उत्तर प्रदेश: दुघर्टना में मौत के बाद तिरंगे में लपेटा किसान का शव, मामला दर्ज
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में तिरंगे के अपमान का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां किसान आंदोलन में शामिल होने जा रहे एक किसान की दुर्घटना में मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने किसान के शव को सम्मान देने के लिए अंतिम संस्कार से पहले उसे तिरंगे में लपेट दिया। मामले का खुलासा होने के बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। इसको लेकर पुलिस ने मृतक किसान की मां और भाई के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
गाजीपुर बॉर्डर जाते समय हुई थी किसान की मौत
पीलीभीत के पुलिस अधीक्षक (SP) जय प्रकाश ने बताया कि मृतक किसान बलजिंदर सिंह (32) वर्षीय थे। वो गत 25 जनवरी को किसानों की टै्रक्टर रैली में शामिल होने को लेकर गाजीपुर बॉर्डर के लिए रवाना हुए थे। वहां एक सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई। इसके बाद पुलिस ने शव को मोर्चरी में रखवा दिया। शव की पहचान होने के बाद परिजन गत 3 फरवरी को गाजीपुर मोर्चरी से शव को लेकर गांव लौट आए।
परिजनों ने तिरंगे में लपेटकर निकाली बलजिंदर की अंतिम यात्रा
SP जय प्रकाश ने बताया कि बलजिंदर के परिजनों ने शव को घर लाने के बाद उसे शहीद का दर्जा देने के लिए तिरंगे में लपेट दिया। इसके बाद उन्होंने शव की अंतिम यात्रा निकाली और बाद में उसका अंतिम संस्कार कर दिया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। उन्होंने बताया कि मामला प्रकाश में आने के बाद पुलिस ने बलजिंदर के घर पहुंचकर मामले की पूरी जानकारी ली और इसे तिरंगे का अपमान बताया।
मां और भाई के खिलाफ दर्ज किया तिरंगे के अपमान का मामला
SP जय प्रकाश ने बताया कि वीडियो के आधार पर शव को अनाधिकृत रूप से तिरंगे में लपेटने को लेकर मृतक बलजिंदर की मां जसवीर कौर और भाई गुरविंदर सिंह के खिलाफ सेहरामऊ पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है। मामले की रिपोर्ट थानाप्रभारी आशुतोष रघुवंशी ने दी है। उन्होंने बताया कि कानून के अनुसार तिरंगे का अपमान करने पर तीन साल की सजा का प्रावधान है। ऐसे में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यह है तिरंगे में शव लपेटे जाने का नियम
SP ने बताया कि राष्ट्रीय ध्वज आचार संहिता, 2002 व राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 की धारा-2 के तहत राष्ट्रीय ध्वज को केवल देश में शहीद हुए सैनिकों या राजकीय सम्मान देने के लिए शव को लपेटने के रूप में उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा अन्य किसी मामले में तिरंगे में शव को नहीं लपेटा जा सकता है। ऐसा करने पर उसे राष्ट्रीय ध्वज का अपमान माना जाता है। इसमें तीन साल की सजा का प्रावधान है।