Page Loader
पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की जमानत याचिका पर मंगलवार को फैसला सुनाएगी अदालत

पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की जमानत याचिका पर मंगलवार को फैसला सुनाएगी अदालत

Feb 20, 2021
05:57 pm

क्या है खबर?

किसान आंदोलन से संबंधित 'टूलकिट' तैयार करने के मामले में जेल में बंद पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की जमानत पर फैसला मंगलवार को आएगा। दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में उन्होंने जमानत याचिका दायर की थी। शनिवार को लगभग तीन घंटे की सुनवाई के बाद अदालत ने मंगलवार तक अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। अब मंगलवार को पता चल सकेगा कि दिशा रवि को जमानत मिलेगी या उन्हें जेल में रहना होगा।

पृष्ठभूमि

किस मामले में हुई है दिशा की गिरफ्तारी?

बेंगलुरू की रहने वाली 21 वर्षीय दिशा रवि को किसान आंदोलन से संबंधित टूलकिट के मामले में गिरफ्तार किया गया है। इस टूलकिट को फरवरी के पहले हफ्ते में स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने ट्विटर पर शेयर किया था। पुलिस ने इसे "भारत के खिलाफ साजिश" माना है और इसके निर्माताओं के खिलाफ FIR दर्ज की है। उसका आरोप है कि दिशा ने टूलकिट को बनाने में अहम भूमिका निभाई थी और वह मुख्य साजिशकर्ता है।

जानकारी

तीन दिन की न्यायिक हिरासत में हैं दिशा

रिमांड पूरी होने के बाद दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को दिशा को अदालत में पेश किया था। अदालत ने पुलिस की मांग पर दिशा को तीन दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। इसी बीच दिशा ने जमानत की याचिका दायर की थी।

सुनवाई

दिल्ली पुलिस ने किया याचिका का विरोध

शनिवार को जमानत याचिका का विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिशा खालिस्तान समर्थक संगठन पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन (PJF) द्वारा बुलाई गई जूम मीटिंग से 'जुड़ी' हुई थी। पुलिस की तरफ से दलील दे रहे एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि ये संगठन कनाडा से चलते हैं और चाहते थे कि कोई लाल किले और इंडिया गेट पर झंडा फरहाए। वो किसान आंदोलन की आड़ में ऐसा करना चाहते थे। इसलिए PJF मामले में शामिल है।

सुनवाई

अन्य आरोपियों से करवाया जाएगा आमना-सामना

पुलिस की तरफ से कहा गया कि दिशा को अपने कामों के आपराधिक प्रवृति के होने की जानकारी दी थी और आगे की जांच में 'भारत को बदनाम करने के भयावह डिजाइन' का खुलासा होगा। पुलिस ने कहा कि दिशा ने इस मामले में दो अन्य आरोपियों पर दोष मढ़ा है और उनकी गिरफ्तारी के बाद तीनों का आमना-सामना करवाया जाएगा। पुलिस ने कहा जमानत देने से हिरासत में की गई पूछताछ के उद्देश्य पर असर पड़ेगा।

सुनवाई

भारत को बदनाम करने की साजिश थी- दिल्ली पुलिस

सुनवाई के दौरान पुलिस की तरफ से कहा गया है कि यह सिर्फ टूलकिट का मामला नहीं बल्कि भारत को बदनाम करने और असंतोष भड़काने की योजना थी। अंतिम टूलकिट को PJF के साथ शेयर भी किया गया था। पुलिस ने कहा कि आरोपी PJF के साथ मिलकर साजिश रच रहे थे और उन्होंने संगठन के साथ तीन जूम मीटिंग शेड्यूल की थी। PJF ने आपराधिक साजिश रचने के लिए दिशा से संपर्क किया था।

सुनवाई

दिशा की तरफ से क्या दलील दी गई?

दूसरी तरफ दिशा के वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस का दिशा के साथ कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर किसानों के मुद्दों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाना देशद्रोह है तो वो जेल में रहना पसंद करेंगे। दिल्ली पुलिस की दलीलों का जवाब देते बचाव पक्ष ने कहा कि दिशा बेवजह हल्ला नहीं मचा रही हैं। इसके पीछे पर्यावरण और खेती और उन दोनों के बीच का रिश्ता है।

दलील

"दिशा का खालिस्तान आंदोलन से कोई संबंध नहीं"

सुनवाई के दौरान दलील देते हुए बचावपक्ष ने कहा कि दिशा का खालिस्तानी आंदोलन के साथ किसी तरह का संबंध नहीं है और वह जांच के दौरान सहयोग करने के लिए पूरी तरह तैयार है। इस दौरान अदालत ने दिल्ली पुलिस से दिशा का गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा से संबंध होने के सबूतों के बारे में भी पूछा। अदालत ने कहा कि उनके खिलाफ कोई सबूत है या सिर्फ अनुमानों के आधार पर सब कुछ माना जा रहा है।