चिदंबरम को नहीं भेजा जाएगा तिहाड़ जेल, सुप्रीम कोर्ट ने तीन दिन बढ़ाई CBI कस्टडी

INX मीडिया केस में कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को तिहाड़ जेल नहीं भेजा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने चिदंबरम को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की कस्टडी में ही रखने का आदेश दिया है। चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने उन्हें इस उम्र में तिहाड़ न भेजने और हाउस अरेस्ट में रखने की अपील की थी। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने चिदंबरम को जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट जाने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट INX मीडिया केस में उनके खिलाफ जारी किए गए गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट और CBI कस्टडी पर विशेष CBI अदालत के फैसले के खिलाफ चिदंबरम की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। कपिल सिब्बल ने कोर्ट से चिदंबमर को जमानत देने की मांग की, जिसे कोर्ट ने ये कहते हुए खारिज कर दिया कि जमानत के लिए वह ट्रायल कोर्ट जाएं क्योंकि ये ट्रायल कोर्ट का अधिकार क्षेत्र है।
इसके बाद सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि चिदंबरम 74 साल के हो गए हैं और उन्हें तिहाड़ जेल नहीं भेजा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हाउस अरेस्ट में रखा जाए और जमानत के लिए आवेदन करने की अनुमति दी जाए। CBI ने सिब्बल की इस दलील का विरोध किया और कहा कि जमानत का फैसला ट्रायल कोर्ट को करना चाहिए और चिदंबरम को किसी प्रकार का संरक्षण न मिले।
दोनों तरफ की दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने चिदंबरम को तिहाड़ भेजने पर रोक लगा दी। कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को चिदंबरम की अंतरिम जमानत की याचिका पर विचार करने को कहा है। अगर ट्रायल कोर्ट ये याचिका खारिज कर देता है तो चिदंबरम अगले तीन दिन CBI कस्टडी में ही रखा जाएगा। बता दें कि CBI कस्टडी खत्म होने के बाद चिदंबरम पर न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेजे जाने की तलवार लटक रही थी।
INX मीडिया केस में 21 अगस्त को CBI ने चिदंबरम को उनके घर से गिरफ्तार किया था। 2007 के इस मामले में उन पर INX मीडिया कंपनी को FDI हासिल करने में वित्त मंत्री के तौर पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने का आरोप है। चिदंबरम तभी से CBI कस्टडी में थे और उन से लगातार पूछताछ हो रही थी। CBI ने 55 घंटे की पूछताछ में उनसे 400 सवाल किए थे।