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AI भी बन सकता है साइबर ठगी का शिकार- रिपोर्ट
AI भी बन सकता है साइबर ठगी का शिकार

AI भी बन सकता है साइबर ठगी का शिकार- रिपोर्ट

Aug 21, 2025
08:43 am

क्या है खबर?

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर भी साइबर ठगी के शिकार होने का खतरा बढ़ रहा है। साइबर सुरक्षा स्टार्टअप गार्डियो की रिपोर्ट के अनुसार, इंसानों की तरह AI भी नकली वेबसाइटों और फिशिंग ईमेल में आसानी से फंस सकता है। 'स्कैमलेक्सिटी' नाम की इस रिपोर्ट में एजेंटिक AI ब्राउजरों का जिक्र है, जो इंटरनेट पर खुद से काम करने का दावा करते हैं, लेकिन धोखाधड़ी की पहचान करने में बेहद कमजोर पाए गए हैं।

मामला

नकली वेबसाइट और ईमेल से धोखा खा गया AI

रिपोर्ट में बताया गया कि गार्डियो ने परीक्षण के दौरान वॉलमार्ट जैसी दिखने वाली नकली वेबसाइट बनाई और कॉमेट नामक AI ब्राउजर से कहा कि वह ऐपल वॉच खरीदे। स्पष्ट नकली संकेतों को नजरअंदाज करते हुए AI ने न केवल खरीदारी पूरी कर दी बल्कि वित्तीय जानकारी भी साझा कर दी। इसके अलावा, फिशिंग ईमेल खोलकर AI ने बैंक का पासवर्ड तक दर्ज कर दिया, जिससे उसका असली खतरा उजागर हुआ।

मामला

पुरानी ठगी से भी नहीं बच सका AI

रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि AI ब्राउजर क्विक इंजेक्शन जैसे घोटालों का शिकार हुआ। इसमें फिशिंग पेज पर छिपे निर्देशों के चलते AI ने बिना सोचे-समझे फाइल डाउनलोड कर ली। विशेषज्ञों का कहना है कि चूंकि AI अपने प्रॉम्प्ट के मुताबिक काम करता है, इसलिए उसमें सामान्य समझ की कमी होती है। इस कारण यह पुराने और साधारण से लगने वाले साइबर हमलों का भी शिकार हो सकता है।

जिम्मेदारी

टेक कंपनियों के लिए बढ़ी जिम्मेदारी

गार्डियो की चेतावनी ऐसे समय में आई है जब गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और OpenAI जैसी कंपनियां एजेंटिक AI पर बड़े पैमाने पर निवेश कर रही हैं। माइक्रोसॉफ्ट ने अपने ब्राउजर में कोपायलट जोड़ा है, जबकि गूगल और OpenAI भी नए टूल विकसित कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ठगी पहचानने की बेहतर तकनीक नहीं जोड़ी गई, तो एजेंटिक AI साइबर अपराधियों के लिए आसान निशाना बन सकता है।