JNU में गुंडों ने मचाया आतंक, देखती रही पुलिस, जानें और क्या-क्या हुआ
रविवार शाम से लेकर देर रात तक दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में मास्क पहने गुंड़ों ने खूब आतंक मचाया। रविवार दोपहर बाद ये बदमाश कैंपस में घुसे और छात्रों और अध्यापकों पर हमला किया। इसमें JNU छात्र संघ अध्यक्ष समेत 20 से ज्यादा छात्र और अध्यापक घायल हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए AIIMS में भर्ती कराया गया है। अभी तक हमला करने वाले बदमाशों की पहचान नहीं हुई है। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
कहां से शुरू हुआ मामला?
दरअसल, 1 जनवरी से यूनिवर्सिटी में रजिस्ट्रेशन शुरू हुए थे। फीस वृद्धि को लेकर विरोध कर रहे छात्रों का एक गुट इस प्रक्रिया के खिलाफ था। 3 जनवरी को इस गुट ने इंटरनेट सर्वर को खराब कर दिया, जिससे रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी तरह ठप्प हो गई। इससे अगले दिन जब प्रक्रिया फिर शुरू तो छात्रों के एक गुट ने इंटरनेट और बिजली सप्लाई रोक दी। साथ ही इन्होंने कुछ इमारतों को ताला लगा दिया।
छात्रों के आपसी झगड़े से शुरू हुआ बवाल
5 जनवरी को रजिस्ट्रेशन करा चुके कुछ छात्रों को हॉस्टल के रास्ते में रोका गया और उनके साथ मारपीट की गई। शाम होते-होते लगभग 50 की संख्या में मास्क पहने बदमाश लाठी और डंडे लेकर कैंपस में घुसे और छात्रों के साथ मारपीट और तोड़फोड़ शुरू कर दी। मास्क पहने लोगों में लड़कियां भी शामिल थीं। इन्होंने पेरियार और साबरमती आदि हॉस्टल में घुसकर छात्रों को मारा। साथ ही अध्यापकों को भी निशाना बनाया गया।
एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे छात्र संघ
यूनिवर्सिटी कैंपस में हुई हिंसा को लेकर लेफ्ट समर्थित छात्र भाजपा से जुड़े अखिल भारतीय विधार्थी परिषद (ABVP) पर हमले का आरोप लगा रहे हैं। इन छात्रों का कहना है कि ABVP और उसकी विचारधारा का समर्थन करने वाले प्रोफेसरों ने बदमाश बुलाकर मारपीट की है। वहीं ABVP का कहना है कि लेफ्ट विंग के छात्रों ने यह हमला किया है और उसके कई कार्यकर्ता हमले में घायल हुए हैं। इस मामले पर राजनीति ने भी तूल पकड़ लिया है।
मारपीट में घायल हुईं JNU छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष
बैठक के बाद शुरू हुआ हमला- JNUTA
छात्रों और अध्यापकों ने बताया कि हमला JNU टीचर एसोसिएशन की बैठक खत्म होने के बाद हुआ। JNU में प्रोफेसर अविनाश कुमार ने बताया, "जब हम अपना कार्यक्रम खत्म कर रहे थे तब हमने देखा कि हाथों में लाठी और पत्थर लिए एक भीड़ हमारी तरफ आ रही है। उन्होंने सबको मारना-पीटना शुरू कर दिया। कई छात्र और अध्यापक चोटिल हुए हैं।" एक छात्रा ने बताया कि छात्र कुछ समझ पाते उससे पहले ही भीड़ ने मारपीट शुरू कर दी।
लड़कियों के हॉस्टल में घुसकर की गई मारपीट
एक दूसरी छात्रा ने बताया कि वो लगभग तीन घंटे तक 10 लड़कियों के साथ कमरे में बंद रही थी। उन्होंने कहा कि भीड़ हॉस्टल के कमरों की खिड़कियां और दरवाजे पीट रही थी। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में देखा जा सकता है कि भीड़ डंडे, रॉड और पत्थर लेकर हॉस्टल में घूम रही है। बदमाशों ने साबरमती, कावेरी और पेरियार आदि हॉस्टल को निशाना बनाया। इसके अलावा गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की गई।
हिंसा के दौरान हॉस्टल के अंदर का दृश्य
मीडियाकर्मियों के साथ भी की गई मारपीट
हमले के बाद JNUTA ने कहा कि वो मेन गेट पर 9 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। इससे पहले ही यूनिवर्सिटी कैंपस की तरफ जाने वाले सभी रास्ते और स्ट्रीट लाइट्स बंद कर दी गई। गेट के पास ABVP के समर्थन में भारी भीड़ जमा हो गई और वो नारे लगाने लगी। इस दौरान घटना को कवर करने आए मीडियाकर्मियों के साथ भी मारपीट की गई। इसके चलते प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं हो सकी। पूरी घटना के दौरान पुलिस मूकदर्शक बनी रही।
गृह मंत्री अमित शाह ने पुलिस को दिये कार्रवाई के निर्देश
JNU की तरफ से आया यह बयान
JNU के रजिस्ट्रार ने कहा कि सेमेस्टर रजिस्ट्रेशन का बायकॉट करने के मुद्दे पर यह झड़प हुई थी। बयान में कहा गया है, "लगभग 04:30 बजे रजिस्ट्रेशन का विरोध कर रहे छात्र एडमिन ब्लॉक से हॉस्टल की तरफ बढ़े और मारपीट शुरू कर दी। प्रशासन ने पुलिस को सूचना दी। जब तक पुलिस आती, उससे पहले रजिस्ट्रेशन का विरोध कर रहे छात्रों ने रजिस्ट्रेशन करवा रहे छात्रों के साथ मारपीट शुरू कर दी।"
यूनिवर्सिटी के बाहर डंडे लेकर घूमती भीड़
पुलिस के सामने तोड़फोड़ करती रही भीड़
शाम होते-होते जैसे ही इस घटना का जानकारी सामने आई, यूनिवर्सिटी के मेन गेट के बाहर भीड़ इकट्ठा हो गई। लोगों ने घायल छात्रों के लिए आई एंबुलेंस में तोड़फोड़ की और उसे पंक्चर कर दिया। आरोप है यह सब पुलिस के सामने हो रहा था, लेकिन पुलिस कुछ नहीं कर रही थी। यह भीड़ 'देश के गद्दारों को, गोली मारो सालों को', 'नक्सलवाद मुर्दाबाद' और 'ना माओवाद, ना नक्सलवाद, सबसे ऊपर राष्ट्रवाद' जैसे नारे लगा रही थी।
क्या बोले JNU के अध्यापक?
JNU से पढ़े मंत्रियों ने की घटना की निंदा
JNU में हुई हिंसा की घटना पर राजनीति शुरू हो गई है। विदेश मंत्री एस जयशंकर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस घटना की निंदा की है। गौरतलब है कि ये दोनों मंत्री JNU से पढ़े हैं। वहीं प्रियंका गांधी ने AIIMS जाकर घायलों से मुलाकात की थी। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने इस घटना को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। इसे लेकर कई यूनिवर्सिटी में भी प्रदर्शन हुए हैं।
पुलिस ने यूनिवर्सिटी में किया फ्लैग मार्च
घटना की सूचना मिलने पर लगभग 500 पुलिसकर्मियों को कैंपस के बाहर तैनात किया गया। रविवार रात को पुलिस ने कैंपस में फ्लैग मार्च भी किया था। वहीं छात्रों का आरोप है कि पुलिस इस पूरी घटना को मूकदर्शक बनकर देखती रही। पुलिस ने कहा कि उसे यूनिवर्सिटी में हुई मारपीट और तोड़फोड़ के मामले में कई शिकायतें मिली हैं और जल्द FIR दर्ज की जाएगी। पुलिस ने देर रात छात्र और अध्यापकों के प्रतिनिधिमंडल से भी मुलाकात की।