अफगानिस्तान: काबुल यूनिवर्सिटी में हमलावरों ने की गोलीबारी, 19 छात्रों की मौत और कई घायल
अफगानिस्तान में आतंकी हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। आतंकी आए दिन सार्वजनिक स्थल और पूजा स्थलों को निशाना बनाकर लोगों की जिंदगी छीन रहे हैं। सोमवार को भी काबुल यूनिवर्सिटी में बंदूकधारी हमलावरों ने अंधाधुंध फायरिंग कर 19 छात्रों को मौत के घाट उतार दिया। इसके अलावा कई अन्य छात्र घायल हो गए। सूचना पर पहुंची पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों ने यूनिवर्सिटी परसिर को घेर लिया और हमलावरों से मुठभेड़ जारी है।
हमलावरों ने छात्रों को बनाया निशाना
TOI के अनुसार एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि दोपहर में अचानक बंदूकधारी हमलवार यूनिवर्सिटी में घुस आए उन्होंने अंधाधुंध गोलिया बरसना शुरू कर दिया। हमलावर छात्रों को अपना निशाना बना रहे थे। उन्होंने बताया कि वह अपने दोस्तों के ग्रुप के साथ मुख्य द्वारा भागने में सफल रहे। हमले के दौरान यूनिवर्सिटी में छात्रों की चीख-पुकार गूंज उठी थी। हर कोई अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भाग रहा था, लेकिन कई छात्र गोली लगने से घायल हो गए।
कम से कम 19 छात्रों के मारे जाने की हुई पुष्टि
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि हमले में कम से कम 19 छात्रों की मौत हो गई और करीब 25 घायल हो गए। पुलिस ने घायलों को अस्पताल पहुंचा दिया है। आंतरिक मंत्रालय के प्रवक्ता तारिक एरियन ने बताया कि पुलिस और सुरक्षाबलों की हमलावरों से मुठभेड़ चल रही है और यूनिवर्सिटी से छात्रों को बाहर निकालने का अभियान जारी है। हमलावरों को किसी भी सूरत में बचकर नहीं जाने दिया जाएगा।
यहां देखें हमले का वीडियो
किसी भी संगठन ने नहीं ली हमले की जिम्मेदारी
अभी तक किसी भी आतंकी संगठन ने काबुल विश्वविद्यालय पर हुए हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। तालिबान की ओर से अभी तक इस घटना पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है। इन दिनों तालिबान का शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व कतर की राजधानी दोहा में अफगानिस्तान सरकार के साथ शांति वार्ता कर रहा है। इस बीच आतंकियों के लगातार बढ़ते भीषण हमले से बातचीत के ऊपर भी असर पड़ने की संभावना बढ़ गई है। मामले की जांच जारी है।
नाटो ने की हमले की निंदा
अफगानिस्तान के नाटो के वरिष्ठ नागरिक प्रतिनिधि स्टेफानो पोंटेकोरो ने हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा, "काबुल में 10 दिनों में शिक्षा संस्थानों पर यह दूसरा हमला है। सरकार को अफगानिस्तानी बच्चों और युवाओं को स्कूल-कॉलेज जाने के दौरान सुरक्षित महसूस करने की जरूरत है।" उन्होंने कहा कि हमला उस समय किया गया जब बच्चे पढ़ाई के लिए यूनिवर्सिटी में गए थे और उन्हें हमले का कोई अंदेशा नहीं था।
पहले भी हो चुके हैं शिक्षा संस्थानों पर हमले
बता दें कि आतंकी संगठन ISIL ने पिछले महीने दश्त-ए-बारची के एक शिक्षा केंद्र में आत्मघाती हमला किया था। उसमें 24 छात्रों की मौत हो गई थी। इसी तरह पिछले साल काबुल यूनिवर्सिटी परिसर के दरवाजे के बाहर भी आतंकियों ने बम धमाका किया था। उसमें आठ लोगों की मौत हो गई थी। इसी प्रकार साल 2016 में भी बंदूकधारियों ने एक अमेरिकी विश्वविद्यालय पर हमला कर दिया था। जिसमें 13 लोगों की मौत हो गई थी।