तालिबान के कब्जे के बाद भारत ने 260 भारतीयों सहित 550 लोगों को अफगानिस्तान से निकाला
तालिबान के कब्जे के बाद से अफगानिस्तान में हालात लगातार बदतर होते जा रहे हैं। भारत सहित विभिन्न देश वहां फंसे लोगों को निकालने में जुटे हैं। इसी बीच गुरुवार को काबुल हवाई अड्डे के पास हुए दो बम धमाकों ने लोगों को निकालने के अभियान को बड़ा झटका दिया है। इधर, भारत सरकार ने कहा कि अफगानिस्तान से अब तक छह विशेष उड़ानों के जरिए 260 भारतीय नागरिकों सहित कुल 550 लोगों को सुरक्षित भारत लगाया जा चुका है।
भारतीयों को निकालने के लिए ली अलग अलग एजेंसियों की मदद- बागची
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, "हमने काबुल और दुशांबे से छह अलग-अलग उड़ानें संचालित की थीं जिसमें 550 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। इनमें 260 से अधिक भारतीय नागरिक शामिल थे।" उन्होंने आगे कहा, "भारत सरकार ने अलग-अलग एजेंसियों के माध्यम से अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को बाहर निकाला है। अपने नागरिकों की निकासी के दौरान हम अमेरिका और तजाकिस्तान जैसे देशों के संपर्क में थे।"
भारत लौटने की इच्छा रखने वाले लगभग सभी लोगों को निकाला- बागची
बागची ने कहा, "हमने भारत लौटने की इच्छा रखने वाले लगभग सभी भारतीय लोगों को अफगानिस्तान से सुरक्षित बाहर निकाल लिया है। हालांकि, अभी भी कुछ और लोगों की अफगानिस्तान में होने की संभावना है, लेकिन कितने लोग होंगे इसकी कोई सटीक संख्या नहीं है।" उन्होंने कहा, "अफगानिस्तान से अंतिम उड़ान में करीब 40 लोग थे और अफगान सिखों और हिंदुओं सहित कुछ अफगान नागरिकों को भी वहां से निकाला गया है।"
अफगानिस्तान में फंसे सभी भारतीयों को निकालना है प्राथमिकता- बागची
बागची ने कहा कि सरकार का पहली प्राथमिकता अफगानिस्तान में फंसे सभी भारतीयों की सुरक्षित वापसी पर है, लेकिन सरकार अफगान नागरिकों के साथ भी खड़ी रहेगी। उन्होंने कहा कि सरकार भारतीय नागिरकों के साथ साथ अफगानी नागरिकों और अन्य देशों के नागरिकों को भी संकट ग्रस्त देश से बाहर लाने में कामयाब रही है। भारत लौटे लोगों में से अधिकांश हिंदू और सिख समुदाय के लोग हैं। अफगानिस्तान में वर्तमान में हालात बेहद खराब हैं।
काबुल में सरकार के गठन पर अभी नहीं है कोई स्पष्टता
बागची ने कहा कि काबुल में सरकार के गठन के बारे में कोई स्पष्टता नहीं है। इसके बाद भी सरकार काबुल में स्थिति की बहुत सावधानी से निगरानी कर रही है। सरकार वहां फंसे बचे हुए लोगों को निकालने की संभावनाएं भी तलाश रही है। उन्होंने कहा कि भारत आ रहे अफगानिस्तान के नागरिकों के लिए विदेश मंत्रालय ने ई-इमरजेंसी वीजा का ऐलान किया है। ये वीजा छह महीने के लिए मान्य होंगे। उसके बाद आगे का निर्णय किया जाएगा।
काबुल हवाई अड्डे के पास हुए थे दो धमाके
अफगानिस्तान से लोगों को निकालने के अभियान के बीच गुरुवार शाम को काबुल हवाई अड्डे के पास दो बम धमाके हुए थे। इसमें 13 अमेरिकी सैनिकों सहित कुल 110 लोगों की मौत हुई है और 150 से अधिक लोग घायल हुए हैं। हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट (ISIS) खुरासान ने ली है। हमले को लेकर अमेरिका ने कहा है कि वह दोषियों को कभी नहीं भूलेगा और उन्हें ढूंढकर इसकी सजा देगा। इसके बाद से निकासी कार्य बाधित है।
अमेरिका ने की 31 अगस्त के बाद अफगानिस्तान में सेना नहीं रखने की घोषणा
धमाकों के बाद यूनाइटेड किंगडम (UK) ने अपने निकासी अभियान के अंतिम चरण में होने तथा आगे का अभियान कुछ समय के लिए बंद करने को कहा था। इसी तरह कुछ अन्य यूरोपीय देशों जैसे स्पेन, इटली और फ्रांस ने भी शुक्रवार को निकासी अभियान को बंद करने की अपनी योजनाओं की जानकारी दी है। इधर, अमेरिका ने कहा है कि वह 31 अगस्त के बाद अफगान धरती पर अपनी उपस्थिति का विस्तार नहीं करेगा।