कर रही है। गौरतलब है कि भारत दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन उत्पादकों में शामिल है।
राज्यों के स्टॉक में पर्याप्त खुराकें
न्यूज18 के अनुसार, दिसंबर तक भारत के पास जरूरत से अधिक खुराकों की आपूर्ति होगी। राज्यों को इस महीने 9-11 करोड़ खुराकों और मिलेंगी। ऐसे में कुल स्टॉक 30 करोड़ से पार पहुंच जाएगा, जबकि हर महीने इतनी खुराकों का इस्तेमाल नहीं हो रहा है। बता दें, सरकार सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) को कोविशील्ड की एक करोड़ खुराकें कोवैक्स में भेजने की इजाजत दे चुकी है, जिसका लक्ष्य दुनियाभर में कोरोना वैक्सीन का न्यायसंगत वितरण सुनिश्चित करना है।
कोवैक्सिन को कोवैक्स में भेजने पर भी विचार
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सिन को भी कोवैक्स में भेजा जा सकता है। उन्होंने कहा, "जैसे ही भारत में आपूर्ति ज्यादा होगी, हम इन खुराकों का निर्यात शुरू कर देंगे। हम कोवैक्सिन को भी कोवैक्स में भेजेंगे और वाणिज्यिक निर्यात शुरू करने पर भी विचार कर रहे हैं।" उन्होंने बताया कि कोवैक्स में भेजी जा रही एक करोड़ करोड़ खुराकों के अलावा पांच देशों में भी एक करोड़ खुराकें भेजी जाएंगी।
कॉर्बवैक्स का किया जा सकता है निर्यात
अगले महीने तक हैदराबाद स्थित फार्मा कंपनी बायोलॉजिकल ई की कोरोना वैक्सीन कॉर्बवैक्स को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल सकती है। यह देश की सबसे किफायती वैक्सीन हो सकती है और इसकी दोनों खुराकों की कीमत 220 रुपये के करीब होने के आसार हैं। सरकार ने इसकी 30 करोड़ खुराकें बुक कर ली हैं। हालांकि, भारत में इतनी खुराकों की जरूरत नहीं होगी और इसे निर्यात के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
बच्चों पर चल रहे हैं कॉर्बवैक्स के ट्रायल
कॉर्बवैक्स की जरूरत को लेकर जब अधिकारी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि दुनिया के कई देश अभी वैक्सीन का इंतजार कर रहे हैं। करीब 40 ही देश ऐसे हैं, जहां की एक तिहाई आबादी वैक्सीनेट हुई है। बाकी देशों में लगभग 30 प्रतिशत कवरेज हुई है। ऐसे में वैक्सीन की काफी मांग है। बता दें कि फिलहाल इस वैक्सीन के पांच साल से अधिक उम्र के बच्चों और किशोरों पर ट्रायल चल रहे हैं।
देश और दुनिया में वैक्सीनेशन की क्या स्थिति?
देश में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान की बात करें तो अब तक वैक्सीन की 1,15,23,49,358 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। इनमें से 72,94,864 खुराकें बीते दिन लगाई गई थीं। पूरी दुनिया में 7.6 अरब खुराकें दी जा चुकी हैं। सबसे ज्यादा 2.4 अरब खुराकें साथ चीन पहले पायदान पर है और फिर भारत का नंबर आता है। ब्लूमबर्ग के अनुसार, चीन की 76 प्रतिशत से अधिक आबादी पूरी तरह वैक्सीनेट हो चुकी है।