ट्रैक्टर रैली में हिंसा: दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई के लिए आम जनता से मांगा सहयोग

देश की राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा और उत्पात के मामले में पुलिस तेजी से अपनी कार्रवाई बढ़ा रही है। पुलिस मामले में अब तक 33 FIR दर्ज करते हुए 19 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसके अलावा पुलिस ने अब तेजी से कार्रवाई के लिए आम जनता का सहयोग मांगते हुए हिंसा से संबंधित घटनाओं के वीडियो, फोटो और बयान उपलब्ध कराने की अपील की है।
किसानों की ओर से गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में बुलाई ट्रैक्टर परेड में एक धड़ा शुरूआत में ही तय रास्ते से हट गया और ITO होते हुए लाल किले की तरफ निकल गया। इस दौरान उनकी ITO और लाल किला सहित मुकरबा चौक, गाजीपुर, ITO, सीमापुरी, नांगलोई, टिकरी बॉर्डर पर पुलिस के साथ जबरदस्त भिडंत हुई। इसमें कम से कम 394 पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस को मजबूरन लाठीचार्ज और आंसू गैस का प्रयोग करना पड़ा।
दिल्ली पुलिस की तरफ से जारी अपील में कहा गया है, "26 जनवरी को प्रदर्शनकारी किसानों ने एक ट्रैक्टर रैली निकाली थी और दिल्ली में हिंसा भड़काई थी। मीडियाकर्मी सहित जनता के सभी सदस्य जो घटनाओं के गवाह हैं या जिनके पास घटना के बारे में कोई जानकारी है या मोबाइल फोन पर कोई गितिविधि रिकॉर्ड की है। उनसे अनुरोध है कि वे आगे आएं और अपने बयान, फुटेज, तस्वीर कार्य दिवस में पुरानी दिल्ली पुलिस मुख्यायल पर उपलब्ध कराए।"
पुलिस ने सहयोग के लिए 87508-71237 और 011-23490094 नंबर और ईमेल आईडी भी दिए हैं। इसके अलावा वादा भी किया है कि गवाह की पहचान को पूरी तरह से गुप्त रखा जाएगा। लोगों से सहयोग से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकेगी।
गणतंत्र दिवस हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने अब तक कुल 33 FIR दर्ज की है। इनमें जानलेवा हमले, डकैती, सरकारी काम में रुकावट डालने और नियम तोड़ने जैसी धाराएं लगाई गई हैं। एक FIR में किसान नेता राकेश टिकैत, दर्शन पाल, राजिंदर सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्जगिल और जोगिंदर सिंह को आरोपी बनाया गया है। इसके अलावा पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू के खिलाफ भी FIR दर्ज की है।
पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने बताया कि मामले में अब तक 19 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके अलावा योगेंद्र यादव, बलबीर सिंह राजेवाल समेत कुल 20 किसान नेताओं को नोटिस भेजकर तीन दिनों के भीतर जवाब मांगा गया है।
हिंसा को लेकर पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) और राजद्रोह के तहत भी कई आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं। इतना ही नहीं पुलिस ने इनमें से नौ FIR क्राइम ब्रांच को भेजी है। ऐसे में इन मामलों की जांच क्राइम ब्रांच के साथ स्पेशल सेल भी करेगी। पुलिस हिंसा वाले इलाकों का डंप डाटा भी निकाला जा रहा है। इसमें घटना वाले दिन संबंधित टावर के रेंज में रहने वाले लोगों का पता चल सकेगा।